9 जुलाई के गुरुपूर्णिमा पर्व पर विश्वगुरु भगवन विश्वामित्र और सूर्यवँशी हरिश्चंद्र पुत्र अयोध्या सम्राट रोहताश्व का रोहतास गढ़ का किला और कर्मनाशी नदी की सत्यकथा:-

पिता श्री हरिश्चंद्र ने भी अपने पिता श्री सत्यव्रत त्रिशंकु के लिए श्री गुरुदेव भगवन विश्वामित्र द्धारा स्वनिर्मित नवीन स्वर्ग.. सिद्धार्यन स्वर्ग को स्वर्गारोहण करने के उपरांत अयोध्या में बारह वर्ष तक राज्य किया इसके उपरांत उन्होंने एक सदूर एक रमणीक भूमि का चयन करते हुए वहाँ अपने विहार के...

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राष्टीय चिकित्सक दिवस

(?1जुलाई हैप्पी डाक्टर्स डे?) चिकित्सक रूप में जीवित इस जगत में है भगवान। स्नेह सेवा समर्पण दे नित्य रोगी बचाये प्रान।। ओषधि का ज्ञान दे और निज आश्रय दे रोगी। चारों पहर देखभाल कर रोगी बनाये निरोगी।। पथ्य अपथ्य नियमित करे और दुःख संकट हरता पीर। मुस्कान से स्वागत करे...

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गुरु कृपा का अर्थ

गुरु कृपा का अर्थ नहीं कभी ना आये दुःख। बल्कि बढ़े धीरज धर्म और मिले अंत में सुख।। सच्चा मार्ग पता चले और कर्म संग ज्ञान। विनम्रता सज्जन सहज गुण बढ़े आत्म सम्मान।। मानवता की समझ हो मिटे जाति जीव भेद। हम एक ईश्वर स्वरूप है भिन्नता में भी अभेद।।...

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9 जुलाई गुरुपूर्णिमा पर्व पर भगवान विश्वामित्र की देव और दैत्यों में समान प्रतिष्ठा और असुरों को आर्य बनाने का महान अभियान ओर परम् वेदज्ञ शिष्य शुनःशेप की प्राप्ति कथा:-

भारतवर्ष में इनके विषय में अपने अपने प्रदेश में अनेक कथा कही जाती है दक्षिण में ये कथा है की भगवान महर्षि विश्वामित्र महान तपस्वी थे उन्हें बचपन में गुरुकुल से ही उन्हें मन्त्रों के दर्शन होने शुरू हो गए थे इसलिए उन्हें एक दरिद्रता के वशीभूत सो गाय लेकर...

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सत्यास्मि दर्शन का चार्वाक और सनातन चिंतन

जेसे अनेक ब्रह्मर्षियों के विषय में उनकी अनेक संतानों को लेकर भ्रांतियां है की महर्षि वशिष्ठ के सो पुत्र थे अथवा भगवन विश्वामित्र के सो पुत्र थे ये एक प्रकार से असम्भव है क्योकि जो ब्रह्मज्ञानी है जिन्हें आत्मतत्व का साक्षात्कार हो गया है वे ऊर्ध्वरेता योगी बन जाते है...

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गुरु का वर्तमान अर्थ

गुरुदेव अर्थ वर्तमान है जन सेवक का दास। मनवांछित कार्य कर्म गुरु बनाते निज आस।। गुरु नाम कठपुतली बना जिसकी शिष्य हाथ है डोर। जब मन आये उपयोग करे चलाये पंचम अंगुली पोर।। पाँच मनोरथ सिद्ध करे अर्थ धर्म काम विश्राम।। और जगता गुरु रहे दे पहरा शिष्य के धाम।।...

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जून पूर्णिमा वर्मन पत्रकार शुभ जन्मदिवस

पच्चीस जून जन्मदिवस है एक नारी पत्रिकारिता विभोम। अध्ययन मनन चिंतन कला अभिव्यक्त अंतर्मन अनंत व्योम।। प्रकाशित अर्थ व्यक्त उस पूर्णिमा बर्मन नाम। अभिव्यक्ति और अनुभूत रचना जग लेखन देकर अविराम।। सामाजिक कल्याण कार्यान्वित कर पुरुषकृत पद्मभूषण सम्मान। प्रकर्ति रक्षण जागर्ति वन जीव ग्रीन ऑस्कर व्हिटली वर्तमान।। लेखन सम्पादन ग्राफिक्स...

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27 जून – पी टी उषा उड़ान परी

सत्ताईस जून चौसठ को जन्मी भारत की पी टी उषा। केरल प्रदेश पय्योली गांव ज्यो शुभ प्रातः लाली विभूषा।। चमकी एशियाड ब्यासी में और लांस ओलोम्पिक चोरासी। पदको से भर भारत झोली दौडाक भारत इतिहास की वासी।। वी श्री निवासन पति उषा के एक उज्ज्वल संतति उषा। कार्यरत रेलवे भारत...

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27 जून बंकिम् चन्द्र चटोपाध्याय जन्मोउत्सव:

अग्नि लगा दी जिसने तन मन जगा दी क्रांति जन जन। दीप प्रज्वलित किया हर आंगन वंदे मातरम् घोषे रक्त कण कण।। मैं भी हूँ माता का लाल दूँ प्राण भारती चरण डाल। कट जाये सर काट काट कर गर्वित करूँ भारत माँ भाल।। जय हो जय हो माँ तेरी...

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श्रीगुरु तत्वज्ञान और गुरु चंडाल दोष निवारण गुरु पूर्णिमा कथा

प्राचीन समय की बात है कि सत्यनारायण और सत्यई पूर्णिमा अपने सत्यलोक में बेठे धर्म विषय पर चर्चा कर रहे थे ज्ञान चर्चा का विषय गुरु शिष्य परम्परा पर था की गुरु क्यों आवश्यक है और शिष्य में किन गुणों की प्रधानता होने पर ही वो लौकिक और अलौकिक ज्ञान...

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