गुरु पूर्णिमाँ

गुरु आदि गुरु अनादि गुरु जप तप ध्यान समाधि। गुरु सेवा मोक्ष मेवा गुरु ही शांति जगत व्याधि।। गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु ही सिद्ध महेश्वर। गुरु त्रिदेव जीवंत स्वरूप गुरु दत्तात्रेय गुरुवेश्वर।। गुरु ही मंत्र गुरु ही तंत्र गुरु ही परोक्ष अपरोक्ष। गुरु सृष्टि गुरु अनंता गुरु पाना ही...

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सभी पूर्णिमाँ की संतान है

जो भी जन्मा पूर्णिमाँ वो पूर्णिमा की संतान। चौथ अष्टमी नवी एकादशी सभी पूर्णिमाँ पुत्र भगवान।। सत्यनारायण अवतार सब ब्रह्मा विष्णु शिव। पूर्णिमा इन सबकी माता है तभी जन्में मात अमृत पीव।। सरस्वती लक्ष्मी पार्वती ये पूर्णिमा भूमि अवतार। सीता राधा नारी सब पूर्णिमाँ सौलह कला सदेह सार।। सत्य पुरुष...

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अहम् सत्यास्मि गुरु पूर्णिमाँ उद्धघोष

ओ उठो जागो सिंहो सनातन धर्म वीर। तुम ईश संतति त्याग बंधन की पीर।। तोड़ निंद्रा अज्ञान चलो आत्म के पथ। मैं हूँ कौन खोजते अंवेषणा के गत।। जब तक मिले न लक्ष्य खेल प्राणों की बाजी। सिंचित कर कर्म नीर खिला आत्म पुष्प अविभाजी।। मिटा भय अंध मेघ निज...

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शुभ सत्यास्मि ज्ञान प्रातः

काक चेष्टा बगुला ध्यानी और श्वान निंद्रा धारक। अल्पाहारी सेवाभावी यही शिष्य अर्थ तारक।। विषय आलोचना सुने करे पर गुरु निंदा नही श्रवण। हाँ में हाँ नही सच अनुभव कहे वही शिष्य गुरु विद्य वरण।। भावार्थ:-हे शिष्य जिस किसी मनुष्य में काँव की तरहां ये गुण और प्रयास होता है...

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5 अक्टूबर 2017 दिन गुरुवार को आश्वनि पूर्णिमा को भगवान सत्यनारायण और सत्यई पूर्णिमा के अवतार श्रीमद् यज्ञ भगवान दक्षिणा देवी जयंती कथा

आश्वनी पूर्णिमा जन्म अवतरण यज्ञ और यज्ञई दक्षिणा देवी। विष्णु सप्तम अवतार यज्ञ है यज्ञई लक्ष्मी विष्णु विवाह देवी।। यज्ञ की वामा यज्ञई पूर्णिमा की तृतीयावतार। चार वेद ऋचाएँ मंत्र करती ले आहूति भक्त उद्धार।। ?अवतरण कथा? शून्य जगत ब्रह्मांड विहीन नहीं कोई त्रिगुण शेष। केवल एक्त्त्व शून्य अनंत व्याप्त...

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भारत माता की नारित्त्व अवतरण पूर्णिमाँ सत्यास्मि ज्ञान

जब जब धर्म की होगी हानि तब तब मैं लुंगी अवतार। दुर्गा काली बन कर मैं काटू अधर्मी शीश तलवार।। दुर्गावती मैं ही बनती और बनती लक्ष्मी बाई। लड़ती स्व स्वतंत्रता हेतु बन कर अवंतिका बाई।। जब पुरुष नही देता है संग और बढ़ता जाता है अहंकार। समझे नारी को...

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9 जुलाई गुरु पूर्णिमा पर्व पर भगवान विश्वामित्र और मेनका गंधर्व विवाह योगार्थ व् शकुंतला जन्मकथा प्रसंग:

विराटचित्र विश्वामित्र सूर्यवंश अतुल गौरव। इसी आर्य गंधर्व विवाहिता गंधर्व मेनका कश्यप सौरव।। आदिपुरुष कश्यप पुत्री कन्या प्राधा प्राचेतस दक्ष। सर्वश्रेष्ठ अप्सरा नारी सर्वांग सम्पन्न गुण पक्ष।। विश्वामित्र तपोभूमि तपे तप तप बढ़ा उग्र। उद्धेश्य राग वेराग्य नहीं यूँ मन तन रहा उग्र।। योग प्रकर्ति नियम परम् पहुँचे योग पँच...

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जय भारत जय सनातन धर्म

?पाकिस्तान और चीन के उपद्रवी लोगों और उसके समर्थकों को सदबुद्धि और आतंकवाद के सम्पूर्ण विनाश के लिए सत्यास्मि मिशन का सम्पूर्ण भारत में अपने देश से प्रेम करने वाले राष्टभक्तों और अपने देश में शांति की इच्छा और सुखद रखने वाले भक्तों व् हिन्दुत्त्व भावनाओं के प्रबल समर्थकों को...

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9 जुलाई 2017 गुरु पूर्णिमा पर्व विश्वगुरु भगवान विश्वामित्र जन्मोउत्सव पर उनके जनकल्याण को अविष्कारित वनस्पति आलू और मूंगफली में नर(पुरुष) और नारायण(स्त्री) की दिव्यांश की स्थापना आश्वनी पूर्णिमा “शरद पूर्णिमा’ पर्व की कथा:-

श्रीमद्भ सत्यनारायण के चतुर्थ अवतार भगवान विश्वामित्र द्धारा जनकल्याण के तपस्यार्थ हेतु एक ऐसा दिव्य खाद्य पदार्थ वनस्पति का अविष्कार किया जिसका वर्तमान तक भी सारे विश्व भर में प्रचलन है ये सब उन्होंने आश्वनी पूर्णिमा जिसे शरद पूर्णिमा तथा जागर्ति पूर्णिमा या आश्वनी कुमार और आश्वनि कुमारी देव देवी...

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पूर्णिमा का व्रत चौदस के दिन या पूर्णिमा के दिन कब करें

सच में तो पूर्णिमा का अर्थ ही सायंकाल के चन्द्र उदय से प्रातः ब्रह्म महूर्त के समय तक ही पूर्णमासी का व्रत कहलाता है और तभी करना चाहिये चूँकि हमारे ज्योतिष का मुख्यधार चन्द्र और उसकी इकत्तीस कलाएं यानि पन्द्रह कला अमावस की और सौलह कलाएं मिलकर जिनमें मुख्यतया चौदह+चौदह=अट्ठाईस+एक...

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