सिद्धि मिलनी आसान सम्भलनी कठिन

बहुत पुरानी बात हैं एक बार एक भक्त गुलावठी से आये वे बैंक में सरकारी सर्विस करते थे उन्होंने अपने प्रश्न और उत्तर को मेरे बताने के उपरांत फिर विस्तार से अपनी बात बताई की उनकी पत्नी को किसी तांत्रिक के कारण काली की सिद्धि हुयी जबकि उस तांत्रिक को...

Continue reading

मेरी हनुमान उपासना,दर्शन और सिद्धि

ये सन् 80 के दशक के अंत की बात है की मेरे मामा के बेटे भोपाल भैया वे राजनैतिक क्षेत्र और यूनियन लीडर थे वे किसी अपने काम से जयपुर गए वहाँ हम उनसे छोटे भाई नेपाल भैया जो बचपन से हमारे पास ही रहे है वे बिड़ला बिट्स स्कुल...

Continue reading

अहम् सत्यास्मि-सत्य गुरु ॐ गुरु सिद्धायै नमः गुरुवेश्वर। स्वयमेव भगवान गुरुआस्मि तस्मै श्री सत्य ॐ गुरु शरणं।।

गुरु जीवित परब्रह्म है गुरु जीवित ब्रह्मदेव। गुरु जीवित विष्णु परम् गुरु जीवित है महादेव।। गुरु मंत्र महामंत्र है गुरु तारक मंत्र भवसागर। गुरु जीवित विद्या परम् गुरु जीवित अमृत गागर।। गुरु सेवा तारण मोक्ष है गुरु वाक्य वेद जीवन्त। गुरु ध्यान आत्म जागरण गुरु जीवंत पुराण किवदंत।। गुरु अवज्ञा...

Continue reading

भक्त अनिल ध्यानी का आध्यात्मअंत*

15 अप्रैल 1968 जन्में इस भक्त अनिल गुप्ता के घर से अचानक कहीं चले जाने पर की मैं गुरु की खोज और तपस्या के लिए तीर्थों पर जा रहा हूँ इस बात को लेकर इसकी माता और इसका भाई मनोज मेरे पास आये की गुरु जी इसका पता बताओ और...

Continue reading

रानी शर्मा की गुरु मंत्र भक्ति और केंसर से मुक्ति तथा भक्तिअंत

ये भक्त बहुत वर्षों से जुडी हुयी थी परन्तु प्रारम्भ के वर्षों में केवल कोई समस्या होती तभी आश्रम आती थी एक बार ये अपने एकलौते लड़के मोहित के विषय में पूछने आई मेने कहा की ये सामान्य और विघ्नों के साथ पढ़ेगा इसके जीवन में अनेक संकट अचानक आएंगे...

Continue reading

सिद्धासिद्ध महामंत्र की दिव्य दीक्षा प्राप्ति

  सिद्धासिद्ध महामंत्र सत्य ॐ सिद्धायै नमः तो इस घटना से बहुत वर्ष पहले ही मेरे ध्यान समाधि में अवतरित हो चूका था पर मुझे उसके निरंतर जप ध्यान से अनगिनत दिव्य दर्शनों और भक्तों को भी शक्तिदीक्षा और उनके भौतिक और आध्यात्मिम उन्नति लाभ उपरांत भी मेरे अंतर्मन में...

Continue reading

9 अगस्त भारत छोडो आंदोलन✊

ओ अंग्रेजों भारत छोडो देश स्वतंत्र करो हमारा। स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्धाधिकार स्वतंत्र होकर रहेगा देश हमारा।। इसी नारे से नो अगस्त को जुटे सभी नर नारी देश। गांघी जी का नेतृत्व प्रथम हैं करो या मरो नारा ले देश।। सविनय अवज्ञा आंदोलन था ये जिसमें सभी स्वतंत्र स्वनेता थे। जन...

Continue reading

मेरा दिव्य दर्शन व् शक्तिपात से भक्त तारादेवी की आध्यात्मिक यात्रा और समापन

ये भी 1993 की घटना है की एक भक्त परिवार और उनकी माता तारादेवी शर्मा जो उस समय लगभग 52 साल आयु की थी और दिल्ली युनिवर्सटी से ग्रेजुएट थी उनके पति जगदीश शर्मा बुलन्दशहर में एडवोकेट थे आश्रम से अपनी परिवारिक समस्या को लेकर जुडी तब उन्हें गम्भीर ध्यान...

Continue reading

भक्त को प्रेत व सिद्धात्मा दर्शन और उसका सही उपयोग नही कर पाने से सिद्धि की समाप्ति

ये बहुत पुरानी लगभग सन् 1992-93 की बात है की मेरे छोटे भाई के एक गहरे मित्र मंजीत जो वर्तमान में एक प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्य और शिवशक्ति पीठाधीश्वर भी है और उसकी बहिन अरुणा जो अपनी सुसराल जिला अलीगढ़ में सरकारी जूनियर विद्यालय में अध्यापक और सुखी ग्रहस्थ जीवन व्यतीत कर...

Continue reading