स्त्रियुगों का सत्यार्थ प्रमाण:

स्त्रियुगों का सत्यार्थ प्रमाण-इस विषय को प्रमाण के साथ समझाते हुए स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी बता रहें हैं की- अनेक धार्मिक जिज्ञासु विद्धानों ने सत्यास्मि धर्म ग्रन्थ का अध्ययन कर ये प्रश्न किया की- इस ज्ञान का प्रमाण क्या है? की आपके प्रकाशित सत्यास्मि धर्म ग्रन्थ में दिए पुरुष युगों...

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गुरु-मंत्र-जप-रहस्य-सिद्धि क्या है

गुरु-मंत्र-जप-रहस्य-सिद्धि क्या है,इस विषय को स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी ने अपने सत्यास्मि धर्म ग्रंथ में गद्य और पद्य में वर्णित किया है,जिसका एक कवित्त्व अंश यहाँ भक्तों के ज्ञान वर्धन के लिए दिया है… मैं कौन हूँ,मैं कौन हूँ रटने से नहीं होता ज्ञान। इसी अर्थ संग ध्याना होता स्थूल...

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अज्ञान अमावस्या से ज्ञान पूर्णिमाँ तक

अज्ञान अमावस्या से ज्ञान पूर्णिमाँ तक..इस कवित्त्व के माध्यम से जनसंदेश देते हुए स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी बता रहें है की- अपने को जानो, अपने में छिपे सत्य को ज्ञान से उजागर कर सको.. जिस पद प्राप्त करते हुए भी हो रहे इंद्र सहित सब देव दीन। और दुखित सदा...

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भक्त और भगवान

भक्त और भगवान, क्या है और इनकी अपने अंदर कैसे प्राप्ति की जा सकती है,इस विषय पर अपनी लिखी इस कविता के माध्यम से आध्यात्मिकता की प्राप्ति के इच्छुक साधको को बता रहे है-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी.. भक्त बिना भगवान नहीं भगवान बिना ना भक्त। एक भक्ति,एक शक्ति है एक...

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स्त्री का सहस्त्रार चक्र(क्राउन चक्र),और कुंडलिनी पुरुष के सहस्त्रार चक्र और कुंडलिनी से बिलकुल भिन्न है,विश्व धर्म इतिहास में पहली बार सत्यास्मि मिशन के इस योगानुसंधान के विषय में बता रहे है-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी…

स्त्री का सहस्त्रार चक्र(क्राउन चक्र),और कुंडलिनी पुरुष के सहस्त्रार चक्र और कुंडलिनी से बिलकुल भिन्न है,विश्व धर्म इतिहास में पहली बार सत्यास्मि मिशन के इस योगानुसंधान के विषय में बता रहे है-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी… [भाग-14] स्त्री का सहस्त्रार चक्र अर्थ,रंग आक्रति,विषय आदि:- सहस्त्रार का सह+स्त्रार=यहाँ लौकिक भाषा में तो...

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स्त्री का आज्ञा चक्र(तीसरा नेत्र)

स्त्री का आज्ञा चक्र(तीसरा नेत्र)-स्त्री की कुंडलिनी और चक्र तथा उनके बीजमंत्र पुरुष की कुंडलिनी और चक्रों व् उनके बीजमंत्रों से बिलकुल भिन्न है-विश्व धर्म इतिहास में पहली बार सत्यास्मि मिशन की इस अद्धभुत योगानुसंधान के विषय में पहले प्रचलित वाममार्गी योग के एक एक क्रम से बता रहें हैं,फिर...

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स्त्री का विशुद्धि यानि कंठ चक्र-स्त्री की कुंडलिनी शक्ति और बीजमंत्र पुरुष की कुंडलिनी और बीजमंत्रों से बिलकुल भिन्न है-विश्व धर्म इतिहास में पहली बार सत्यास्मि मिशन की इस विश्व्यापी योगानुसन्धान के विषय में बता रहें हैं-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी…

स्त्री का विशुद्धि यानि कंठ चक्र-स्त्री की कुंडलिनी शक्ति और बीजमंत्र पुरुष की कुंडलिनी और बीजमंत्रों से बिलकुल भिन्न है-विश्व धर्म इतिहास में पहली बार सत्यास्मि मिशन की इस विश्व्यापी योगानुसन्धान के विषय में बता रहें हैं-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी… [भाग-12] विशुद्धि चक्र का अर्थ-रंग-वर्ण,जीव प्रतीक आदि:- विशिष्ठ शुद्धि-किसकी शुद्धि...

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स्त्री का ह्रदय चक्र(अनाहत चक्र)-स्त्री की कुंडलिनी शक्ति और बीज मंत्र पुरुष की कुंडलिनी शक्ति और बीजमंत्र से बिलकुल भिन्न है-सत्यास्मि मिशन की इस विश्व में पहली बार खोज स्त्री कुंडलिनी और इसके बीजमंत्र के विषय में बता रहें हैं-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी…

स्त्री का ह्रदय चक्र(अनाहत चक्र)-स्त्री की कुंडलिनी शक्ति और बीज मंत्र पुरुष की कुंडलिनी शक्ति और बीजमंत्र से बिलकुल भिन्न है-सत्यास्मि मिशन की इस विश्व में पहली बार खोज स्त्री कुंडलिनी और इसके बीजमंत्र के विषय में बता रहें हैं-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी… [भाग-11] ह्रदय चक्र और अनाहत चक्र में...

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स्त्री का नाभि चक्र (solar plex chakra),स्त्री की कुंडलिनी और उसके चक्र और उसमें स्थित बीज मंत्र,पुरुष की कुंडलिनी और उसके चक्रों तथा उसके बीजमंत्रो से बिलकुल भिन्न है,इस सत्यास्मि मिशन की ऐतिहासिक खोज और उसके जागरण की सम्पूर्ण तार्किक विधि रहस्य के विषय में बता रहे है-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी..

स्त्री का नाभि चक्र (solar plex chakra),स्त्री की कुंडलिनी और उसके चक्र और उसमें स्थित बीज मंत्र,पुरुष की कुंडलिनी और उसके चक्रों तथा उसके बीजमंत्रो से बिलकुल भिन्न है,इस सत्यास्मि मिशन की ऐतिहासिक खोज और उसके जागरण की सम्पूर्ण तार्किक विधि रहस्य के विषय में बता रहे है-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब...

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पूर्णिमाँ और सती अनसूया की आवला नवमी और आंवला एकादशी कथा:-

पूर्णिमाँ और सती अनसूया की आवला नवमी और आंवला एकादशी कथा:-कार्तिक माह के 17 नवम्बर 2018 शनिवार की नवमी की आंवला नवमी है.. 17 मार्च 2019 रविवार को आंवला एकादशी है.. एक बार सती अनसूया अपने अंतर्ज्योति में ध्यान मगन थी। तब उन्हें अनेक दिव्य वृक्षों के सजीव दर्शन होने...

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