श्री “शनि वरदायनी” पाठ
हे सूर्य पुत्र श्याम वर्ण हे शिव भक्त बलशाली। अति प्रभावी तीक्ष्ण द्रष्टि प्रसन्न भव् भाग्यशाली।। कालाग्नि कृतांत स्वरूपी शनै शनै गति धारी। उज्वल क्रांति अमावस रासी प्रसन्न भव हे वर धारी।। भास्कर पुत्र सूर्यनन्दन माता छाया यम भाई। यमुना बहिन वचन के रक्षक पुनः प्रसन्न हो अथाई।। हे न्यायधीश...