सत्य पूर्णिमाँ का प्रिय श्वेत मोर
प्राचीन काल में मोर के केवल दो रूप ही प्रमुख थे जिनमें एक नीलवर्ण और एक श्वेतवर्ण था जिसमें नील वर्ण को देवी सरस्वती ने और आगामी काल में शिवपुत्र कार्तिकेय ने अपनी प्रिय वाहन के रूप में ग्रहण किये और द्धापर युग में श्रीकृष्ण ने इसमें कामरूप कामनाओं को...