9 जनवरी 2020 दिन गुरुवार को बनाया मुग्ददर घूमने के 4 नए विश्व रिकॉर्ड,,

पफ़स्सि योग व्यायाम फाउंडर ओर यूनिवर्सल चैम्पियन स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने पिछले सबसे अधिक मुग्ददर घूमने ओर कांच के गिलासों पर पैर रख कर खड़े होकर घुमाने के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ कर,9 जनवरी 2020 गुरुवार को बनाया, नया “मुग्ददर वर्ल्ड रिकॉर्ड”,,

इस मुग्ददर घुमाने के वर्ल्ड रिकॉर्ड से कई साल पहले सन 2008 में हठ योग विषय के अंतर्गत एक तख्ते पर जड़ी नुकीली कीलों के आसन पर अनेक कठिन योगासन मुद्राओं को करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था,जो कि आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है।

मुग्ददर व्यायाम पद्धति, विश्व व्यायाम जगत में ओर विशेष कर भारत देश की सबसे पहली और प्राचीन व्यायाम पद्धति है,जिसे देश विदेश में अनेको नाम गुंगरी,गदा,Karlakattai,Persian meels, Mugdar,Indian clubs,, आदि
से जाना जाता है,इस मुग्ददर व्यायाम में उपयोग होने वाला एक लकड़ी के ढाई किलो से लेकर 50 किलो से ओर भी अधिक वजनी लट्ठे से बने दो लट्ठे को,जिसमें हाथ की मुट्ठियों से पकड़ कर उठाकर घुमाने के लिए एक खड़ा हेंडिल लगा होता है,उसे पकड़कर कर अपने सिर के ऊपर से लेकर पीठ के पीछे या अनेकों एंगीलो यानी मुद्राओं से घुमाया जाता है,ये मनुष्य शरीर के सभी अंगों का,विशेष के कलाई,सीने, कंधे,कमर,गर्दन का एक साथ ही,यानी पेट और कमर से ऊपरी भाग के सभी अंगों का बहुत ही उपयोगी व्यायाम इंस्ट्यूमेन्ट है,इसके नियमित अभ्यास करने से हमारे शरीर के हर अंग का बड़े सुडौलता के साथ उच्चतर विकास होता है और अद्धभुत बल की व्रद्धि होती है।ब्रह्मचर्य की उत्तम विकास होता है,पाचन बहुत बढ़िया रहता है।इसके सीखने से आपको सभी मार्शल आर्ट यानी युद्ध कला के अस्त्रों शस्त्रों का अभ्यास सहजता से सिद्ध हस्त हो जाता है,यो ये सभी व्यायामो का जनक व्यायाम इंस्ट्यूमेन्ट है।हमारे देश के सभी पहलवानी अखाड़ों में इसका बड़ा प्रचलन है,ये शक्ति प्रदर्शन का भी खेल है कि,कौन कितने वजन का मुग्ददर उठाकर घुमा सकता है और कितने प्रकार से घुमा सकता है।साथ ही बड़ा ही कलात्मक खेल भी है,इसके अभ्यासी पहलवान को मुग्ददर घूमाते देख दर्शक वर्ग मन्त्र मुग्द हो जाते है।
ये महावीर हनुमान जी से लेकर बलराम व भीम ओर अनेक राजा महाराजा,जैसे कृष्ण देव राय आदि ओर आज तक के विश्व प्रसिद्ध पहलवान गामा ओर राममूर्ति आदि का बड़ा प्रिय रहा है,विदेशी विश्व प्रसिद्ध जर्मन पहलवान यूजीन सेंडो भी इसका घुमने ओर उठाने का प्रदर्शन किया करता था।
अभी वर्तमान में मुग्ददर व्यायाम का विश्व रिकॉर्ड बुलन्दशहर को स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ओर भी आने अनेक नए रूप में करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
इस मुग्ददर घुमाने के वर्ल्ड रिकॉर्ड से कई साल पहले सन 2008 में हठ योग विषय के अंतर्गत एक तख्ते पर जड़ी नुकीली कीलों के आसन पर अनेक कठिन योगासन मुद्राओं को करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था,जो कि आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है।
स्वामी जी ने प्राचीन शक्ति वर्द्धक व्यायाम पद्धति पफ़स्सि योग व्यायाम को विकसित किया और अनेक शिष्यों को सीखकर देश विदेश तक प्रसारित ओर प्रचारित किया ओर कर है।
मुग्ददर पर स्वामी सत्येन्द्र जी के स्वास्थ्यवर्द्धक दोहे,,,

मुग्ददर कसरत सदा करो
अंग अंग बनता स्वस्थ।
शरीर सुडौल, बल बुद्धि बढ़े
मन रहता सदा ही मस्त।।
गर्दन कंधे भुजा बने
ओर बने सीना बलवान।
अद्धभुत कांति चहरे बढ़े
ओर बढ़े ब्रह्मचर्य महान।।
मुग्ददर जनक व्यायाम अस्त्र
बन गदा विराजे हनुमान।
सभी पहलवानों की पसंद ये
जल्द बनाता उन्हें बलवान।।
मुग्ददर कला प्राचीन बड़ी
बड़ी लय से घूमे अंग।
बड़े गजब इसके पैंतरे
करतब देख हो दर्शक दंग।।

पफ़स्सि व्यायाम योग दिवस मनाया जाएगा:-

6 अप्रैल 2020 विश्व खेल दिवस ओर 7 अप्रैल को विश्व या अंतर्राष्टीय स्वास्थ दिवस के अवसर पर सत्य ॐ सिद्धाश्रम शनि मंदिर कोर्ट रोड़ बुलंदशहर में पफ़स्सि व्यायाम योग दिवस मनाया जाएगा।
इस विश्व या अंतर्राष्टीय खेल दिवस ओर अंतर्राष्टीय स्वास्थ दिवस के संयुक्त अवसर पर, सम्पूर्ण विश्व के सभी देशों में मनुष्य के स्वस्थ रहने के लिए सभी प्रकार के छोटे बड़े खेलों को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 6 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस घोषित किया है। यूएनओ ने दुनिया के विभिन्न देशों से इस दिन अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की अपील की है। 23 अगस्त 2013 को संयुक्त राष्ट्र संघ की जेनरल असेंबली की अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक काउंसिल के सदस्यों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था।

विश्व का सबसे पहले अंतर्राष्टीय खेल आयोजन कब शुरू हुआ था…

6 अप्रैल 1896 को एथेंस यूनान में पहला आधुनिक ओलंपिक खेल शुरू हुआ। इसलिए इस दिन को अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस मनाने का फैसला लिया गया। यूएनओ का मानना है कि खेल मनुष्य की सभी शारारिक स्वस्थता ओर मानसिक स्वस्थता से लेकर सामाजिक सोहार्दय विकास का सर्वश्रेष्ठ लाभकारी कार्य है। साथ ही खेल समाज मे शांति ओर स्वास्थ व प्रेम का वाहक भी है। यो इस खेल और स्वस्थ दिवस के तहत सभी देशों की राज्य सरकार, सरकारी उपक्रम, एनजीओ, सिविल सोसाइटी, निजी क्षेत्र, खेल संगठनों, क्लब आदि से खेल प्रतियोगिताएं, सेमिनार आदि के आयोजन के अनुरोध किये गए ओर जाते है,की वे अपने अपने क्षेत्र के सभी प्रकार के उपेक्षित पड़े खेल और प्रचलित खेलों को पुरुषकारो के साथ अवश्य मनाए ओर उन्हें प्रोत्साहन दें,ताकि समाज स्वस्थ रहे।
यो भारतवर्ष के सबसे प्राचीन योग विद्या के दो भागों में एक योगासनों को ओर एक शारारिक स्वास्थ ओर रोग प्रतिरोधक शक्ति के साथ साथ बलवर्द्धि का सर्वोच्चतम व्यायाम,जिसे पफ़स्सि व्यायाम कहा जाता है,पफ़स्सि Pfsse का अर्थ है-प-पावर-फ़-फोर्स-स-स्ट्रेंथ-स-स्टैमिना-ई-एनर्जी।ओर पफ़स्सि व्यायाम पद्धति के इस गुप्त ओर लुप्त प्रायः प्राकर्तिक ओर केवल शारारिक अंगों के स्वंयम्भू लगभग 15 व्यायाम तरीकों के सही से क्रम करने के अभ्यास को सत्यास्मि मिशन के संस्थापक स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने अपने पारिवारिक पहलवानी अनुभवों से पुनः समाज के स्वास्थ और बलवर्द्धन कि व्रद्धि को प्रकट किया है।
ओर इस सम्बन्धित इस पफ़स्सि व्यायाम योग के जिज्ञासुओं को अभ्यास कराना प्रारम्भ किया है और अपने सूचना तंत्र वेबसाइट ओर यूटीयूब चेनल ओर फेसबुक आदि के माध्यम से सदूर व्यायाम प्रिय लोगों को भी प्रदान किया है,सदूर के व्यायाम प्रिय लोगों ने भी इसकी महान स्वास्थ वर्द्धक प्रणाली को अपने देंनिक व्यायाम जीवन मे अपना कर महान लाभ प्राप्त किया और करते हुए बड़ी प्रसंशा की है।
ओर क्यो बनाया जाएगा पफ़स्सि व्यायाम योग दिवस अप्रैल में:-

चैत्र का महीने से ही भारतीय नववर्ष का प्रारम्भ होता है,इसी चैत्र अप्रैल महीने में ईश्वर ओर ईश्वरी ने इस विश्व जगत ओर जीव की उत्पत्ति की ओर से अपना अर्थ,काम,धर्म,मोक्ष यानी देदिक ज्ञान दिया,जिसमे मनुष्य को ये प्राचीन महान भारतीय पफ़स्सि व्यायाम योग प्रणाली की भी ज्ञान प्राप्ति हुई,यो प्राचीनकाल से वर्तमान काल के इस वैदिक विद्या के शक्तिशाली बलवान व्यक्तियों के जन्म दिवस भी अप्रैल के महीने में पड़ते है, जो कि संछिप्त में यो है कि,जैसे सर्वप्रथम भगवान राम का जन्म चैत्र नवमी को ओर महाबली हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा,महाबली भीमसेन का जन्म चैत्र में,कलियुगी भीम प्रो.राममूर्ति नायडू का जन्म अप्रैल में, ओर जर्मनी के पहलवान यूजीन सेंडो का जन्म 2 अप्रैल में है ओर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी का जन्म दिवस 9 अप्रैल को मनाया जाता है,साथ ही समय समय पर अन्य कालों में भी इस महाविद्या के पुनजागरण को अनेक पवित्र महीनों में पवित्र तिथियों में महाबली जन्मते रहे है,ओर इस महाबली विद्या के प्रचारको के जन्मदिवस के साथ साथ उनके शिष्यों व पफ़स्सि व्यायाम साधक पहलवानों का, जैसे बलाबली प्रो.भीम भवानी ओर राममूर्ति जी के उनके शिष्य प्रो.दयाशंकर पाठक,प्रो.सूर्यप्रताप,मिस ताराबाई ओर इन सबसे अलग स्वतंत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेशीय कुश्ती चैम्पियन रघुराज सिंह पहलवान आदि के विश्व प्रसिद्ध बलवान जीवन परिचय के माध्यम से सर्वजन को इस दिवस पर सबके द्धारा अपनायी गयी महान व्यायाम विद्या पफ़स्सि व्यायाम पद्धति के विषय मे अवगत कराया है।
यो इस अंतर्राष्टीय खेल व स्वास्थ्य दिवस 6 अप्रैल ओर 7 अप्रैल को सत्य ॐ सिद्धाश्रम में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा।
आप सभी भी इस विश्व खेल दिवस ओर अपने अपने घरों से, पफ़स्सि व्यायाम की दंड ओर बैठकों के वीडियों को हमारी इस ईमेल आईडी पर भेजें,उन सभी को एक संयुक्त वीडियों बनाकर अपने चेनल के माध्यम से सभी व्यायाम प्रिय लोगों को दिखाई जाएगी,शेष जानकारी हमारी ईमेल आईडी से सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते है।

स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
सत्य ॐ सिद्धाश्रम शनिदेव मन्दिर कोर्ट रोड़ बुलन्दशहर उत्तर प्रदेश भारत।
Www.satyasmeemission.org
Youtube-swami satyandra ji

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