24 जनवरी 2020 को मौनी अमावस्या पर ही शनि ढाई साल के बाद राशि बदलेंगे। शनि धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के राशि बदलने पर मकर, धनु और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। जबकि वृश्चिक राशि पर से साढ़े साती उतर जाएगी।ओर भी जाने किस राशि पर कबतक शनि की साढ़ेसाती व ढईया चलेगी।
मेष राशि:-
मेष राशि के जातकों के लिए शनि देव अपनी ही राशि मकर में गोचर करते हुए दशम राज्य यानी कर्मभाव में जा रहे हैं, जिससे पंचमहापुरुष योग में से एक शशक योग बनेगा, जो फलित ज्योतिष के श्रेष्ठतम योगों में से एक है।
ऐसे में 24 जनवरी 2020 को मकर राशि में शनि का गोचर आपको आपकी नोकरी व रोजगार के कई नए- नए अवसर प्रदान करेंगे। देश-विदेश में आपको नए मौके मिलेंगे। प्रॉपर्टी खरीदने और नए निवेश के लिए यह सही समय है।नए वाहन को चलाते में सावधानी बरतें।
मेष राशि पर साढ़ेसाती- 29 मार्च 2025 से 31 मई 2032 तक ओर ढय्या- 13 जुलाई 2034 से 27 अगस्त 2036 तक फिर आगे
- 12 दिसंबर 2043 से 8 दिसंबर 2046 तक रहेगी।
वृष राशि:-
आपकी राशि से नवम भाग्य भाव में गोचर शनि का चांदी के पाए पर होकर गोचर करना बहुत ही भाग्यवर्धक सिद्ध होगा। पिछले ढाई साल से चल रही शनि की ढैय्या समाप्त होगी, जिससे आपकी परेशानियां समाप्त होंगी। साल 2020 वृष राशि के जातकों के लिए शुभ है। आय ओर पद प्रतिष्ठा बढ़ाने के शुभ संकेत हैं।
वृष राशि पर साढ़ेसाती:- 3 जून 2027 से 13 जुलाई 2034 तक,ओर ढय्या- 27 अगस्त 2036 से 22 अक्टूबर 2038 तक रहेगी।
मिथुन राशि:-
शनि के मकर राशि में प्रवेश करने से मिथुन राशि वालों के ऊपर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। आपकी राशि से आठवें भाव रोग संकट और अकस्मात बदलाव के भाव में शनिदेव का गोचर कई तरह के अचानक मिले जुले फल देगा क्योंकि, इस भाव में गोचर करते हुए इनकी लघु कल्याणी ढैय्या का शुभारंभ करना आपके लिए कई तरह से परीक्षा लेने वाला सिद्ध होगा, इसलिए इस वर्ष में आपको अपने कार्य तथा निर्णय बहुत सावधानी पूर्वक लेने और करने होंगे।आपकेढाई साल चुनौतियों से भरे रहेंगे। नौकरी के मामले में साल 2021 कुछ अच्छे या परिवतरनशील परिणाम नहीं लेकर आएगा।ग्रहस्थ जीवन मे कठनाइ बढ़ेंगी।
साढ़ेसाती:- 8 अगस्त 2029 से 27 अगस्त 2036 तक ओर
ढैय्या- 24 जनवरी 2020 से 29 अप्रैल 2022 तक ओर फिर 22 अक्टूबर 2038 से 29 जनवरी 2041 तक चलेगी।
कर्क राशि:-
आपकी राशि से सप्तमभाव में शनिदेव का गोचर कई अर्थ में आपकी कठिन परीक्षा भी लेगा और कार्य अथवा व्यापार की दृष्टि से आपको सफल भी बनाएगा, क्योंकि ये आपकी राशि से केंद्र भाव में गोचर करते हुए ‘शशक’राज योग का निर्माण भी करेंगे, जिसके फलस्वरूप आपके लिए शनिदेव के नियंत्रण वाले सभी कार्यों में लाभ होगा किंतु ये अष्टम भाव के स्वामी भी हैं इसलिए कार्य बिना रुकावटों के संपन्न कर पाना,आपके लिए आसान नहीं होगा। साल 2020 के मुकाबले 2021 में ज्यादा सफलता भरी प्रगति होगी।
साढेसाती:- 31 मई 2032 से 22 अक्टूबर 2038 तक,फिर
ढैय्या:- 29 अप्रैल 2022 स 29 मार्च 2025 तक-फिर 29 जनवरी 2041 से 12 दिसंबर 2043 तक रहेगी।
सिंह राशि:-
आपकी राशि से छठें शत्रु व मातृकुल, ननसाल भाव में शनि का गोचर अप्रत्याशित परिणाम दिलाने वाला सिद्ध होगा। फलित ज्योतिष के अनुसार तीसरे, छठे, और ग्यारहवें भाव में शनि गोचर कर रहे हों या किसी भी जातक की जन्मकुंडली के इन भावों में बैठे हों तो सभी अरिष्टों का शमन करते हुए उसे जीवन के सर्वोच्च शिखर तक पहुचाते हैं यानी इस पार या उस पार।
साढ़ेसाती- 13 जुलाई 2034 से 29 जनवरी 2041 तक ओर
ढैय्या- 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक -फिर 12 दिसंबर 2043 से 8 दिसंबर 2046 तक रहेगी।
कन्या राशि:-
शनि के मकर राशि में प्रवेश से आपके ऊपर 26 जनवरी 2017 से चली आ रही शनि की शनि की ढैय्या समाप्त हो जाएगी। शनि की ढैय्या का उतरना आपके लिए बहुत हद तक शुभ परिणाम लाएगा। आय व पद, प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी होगी।नोकरी, व्यवसाय में तरक्की और यश की प्राप्ति होगी।कोई नया कार्य या मंगलकार्य सम्पन्न होगा।
साढ़ेसाती- 27 अगस्त 2036 से 12 दिसंबर 2043 तक,फिर
ढैय्या- 3 जून 2027 से 8 अगस्त 2029 तक रहेगी।
तुला राशि:-
24 जनवरी को मकर राशि में शनि का गोचर होने से तुला राशि पर चतुर्थ शनि की ढैय्या चलेगी।वैसे तो, तुला राशि के जातकों पर शनि की विशेष कृपा रहती है।पर शनि की ढैय्या शुरू होने से आपके जीवन के सभी क्षेत्रों के कार्यों का दबाव आप पर बना रहेगा।सन्तान ओर इस सम्बन्धित सेहत से जुड़ी अनेक तकलीफों का समाना आपको समय समय पर करना पड़ सकता है।गुप्त शत्रु के गुप्त षड़यंत्र व अनुष्ठान से सावधान रहें।
साढ़ेसाती- 22 अक्टूबर 2038 से 8 दिसंबर 2046 तक,फिर ढैय्या- 24 जनवरी 2020 से 29 अप्रैल 2022 तक-फिर 8 अगस्त 2029 से 31 मई 2020 तक रहेगी।
वृश्चिक राशि:-
24 जनवरी को जैसे ही शनि मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा,ठीक वैसे ही वृश्चिक राशि से शनि की साढ़ेसाती की अवधि पूरी हो जाएगी। शनि के मकर राशि में जाने से अब से आपको सभी तरह की भौतिक आध्यात्मिक सुख सुविधा प्राप्त होने लगेगी।आपका कोई रुका हुआ काम पूरा होगा। भाग्य का साथ मिलता रहेगा। नौकरी और अपना व्यापार करने वाले जातकों के लिए शनि का मकर राशि में गोचर शुभ परिणाम देगा।पर उतरती ग्रह के समय वाहन चलाते ओर अचानक यात्रा में सावधानी बरतें।
साढ़ेसाती- 28 जनवरी 2041 से 3 दिसंबर 2049 तक,फिर ढैय्या- 29 अप्रैल 2022 से 29 मार्च 2025 तक-फिर 31 मई 2032 से 13 जुलाई 2034 तक रहेगी।
धनु राशि:-
शनि के मकर राशि में प्रवेश करने से धनु राशि पर शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण होगा।यो शनिदेव आपके धन स्थान से गोचर करेंगे। जिस कारण से आपको धन के मामले में अधिकतर सफलता प्राप्त होगी,व आने के साथ जाने का भी कारण ओर मार्ग बनेगा। शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण होने से बहुत हदतक परेशानियां कम होने लगेंगी।
साढ़ेसाती- 12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक,फिर ढैय्या- 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक-फिर 13 जुलाई 2034 से 27 अगस्त 2036 तक रहेगी।
मकर राशि:-
ओर 24 जनवरी को शनि 30 वर्षों के बाद आपकी मकर राशि में आ रहे हैं। मकर राशि स्वयं शनि की ही राशि है। शनि के मकर राशि में आने से आपके जीवन में, शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। जिससे आपके चल रहे कार्यक्षेत्र पर अचानक दबाव बढ़ेगा और परेशानियां पहले के मुकाबले कुछ ज्यादा अनुभव में आएंगी। शनि का दूसरा चरण बहुत ही घातक होता है।यो वाहन या तेजी से सीढ़ी से उतरते या नए प्रोजेक्ट पर,कागजो पर साइन करते में,नए प्रेम रिश्ते बनाते में सोच समझकर सावधानी बरतें।
साढ़ेसाती- 26 जनवरी 2017 से 29 मार्च 2025 तक,फिर ढैय्या- 3 जून 2027 से 8 अगस्त 2029 तक-फिर 27 अगस्त 2036 से 22 अक्टूबर 2038 तक रहेगी।
कुंभ राशि:-
कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण का प्रारम्भ रहेगा।यो आपके स्वभाव में बड़ा भारी परिवतर्न बनेगा और आने वाली संतान को 5 या 7 वां महीना कष्टकारी होगा,नए रिश्ते में परेशानियां बढ़ने लगेंगी।गुप्त शत्रु व गुप्त अफवाह से सावधान रहें,पर कुंभ राशि को शनि अपनी शुभ राशि मानते है,यो यहां ये अनेक राजयोग भी बनाकर लाभ देते है।पुराने रोग कष्ट,विवाद में बदलाव देंगे और कोई नए प्रेम रिश्ते को बनाकर प्रेम सुख प्रदान करेंगे या फिर आप इस सब भौतिक प्रेमिक रिश्तों से ऊपर उठकर दिव्य प्रेम की ओर बढ़ चलेंगे।
साढ़ेसाती- 24 जनवरी 2020 से 3 जून 2027 तक,फिर ढय्या- 8 अगस्त 2029 से 31 मई 2032 तक- 22 अक्टूबर 2038 से 29 जनवरी 2041 तक रहेगी।
मीन राशि:-
शनि के मकर राशि में गोचर से आपके लाभ भाव में गोचर करेंगे। जिस कारण से शनि के अनेक प्रकार के शुभ परिणाम मिलते हैं।साथ ही अनेक परिवर्तन भी आपके जीवन मे घटित होंगे।
साढ़ेसाती- 29 अप्रैल 2022 से 8 अगस्त 2029 तक,फिर ढय्या- 31 मई 2032 से 13 जुलाई 2034 तक,फिर- 29 जनवरी 2041 से 12 दिसंबर 2043 तक रहेगी।
उपाय:-अपने गुरु और इष्ट मन्त्र का अधिक से अधिक यानी कमसे कम 11 माला प्रतिदिन जप करते हुए,आधा घँटा रेहि क्रियायोग करें और शनिवार को विशेष ध्यान जप किया करें ओर कम से कम 26 शनिवार शनिमन्दिर में देशी घी से बना चना हलुवा प्रसाद बांटें ओर खुद ग्रहण करें,कुत्तों को अपना मन्दिर से मिला प्रसाद न देकर,अलग से खरीद कर दिया करें,साथ ही शुद्ध चिंतन और आचरण रखे,दान ओर पास के मंदिर में आरती में शामिल होकर वहाँ अवश्य सेवा दें।
अपना पहना शनि छल्ले को शुक्रवार की रात्रि एक प्लेट में सरसों के तेल और काले तिल,उड़द के दाने के साथ डालकर,पूजाघर में रखें और शनिवार की प्रातः स्नानकरके,अपना गुरु मंत्र और फिर शनि मन्त्र ॐ शं शनैश्चराय नमः का कम से कम 108 बार जप करते हुए छल्ले को देखते करें,ओर उसे अपनी बीच की उंगली में धारण करें और तेल सहित तिल आदि को एक दीपक में करके शनिमंदिर में मन्त्र जपते हुए जला आये और वहां जो बने दान करें,आपका शनि छल्ला प्राण प्रतिष्ठित होकर,शक्तिशाली शनि के सभी लाभ देगा।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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