विश्व में स्त्री युग के सिद्ध युग के प्रारम्भ के प्रथम चरण चैत्र प्रतिपदा से 201 वर्ष होने पर ओर भारत में स्त्री युग के प्रथम चरण चैत्र प्रतिपदा से 101 वर्ष होने पर हार्दिक शुभकामनाएं,,,

विश्व में स्त्री युग के सिद्ध युग के प्रारम्भ के प्रथम चरण चैत्र प्रतिपदा से 201 वर्ष होने पर ओर भारत में स्त्री युग के प्रथम चरण चैत्र प्रतिपदा से 101 वर्ष होने पर हार्दिक शुभकामनाएं,,,
ओर,,साथ ही,,
!! गांधी जी ही है,कलियुग के अंतिम पुरुष भगवान ओर इनके बाद ही प्रारम्भ हुआ,भारत में स्त्री युग,ओर उसके प्रथम युग सिद्वयुग के प्रथम चरण की पहली भौतिक अवतार है-इंदिरा गांधी!!

हमारे सनातन धर्म मे जब भी कोई चार युगों,सतयुग,त्रेतायुग,द्धापर युग,कलियुग, में से कोई भी नया युग का प्रारंभ हुआ है,तो उस युग के अंत मे हुए,एक ईश्वरीय अवतार के मृत्यु के अंत में शुरू हुआ, जैसे-त्रेता युग के अंत मे श्री राम और द्धापर के अंत मे श्री कृष्ण ओर इनके अंत के बाद कलियुग,तो कलियुग के अंत मे कौन कल्कि अवतार,इस पर बड़ा विवाद है,जैसे अभी कलयुग समाप्त नहीं हुआ,यो कल्कि अवतार अभी नहीं हुआ है और इस वर्तमान के बदलाव को प्रमाण स्वरूप देखते में कलियुग समाप्त हो चुका,जैसे विश्व भर में सबसे बड़ा साम्राज्य हुआ इंग्लैंड का ओर उसकी पहली साम्राज्ञी हुई विक्टोरिया,यो पहली बार पूरे विश्व पर इतना बड़ा साम्राज्य किसी भी पुरुष का नहीं हुआ,जैसा स्त्री विक्टोरिया का हुआ,यो विक्टोरिया के जन्म से,ये हुआ स्त्री युग का आरंभ।
ओर भारत मे अवतारवाद के क्रम को देखे तो,मुगल साम्राज्य में सिख्खो के अंतिम गुरु गोविंद सिंह हुए,जिनका जन्म: 5 जनवरी 1666, पटना में हुआ,जो धार्मिक धर्म के विस्तार से लेकर भारतीय हिन्दू राजा भी रहे ओर मुस्लिम विजातियों को हराया भी,हिन्दू धर्म की शाखा सिख्ख धर्म व गुरु ग्रँथ साहिब पूर्ण लिख कर जन जन में फैलाया,पीताम्बरधारी व घोड़े पर तलवार लिए,जैसा की भविष्य पुराण आदि में हिंदुओं के अंतिम पुरुष क्लिक अवतार के विषय मे लिखा है,की घोड़े पर सवार,तलवार,पीताम्बर वस्त्रधारी,विजातियों से युद्ध करेंगे,जो आज के वर्तमान युग के लेज़र अस्त्र आदि के परिवेश में तलवार घोड़े ओर इन वस्त्रों में बिलकुल भी सम्भव नहीं है,यो ही गुरु गोविंद सिंह विजातियों पर सम्पूर्ण विजय नहीं प्राप्त कर पाए,यो कल्कि अवतार सिद्ध नहीं होते है।क्योकि उनकी
मृत्यु 7 अक्तूबर सन 1708 को हुई,पर उसके बाद भारत में न मुस्लिम साम्राज्य खत्म हुआ न ही कोई अन्य विशेष परिवर्तन हुआ,यो ये अंतिम पुरुष अवतार सिद्ध नहीं होते है,पर फिर भी गोविंद सिंह के अंत के बाद ही,विश्व पटल पर स्त्री युग विक्टोरिया के रूप में प्रारम्भ सिद्ध होता है।
अब इस सब के बाद भी केवल भारत मे ही हिन्दू अवतारवाद को सिद्ध करें तो, अब आते है,,भारत के स्वतंत्रता के नए काल मे,कब सब कुछ बदल गया,वो भी एक मोहनदास करमचंद गांधी जी के जन्म के बाद से ओर उनकी मृत्यु के ठीक बाद से भारतीय युग परम्परावाद की तरहां ही,नवयुग का प्रारम्भ हुआ-स्त्री युग का,जो हुआ,इंदिरा गांधी जी के जन्म से,,
इसमे एक विवादित विषय बनता है कि, जैसे राम जी का जन्म त्रेता युग मे चैत्र नवमी को हुआ,ओर कृष्ण का जन्म द्धापर युग मे सावन अष्टमी को,तब राम जी या कृष्ण जी के जन्म से होनी चाहिए,तब कैसे चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा से सृष्टि व युगों की ये गणना है,ओर आगे के कलियुग के अंत गांधी जी का 2 अक्टूबर जन्म से ओर स्त्री युग का प्रारम्भ इंदिरा का 19 नवम्बर के अनुसार मनाना चाहिए, तो नववर्ष किस माह से मनाए,यो उत्तर है कि,,अनादिकाल में जब भी सृष्टि उत्पन्न की,उसी गणना को मुख्य माना जाता है,न कि किसी महापुरुष अवतार का जन्म,उनका जन्म जेवल अगले आने वाले युग की घोषणा ओर गणित को बताता है,यो उसे फिर कहूंगा,तो जैसे कि, ब्रह्म ने सृष्टि उत्पन्न की चैत्र अमावस को ओर चैत्र प्रतिपदा नवरात्रि से ही युग माने जाते है,यो हमारे भी इसी से वर्तमान के पुरुष युगों का अंत व स्त्री युगों का प्रारम्भ भी चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा से ही माने जाएंगे,ये उत्तर है,,
तो आओ फिर देखें कुछ,संछिप्त सा स्त्रियुग ओर उसका प्रथम चरण,जिसे विश्व स्तर पर विक्टोरिया के जन्म से गणना कर सकते है,यानी सन-24 मई सन 1819 से ओर केवल भारत में देखें तो,इंदिरा गांधी के जन्म सन-19 Nov 1919 से।
ओर अब कुछ इन भारतीय पुरुष अवतार करमचंद गांधी जी और इनके बाद भारतीय प्रथम स्त्री युग की प्रथम स्त्री शक्ति के भौतिक अवतार इंदिरा गांधी जी के प्रमाण को देखते हुए,,की,,

!! गांधी जी ही है,कलियुग के अंतिम पुरुष भगवान ओर इनके बाद ही प्रारम्भ हुआ,भारत में स्त्री युग,ओर उसके प्रथम युग सिद्वयुग के प्रथम चरण की पहली भौतिक अवतार है-इंदिरा गांधी!!

आओ जाने,,

पहले जाने की-धर्म शास्त्र ईश्वर के कौन से गुणों के पृथ्वी पर जन्मे या अवतरित हुए मनुष्य में होने पर,उसे भगवान ओर उसका अवतार बनाते है,,
वे गुण है और वे गुण गांधी जी के जीवन में पूर्णतया सिद्ध हुए है,,

1-सत्यवादी:-ये गुण गांधी जी में थे।
2-अस्तेयवादी:-
ये किसी भी प्राणी को तन मन से पीड़ा या सताना नहीं चाहिए,ये गुण भी गांधी जी में पूरी तरहां सिद्ध था।
3-अपरिग्रहवादी:-
कोई भी धन,पद,प्रतिष्ठा को अपने लिए नहीं रखना-ये गुण भी गांधी जी मे पूरी तरहां से सिद्ध था।
4:-अहिंसावादी:-
ये गुण, गांधी जी मे जगत विख्यात सत्य प्रमाण के रूप में सिद्ध है तथा इसी के बल से विदेशियों को अपने अहिंसक युद्ध से हराया ओर अपने देश को स्वतंत्रता दिलाई।
5:-ब्रह्मचर्यवादी यानी सक्रिय ब्रह्मचर्यवादी:-
यानी विवाहित जीवन मे केवल एक पत्नी रही,वो धर्म पत्नी कस्तूरबा ओर उनसे सन्तान व पत्नी की ही सहमति,से सक्रिय ब्रह्मचर्य के प्रयोग किये और जग जाहिर रखें और इस सम्बन्धी प्रयोगों को अन्य स्त्री शक्ति की सदा सहमति से केवल संगत कर ब्रह्मचर्य की उन्नति को आत्मसाधना की,न कोई कोई छुपी रासलीला।ये गुण गांधी जी मे पूर्णतया सिद्ध थे।
6:-राष्ट्र की स्वतंत्रता को अपना जीवन लगा देना:-ये गुण गांधी जी में पूर्णतया सिद्ध होकर जगत में प्रमाण के रूप सत्य सिद्ध है।
7:-राष्ट्र पर बलिदान होना:-ये भी गुण गांधी जी में बिना किसी प्रतिकार के जगत में प्रमाण के रूप में सत्य सिद्ध है।
8-ओर राष्ट्रपिता भी एक प्रकार से राष्ट्र का भगवान ही अर्थ है,तो ये अर्थ पर गांधी जी पर राष्ट्रपिता के रूप में वर्तमान तक पूर्णतया सिद्ध है।
9-आध्यात्मिक सिद्धांत और दर्शन:-
ये भी गांधी जी ने अपने सम्पूर्ण जीवन मे कर्म करके सिद्ध करके दिखाया और प्रमाण के रूप में सब लिखा भी है तथा इनका महान व्यक्तित्त्व ओर इनका दर्शन सम्पूर्ण विश्व में मान्य भी सिद्ध हुआ है।

10- यो गांधी जी है- कलियुग या नवयुग के भारतीय पुरुष अवतार भगवान,,,

ओर अब आप बताएं पिछले सभी अवतारों से कैसे कम है?

तो बताये,खास कर वे लोग नहीं,जो छिपे तौर पर इन सब नियमों एक को पूर्णता से नहीं साधा हो,केवल वही जिसने इनमे से एक या ओर नियमों को अपने लिए करते हुए,अपने देश और अपने समाज की उन्नति को साधा हो।वही आलोचना के सच्चे अधिकारी है।तो,करें,,
ओर इन्हीं अंतिम पुरुष अवतार गांधी जी के बाद आया है।

स्त्री युग ओर इसकी पहली भौतिक स्त्री अवतार का अवतरण,,

हमारे देश में पहली स्त्री शक्ति का जागरण हुआ-

श्रीमती इंदिरा गांधी।

1-भारत देश की प्रथम स्त्री प्रधानमंत्री।
2-गृहस्थ धर्म अपनाना और दो सन्तान जन्म देकर स्त्री धर्म के मातृत्त्व भाव को पूर्ण किया।
3-अपने देश की उन्नति के लिए ग्रहस्थ धर्म को त्यागकर उससे ऊपर उठकर देश को अपनाया।
4-अपने शासनकाल में हुए विदेशी आक्रमण युद्ध में विजातीय देश को हराया ओर उसे संधि कराकर झुकाया।
5-देश की उन्नति लिए बलिदान हुई।
6-सदा देश में संतों को सम्मान दिया।

यो ऐसे अनेक कारणों से है-इंदिरा गांधी सनातन धर्म की नवयुग के प्रथम चरण के सिद्वयुग की प्रथम भारतीय स्त्री अवतार।।

विशेष:-

ओर यहां कहे गए प्रमाणिक तौर पर इन दोनों अवतारों के विषय में कमियों के निकलने के लिए यदि किसी पर कोई तर्क है,तो वो समझें कि,पीछे हुए हमारे देश के ओर संसार के सभी अवतारों के विषय मे भी कमियों ओर अपूर्णता को सिद्ध करने के लिए, सतर्क प्रमाण सहजता से प्रस्तुत किये जा सकते है।

अधिक अध्ययन विषय:-
विश्व में 12 युग-चार पुरुष अवतारों के ओर चार स्त्री युग अवतारों के ओर चार बीज युग के तथा स्त्री युग में भौतिक और आध्यात्मिक अवतार कौन व किस नाम से होंगी,ये सब इस चित्र के माध्यम से तथा ओर भी अधिक स्त्री युग विषय मे सत्यास्मि मिशन के यूटीयूब पर ज्ञान वीडियो ओर अधिक ज्ञान के लिए सत्यास्मि धर्म ग्रँथ पढ़े।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

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