मुग्दर घुमाने के वर्तमान विश्व चैम्पियन है महायोगी स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी,,,
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने प्राचीन भारतीय व्यायाम पद्धति की एक उत्तम कला मुग्दर जिन्हें मुग़री या pfsseclubs,jorighumana, जोड़ी व्यायाम,मुगदर,जोड़ी घुमाना,mugdar,jodighumana,करलाकत्ताई,karlakattai,jorivyayam,indianclubs आदि अनेक नामों से सारे देश में जाना जाता है।उसके प्रचार को जनसाधारण में अपने आश्रम सत्य ॐ सिद्धाश्रम बुलन्दशहर से लगे हुए है।स्वामी जी 1995 से आश्रम में ही लगातार बने रहकर उससे बाहर कहीं नहीं गए है।वे वहीं आश्रम में ही रहते हुए अनेक प्राचीन योग रहस्यों को प्रचार माध्यमों से प्रसारित करते रहते है।उसी के अंतर्गत ये मुग्दर कला का प्रसार प्रचार भी कर रहे है।


वैसे तो प्राचीन काल से ही मुग्दर की देश मे भारी वजन से उठाने की प्रतियोगिता तो होती रहती है,पर किसी वजन विशेष के मुग्दर के साथ किसी एक ही तरीके से उसे कम से कम समय में अधिक संख्या में घुमाने का रिकॉर्ड बनाने का कोई विश्व रिकॉर्ड नहीं है ओर नाही किसी का इसको विश्व स्तर पर प्रचारित करने का विशेष प्रयास है,ये मुग्दर कला केवल एक दो तरीके से घुमाने की कला के साथ प्रचलित देशी कुश्ती के अखाड़ों में छोटे से स्तर पर बनी हुई लुप्तप्राय बनी है।यो इस भारतीय प्राचीन मुग्दर कला को फिर से पुर्नजीवित करते हुए अपनी एक कला के माध्यम से 1 मिंट 52 सेकेंड के अंदर 106 मुग्दर घुमाने का विश्व रिकॉर्ड बनाकर विश्व चैम्पियनशिप को खड़ा किया है और साथ ही पहली बार इंस्टाग्राम पर ऑनलाइन “ऑल इंडिया मुग्दर प्रतियोगिता 2020” कराई है।जिसमे अभी 14 नवम्बर 2020 दीपावली तक भाग लेने की अंतिम तिथि है।
स्वामी जी ने 57 साल की उम्र में ये विश्व रिकॉर्ड बनाया ओर मुग्दर के विश्व चैम्पियन बने है और पीछले समय में भी कांच के चार गिलासों पर खड़े होकर एक कला तरीके से मुग्दर घुमाने का विश्व रिकॉर्ड बना चुके है।यो स्वामी जी इस कला के अनेक तरीके से घुमाने के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास करते हुए अपने देश भारत का नाम विश्व चेम्पियन बनकर विश्व भर में प्रसिद्ध कर रहें है और इस मुग्दर कला को अनेक शिष्यों को सही तरीके से सिखाते हुए समाज मे स्वास्थ लाभ को प्रेरित कर रहें है।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
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