भारतीय केंद्रीय उत्पादक शुल्क दिवस पर ज्ञान कविता

भारतीय केंद्रीय उत्पादक शुल्क दिवस पर ज्ञान कविता

इस दिवस पर स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी अपनी ज्ञान कविता के माध्यम से इस प्रकार बताते है कि

हमारे देश भारत में 24 फरवरी को केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाया जाता है। यह दिन केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड जिस वर्तमान में अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क के केंद्रीय बोर्ड भी कहते है,इस विभाग के योगदान को देश स्तर पर जन मान्यता देता है। यह दिन पर मनाया जाने वाला दिवस 1944 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम के अधिनियमन का ही प्रतीक है।

इस विभागीय दिवस को मनाने का राष्टीय उद्देश्य:-

इस दिवस पर केंद्रीय उत्पाद और कस्टम बोर्ड ऑफ इंडिया की अर्थव्यवस्था में योगदान का अनेको प्रकार से सम्मान करता है।इस दिन यह विभाग अपने कर्मचारियों के अथक परिश्रम और उनकी सभी प्रकार की उन्नतिकारक उपलब्धियों को पहचान कर पुरस्कृत करता है।

राष्ट्रव्यापी विभिन्न आयोजन कार्यक्रम:-

इस दिवस पर,अनेकों सेमिनार, विभिन्न कार्यशालाएं, शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम ओर इस सम्बन्धित जन जागरूकता के ज्ञान कार्यक्रम,सहायक प्रतियोगिताएं और प्रोत्साहन पुरस्कार समारोह आयोजित किए जाते है।
इस दिवस पर आबकारी और सीमा शुल्क विभाग के सबसे उत्कृष्ट कार्यकर्मियों को भारत सरकार की ओर से उनकी विश्वसनीय सेवा के लिए विशेष पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाता है।

सीबीआईसी यानी केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड:-

सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम यानी CBEC जो कि भारत की सबसे पुरानी सरकारी एजेंसियों में से महत्त्वपूर्ण इकाई है।इसे 1855 में सीमा शुल्क और सामान्य उत्पाद शुल्क विभाग के रूप में स्थापित किया गया था।जिसका सीबीईसी नाम बदलकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड यानी सीबीआईसी नाम कर दिया गया। वर्तमान समय में, यह विभाग वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के तहत कार्य करता है।
यह विभाग सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क तथा सेवा कर, और नशीले पदार्थों से संबंधित मामलों के प्रशासन के लिए विशेष जिम्मेदार ओर कार्यरत है। यह विभाग उत्पाद शुल्क, ओर सेवा कर तथा सीमा शुल्क व मादक पदार्थों के शुल्क को इकट्ठा करने के साथ साथ तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए भी अपना दायित्व पूर्ण रूप से जागरूकता के साथ निभाता है।

केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस 24 फरवरी पर ज्ञान कविता

किस धन बनती देश की सीमा
ओर वहां स्थित सड़कें प्राचीर।
किस धन संग्रह सुरक्षा होती सुदृढ
यही धन संग्रह कोन करते वीर।।
इन वीर कर्ताओं ओर विभाग को
कहते सीमा उत्पक शुल्क विभाग।
अति प्राचीन व्यवस्था चली आ रही
इसी कौशल बल से बढ़ता देश भाग्य।।
इसी विभाग को सीबीईसी कहते
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड।
वित मंत्रालय आधीन राजस्व विभाग के
अंर्तगत करता काम ये बोर्ड।।
उत्पादक व सेवा सीमा शुल्क लेता
ओर रोकता तस्करी मादक पदार्थ।
उन धन देश की उन्नति लगाकर
सदा जागरूक रहता सेवा कृतार्थ।।
यो आज इसी विभाग और कर्मी
को मना दिवस देते सर्व धन्यवाद।
ये भी देश के प्रत्यक्षवीर हमारे
जिनसे देश धनवान बन रहता आबाद।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

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