सदा बलवर्द्धक ज्ञान का सूत्र याद रखों की-
!!क्वाल्टी बढाओ,क्वॉन्टिटी नहीं!!
!!अपनी मसल्स को तोड़ों नहीं,संगठित कर जोड़ो ओर स्टील बना लो!!
बाकी आपका बल बढ़ाना आपकी मानसिक और शारारिक बलवर्द्धक ज्ञान को कितना समझा,इस पर अधिक निर्भर करता है।
पफ़स्सि बैठक स्टेप न.1:-

अपने शरीर पर ओर विशेषकर अपनी सारी टांगों पर तेल मालिश करके सीधे खड़े हो जाये,ओर अपनी दोनों हाथों की मुट्ठी कसकर भींचे,सारा शरीर टॉइट रहे तथा अब एक गहरा सांस अपने पेट से फेफड़ों से पेट तक मे भरें और सांस रोकते हुए,इस स्थिति में आपका पेशाब की इंद्रियों को खींचता हुआ,मूलबन्ध स्वयं ही लग जायेगा,अब केवल अपने दोनों पंजो को जमीन में दबाते हुए पिंडलियां,घुटने,जांघें, हिप्स तक सारे पैर के हर अंग को पूरा जोर लगाते हुए ओर अंदर से हर मसल्स को फुलाते हुए,केवल टॉइट करना है।साथ ही अपने मन मे एक,दो,तीन गिनते हुए कम से कम 30 गिनती गिननी है।ओर साथ साथ ही हर गिनती के साथ अपने अंदर से बल का जोर पैरों पर देते रहना है।जब गिनती पूरी हो जाये,तब अपने पैरों को फिर ढीला छोड़ना ओर आराम करना है।ध्यान रहे,इस कसरत को करते में कोई भी एंगल नहीं बनना है।यहां पर अभी पैर की एड़ियां नहीं उठानी है।
पफ़स्सि बैठक स्टेप न.-2:-

अब पहले की तरहां ही सांस भरकर,मुट्ठियाँ कसकर बन्द व टॉइट करते हुए, अपने पैरों को जांघ से घुटने ओर पिडलियों से पैर के अंतिम पंजे तक पूरा बल लगाते टॉइट करते हुए,कुछ नीचे की ओर थोड़ा सा ही बैठे ओर ठीक इसी मुद्रा में रुके रहते हुए,अपना सारा अंदर से बल लगाने पर ध्यान लागते हुए,पैरों को टॉइट करते हुए,साथ ही अपनी दोनों एड़ियों को उठाना ओर पंजो पर टिके रहते हुए, मन मे 30 तक गिनती गिनते हुए सांस रोकना है।और इसी बैठक की मुद्रा स्टेप से वापस पहले की तरहां सीधे खड़े होकर,अपनी एड़ियों को वापस जमीन पर रखते हुए, अपनी मांसपेशियों को अपने मे समेटते हुए खींचकर छोड़ना ओर सांस को धीरे से छोड़ते हुए,अब आराम करना है।अपनी तेल मालिश करनी है।
पफ़स्सि बैठक स्टेप न.3:-

अब पहले की तरहां सब करते हुए केवल आधी बैठक लगाने की मुद्रा में बैठते हुए,अपनी दोनों एड़ियों को कुछ उठाकर,पंजो पर टिके रहते हुए,अब पूरा बल लगाना ओर सब मसल्स को टॉइट करना और मन में कितने समय ये अभ्यास किया,यो 30 तक गिनना व सांस रोके रखना है,साथ ही दोनों हाथों की मुट्ठियाँ टॉइट रखते हुए,अपने आगे की ओर आधी मुड़ी रहेंगी ओर अब सीधे खड़े होने की मुद्रा में बल लगाते हुए,एड़ियों को वापस जमीन पर टिकाकर,अपनी बांह को वापस अपनी जगहां सीधे करते हुए मुट्ठियों को खोलकर,सीधे खड़े हो कर टॉइट करके सांस छोड़कर आराम करना और अपनी टांगों की मालिश करें,ताकि उनका स्ट्रेच कम होकर फिर से अगली कसरत कर सके।
पफ़स्सि बैठक अंतिम स्टेप न.4:-

अब पहले की ही तरहां सारी एक्सरसाइज करते हुए,सांस भरकर मन मे गिनती गिनते हुए,अपनी बैठक को पैर की पिंडली से लगभग दो इंच ऊपर रोक कर रुके रहते,पूरा बल लगाते मांसपेशियों को टॉइट किये रहते रुके,ओर एड़ियां साथ ही उठी रहेंगी,आप केवल पंजों पर ही टिके रहते हुए,अपना बेलेंस बनाये रखे,ओर अपने दोनों हाथों की मुट्ठियों को भी अपनी कोहनियों से मोड़कर, अपने कंधे के पास लाकर बल लगाते, टॉइट करते हुए,रोकना है, अब इसी पोजिशन में जितना समय रुका जाए रुक कर,सहजता से ऊपर उठकर,ओर साथ साथ हाथों को भी वापस अपने स्थान पर लाते हुए,सीधे खड़े होकर अपने सारे नीचे से ऊपर तक टॉइट करके,फिर मुट्ठियाँ खोलकर, सांस छोड़कर आराम करें।
अब तक ऊपर से नीचे की ओर बैठते हुए 4 स्टेप किये थे,ठीक अब इसी एक बैठक को करते में वापसी के क्रम में 4 स्टेप करने है।तब एक ही पफ़स्सि बैठक में 4 स्टेप ऊपर से नीचे आने तक ओर 4 स्टेप नीचे से वापस ऊपर बैठक लगाते में आने पर करने है,तब कहलाएगी एक पफ़स्सि बैठक ओर रिजल्ट देखो अद्धभुत।
तो करो,,,
ओर फिर इस एक बैठक के 4+4=8 स्टेप के बाद अपनी टांगों की तेल मालिश करें।हाथों व शरीर की मालिश करें।
इस बैठक के 4 स्टेप की अलग अलग कसरत करते,अब केवल ठीक ऐसे ही एक ही बार मे पूरी बैठक लगानी है।और इधर उधर की बैठक नहीं लगाकर अपने को थकना है,अन्यथा आपके बार बार किये ऐसी बैठकों से थके शरीर मे,बल बढ़ने की जगहां घटेगा।यो एक महीने ऐसे ही एक बैठक करे।ओर अगले महीने,एक ओर बैठक बढ़ाते चले और साल भर में 12 बैठक पूरी करें,ओर मूल बात है,अपनी हर बैठक में समय बढ़ाना ही असली बल बढ़ाने का सिद्धांत है।समय बढ़ाएं।
!!यानी क्वालटी बढ़ाएं,क्वांटिटी नहीं!!
इधर उधर की कसरतों के अधूरे शारारिक विज्ञान को फैलाने वाली,शो बाजी की बेकार की बातों पर ध्यान नहीं दें,अपने इस पफ़स्सि व्यायाम के सिद्धांत पर ही चिंतन ओर व्यायाम करोगे तो,मनचाहा सब पाओगे।
इस कसरतों के बाद कितनी देर बाद स्नान करें:-तो भक्तों,जब आपकी सांस नॉर्मल हो जाये और पसीना सूख जाए,बॉडी का टेम्परेचर सामान्य हो,तब गुनगुने पानी से या ताजे पानी से स्नान करके,अपने तौलिए से शरीर को खूब रगड़कर पोछे।इससे आपका शरीर बिन क्रीमों के ही प्रकार्तिक रूप से चमकदार ओर सुंदर हो जाएगा।
भोजन क्या करें:-
तो भक्तों,आपको पहले भी बता चुका हूं कि,उतना खाओ,जो आपको पच जाए और खूब चबाचबा कर खाओ,देंनिक भोजन में सलाद खाओ,ओर थोड़े से ड्राई फूड,बादाम,छुवारे, किशमिश,अखरोट,देशी चने,अंजीर,को रात को पानी मे भिगो कर रखे,फिर सुबह कसरत के बाद उन्हें पानी से निकालकर चबाते हुए खाये ओर थोड़े से गर्म दूध में आधा चम्मच देशी घी डालकर पियों।बस इतना ही बहुत है।
क्या नहीं खाएं:-
इन अंग्रेजी और नकली पाउडर के खानों आदि से दूर रहों।जो जल्दी तो रिजल्ट दिखाएंगे,पर साथ ही आपके लिवर,आंतें,हार्ट आदि में अनेक रोग पैदा कर,आपको जीवन भर के लिए रोगी बना देंगे।
भारतीय व्यायाम पद्धति पफ़स्सि क्या लाभ देगी:-
आप सबको के पफ़स्सि व्यायाम की दंड ओर बैठक,इतनी आसान लग रही होंगी,वो तो तब पता चलेगा,जब इन्हें करोगे ओर आपका सांस धौकनी की तरहां चलने लगेगा,आपको लगेगा कि,आज तो मैं,इतना 10 किलोमीटर की दौड़ लगाने पर भी नहीं थका,जितना पफ़स्सि की एक दंड या एक बैठक लगाने पर थक गया हूं,ओर पसीने छूट पड़ेंगे।एक सप्ताह तक तो सारा शरीर दुखेगा,लगेगा सारा शरीर भरा भरा सा है।फिर एक सप्ताह के बाद,आपको इन कसरतों को करने में मजा आएगा,वो आनन्द,वो स्फूर्ति,वो बल,वो उत्साह,फिर कभी जिंदगी भर नहीं भूलोगे।ओर इन अभ्यासों को सदा ही करते हुए निरोगी,सदा बल,उत्साह से भरपूर,मन सदा एकाग्र ओर अंतर्मुखी बना रहेगा,सदा जवान अनुभव करते हुए आनन्द पाते रहोगे।याद करोगे ओर सदा दुसरो को भी ये कहते सिखाओगे की भई, भारतीय योगियों की ये व्यायाम पद्धति पफ़स्सि कितनी महान है।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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