World Health Day विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल पर ज्ञान कविता
इस दिवस पर अपनी ज्ञान कविता के माध्यम से स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी इस प्रकार से कहते हैं कि
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ विश्व के सभी देशों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर आपसी सहयोग एवं मानक विकसित करने की संस्था है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के 193 सदस्य देश तथा दो संबद्ध सदस्य हैं। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अनुषांगिक इकाई है। इस संस्था की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को की गयी थी। इसी लिए प्रत्येक साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
भारत भी विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक सदस्य देश है और इसका भारतीय मुख्यालय भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल पर ज्ञान कविता
आओ स्वास्थ महत्त्व को जाने
जो सबसे बड़ा मनुष्य का धन।
स्वास्थ नहीं तो सब कुछ फीका
बिन स्वास्थ संग्रहित व्यर्थ सर्व धन।।
आज सेहत से खिलवाड़ हो रहा
खाने बना बड़े मसालेदार।
पाचनतंत्र खराब नित करके
फिर खाकर जीते दवाई के भार।।
जल्दी धनी बनने के चक्कर
जहर भर रहा फसल किसान।
दूध उत्पादन बढ़े पशु का
लगा इंग्जेक्शन दे दवाई खान।।
इन दवाई खाये प्रदूषित पशु का
मांस खाता उनको मार।
स्वाद बढाता उनमें मिला रसायन
प्रोटीन नाम खुद को ले मार।।
मां बच्चे पैदा करने को
नो महीने नित दवाई खाती।
ऑपरेशन से प्रसव करती तब
कैसे स्वस्थ जन्में नई तांती।।
टीकाकरण से आज बच्चे जीते
अनेक तरहां की खाकर दवा।
सब रासायनिक बनते जा रहे
भोजन नाम हर दवाई खवा।।
खेल बन्द खुली हवा नहीं है
प्रदूषित हवा करे जीने दुष्कर।
पानी दूषित सभी जगहां का
कैसे तन हो हम स्वस्थकर।।
पेड़ खत्म पौधे बहुत कम है
ऑक्सीजन नहीं बचा अब दम।
जहरीली हवा सभी पी रहे
जहर बढा रहे दिन रात खुद हम।।
व्यायाम नाम टहलना रह गया
ओर रह गए बिन मैदानी खेल।
जगहां बची नही घर और बाहर
व्यायाम कर रहे बिन प्रसन्नता मेल।।
यो आज ही जीवन नियम बनाओ
बदलो अपनी दिनचर्या।
पहले तन को स्वस्थ करें हम
स्वास्थ्यप्रद भोजन के ज़रिया।।
आओ स्वास्थ दिवस मनाये
नित्य व्यायाम करके हम।
नए पौधे लगा जीवन शक्ति बढ़ाएं
स्वास्थ नियम जीवन अपना कर हम।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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