National Reading Day 19 जून से लेकर 8 जुलाई पर ज्ञान कविता बता रहे है स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी

National Reading Day 19 जून से लेकर 8 जुलाई पर ज्ञान कविता

बता रहे है स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी

इस दिवस को सीबीएसई बोर्ड अपने स्कूलों में प्रत्येक वर्ष की तरह नेशनल रीडिंग मंथ नाम से आयोजन करती है। इस वर्ष इस मंथ को औपचारिक तौर पर 19 जून, 2021 से शुरू किया जाएगा। सीबीएसई स्कूलों में रीडिंग डे, वीक और मंथ मनाया जाएगा। इस तरह के प्रयत्न के पीछे उद्देश्य यह है कि सामान्य स्तर के छात्रों की पढ़ाई की तरफ रुचि और बढ़े। सीबीएसई के निर्देश के अनुसार शनिवार से स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से अलग अलग तरह की एक्टिविटी कराई जाएगी।

19 जून से नेशनल रीडिंग मंथ की शुुरुआत क्यो है

विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान के साथ साथ व्यहारिक ज्ञान पर बल देना आना सीखना होगा।
यो छात्रों को किताबों के पढ़ने के ढंग के साथ साथ वो किस तरह से अपने जीवन में पढ़ी हुई बातों को प्रयोगात्मक रूप से अपनाकर उतार सकते हैं उसके बारे में विशेष जानकारी दी जाती है। आज के महामारी समय मे पैदा हुई हालात को देखते हुए डिजिटल लाइब्रेरी के महत्व को भी बताया जाएगा। ये शिक्षा अभियान 19 जून से लेकर 8 जुलाई, 2021 तक चलेगा।ये दिवस केरल में पुस्तकालय आंदोलन के जनक पीएन पैनिकर की पुण्यतिथि के लिए समर्पित है।
इस दिवस पर केरल क्षेत्र में शिक्षा प्रचारक पी एन पैनिकर के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन होता है।
पी एन पैनिकर का जन्म 1 मार्च, 1909 को हुआ था। वो एक शिक्षक थे और उनका समाज के सामान्य जन से लेकर बौद्धिक वर्ग तक काफी प्रभाव था। 1945 में उन्होंने ग्रामीण इलाके में पुस्तकालयों के साथ तिरुविथामकूर ग्रंथशाला संघम की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।इस एसोसिएशन का मूल नारा था ‘पढ़ो और बढ़ो’। केरल राज्य के गठन के बाद एसोसिएशन का नाम केरल ग्रंथशाला संघम हो गया।
इस संस्थान के द्धारा जन सामान्य लोगों को लाइब्रेरी के प्रति जागरुक किया गया था और आज भी जागरूकता अभियान चल रहा है।
केरल के गांव-गांव में पैनिकर ने यात्रा की और लोगों को पढ़ने के अनगिनत लाभों के बारे में बताया। इस तरह उन्होंने अपने इस ज्ञान श्रंखला यानी नेटवर्क में 6,000 से ज्यादा पुस्तकालयों को जोड़ने में विशेष उपलब्धि प्राप्त की थी। 1975 में ग्रंथशाला को ‘कृपसकय अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था।इसके बाद से ही उनके सम्मान में यह दिन मनाया जाता है।

इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि,

!!💐पुस्तकालय का महत्त्व पर ज्ञान कविता💐!!

क्या ओर कैसे तथा कहाँ
ओर कब कब होगा कुछ।
कोन कैसे विजय पराजय
ओर किन कारण उच्च ओर तुच्छ।।
ये सब संकलित जिस व्यवस्था
उसे पुस्तक है कहते।
ओर जिस पुस्तको में ये अंकित
उसे सरंक्षित स्थान पुस्तकालय कहते।।
जिसे जो ज्ञान चाहिए
वो लेता आ इस व्यवस्थित स्थान।
अल्प शुल्क पर सब उपलब्ध
पढ़ पाता सामान्य उच्च ज्ञान।।
जिन घर पुस्तक अधिक हो
ओर व्यवस्था नहीं उन ध्यान।
वे अपनी पुस्तक दान कर
यहां भेज पाते सुरक्षित स्थान।।
पढ़े कैसे वो तरीका क्या
जो स्मरण रहे जानकारी।
उस सबको शांति चाहिए
संग हो तार्किक संगत तैयारी।।
भारत में इस व्यवस्था का
किया जिस व्यक्तित्व ने प्रारम्भ।
उसका नाम पी एन पेनिकर है
तिरुविथामकुर ग्रँथशाला संघम इन्ही आरम्भ।।
किया गांव गांव इस संघ स्थापन
नारा देकर पढ़ो ओर बढ़ो।
अभाव मिटाओ ज्ञान आलोक कर
अपने व्यक्तित्व को अंनत तक गढ़ो।।
केरल क्षेत्र आंदोलन फैलाया
बता महिमा पुस्तकालय शिक्षा।
छः हजार इस श्रंखला जोड़े
दे जन जन शिक्षा की दीक्षा।।
इस ग्रँथशाला को सम्मान मिला
कृपसकय नामक पुरस्कार।
इसी दिवस सम्मान में
ये दिवस मनाते इसी आधार।।
आओ आप भी जुडो इससे
स्थापित कर नव पुस्तकालय।
ज्ञान संकलन ओर ज्ञान दान
सबसे बड़ा अल्पशुल्क विद्यालय।।
इसी विद्यालय श्रंखला व्यवस्था को
सी.बी.एस.ई. बोर्ड करता संज्ञान।
मनाता नेशनल रीडिंग मंच नाम से
ऑनलाइन माध्यम देकर ज्ञान।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

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