International Volunteer Day अंतर्राष्टीय स्वयं सेवक दिवस पर ज्ञान और कविता

International Volunteer Day अंतर्राष्टीय स्वयं सेवक दिवस पर ज्ञान और कविता

इस दिवस पर स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी कहते है कि

हर साल सम्पूर्ण विश्व भर में 5 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस International Volunteer Day मनाया जाता है। यह अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1985 में सभी राष्टों के लिए मनाना अनिवार्य किया गया था।यो ये दिवस कई वर्षों से सभी देशों में लोकप्रिय संस्कृति का स्वयंसेवा का महाभाव विकास का हिस्सा बन गया है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस International Volunteer Day हर किसी सामान्य से लेकर बड़े व्यक्ति तक के लिए स्वेच्छाचारिता के द्धारा जनसेवा से लेकर समाज राष्ट्र ओर विश्व सेवा को बढ़ावा देने और स्वयंसेवकों के प्रयासों का समर्थन करने के लिए सरकारों को प्रोत्साहित करने, स्वयंसेवी योगदान को सम्मानित करते हुए जन समाज मान्यता देने का एक महत्त्वपूर्ण अवसर है।स्वयंसेवक स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने पर प्रभाव डाल सकते हैं तो इसी विषय को अपनी ज्ञान कविता के माध्यम से समझाते ओर अपनाने को प्रेरित करते स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब कहते है कि

विश्व स्वयंसेवक दिवस पर ज्ञान कविता

स्वयं को जान बनो स्वयं के सेवक
तब समझ बनोगे अन्य के खेवक।
सेवा ही सबसे बड़ा पुण्य बल जग
इसी सम्बन्ध के चलते एक दूजे सब सेवक।।
सेवा मिटे गरीब अमीर बीच खाई
सेवा मिटाये सभी मन तन द्धेष।
सेवा ही प्रेम बंधुत्व बढा जग
विश्व उन्नति सर्व भौमिक भेष।।
जन कष्ट से विपदा विश्व जन तक
सबमें सहायक स्वयं सेवा का बल।
धन तन एकत्र सब सेवा से होता
यही स्वयं से दूजे सेवा सर्व कल।।
सबसे पहली निज तन सेवा
उस कर बनते सदा सबल।
ध्यान ज्ञान बढ़ता स्वयं में
तब आता जन सेवा को बल।।
सेवा बिन ही स्वार्थ है पनपे
सेवा बिन जप तप फल नष्ट।
सेवा बिन भक्ति नहीं शक्ति
सेवा बिन जीवन सब कष्ट।।
बिन सेवा के प्रेम न पल्लवित
बिन सेवा न उपजे अन्न।
सेवा बिन कभी स्वयं ना जानो
सेवा नाम ही स्वयंसेवक सज्जन।।
बिन लोभ के सेवक सेवा जो
उन्हें इस दिन देते सब सम्मान।
उनसे सीखते महत्त्व सेवा फल
ओर बढ़ते सेवा मार्ग ले ज्ञान।।
यो स्वयं सेवक बनो बनाओ
स्वयंसेवक दिवस पर कर सेवा कर्म।
जानो ईश्वर सबसे बड़ा स्वयंसेवक
तभी तुम पाए विश्व स्वयंसेवक धर्म।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

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