SPIRITUAL KNOWLEGE ENHANCEMENT

प्रेम रमण से आत्म निर्वाण तक की दर्शनानुभूति,जिसे सामान्य भाषा में भोग और योग से कुण्डलिनी जागरण और आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति भी कहते है,साथ ही कैसे सत्य नारायण और पूर्णिमाँ का अवतरण हुआ ये रहस्य कथा को अपने समाधि अवस्था में हुए दर्शन को यहाँ भक्तों के लिए अपनी अप्रकाशित पुस्तक (सदगुरु बोध-में) बताते हुए स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी कहते है की.

SPIRITUAL KNOWLEGE ENHANCEMENT
Scroll to Top