शुभ सत्यास्मि ज्ञान प्रातः
आँख बंद कर ध्यान करो तब दिखे घोर अंधकार। तम गुण व्रति शेष बहुत यो महनत अभी उजियार।। जो देखे मिश्रित रंग रंग आते जाते अनेक। अभी तम रज का मिश्रण योग मन अशुद्ध अभी नही है नेक।। जो देखे श्वेत प्रकाश चमक और चकाचोंधती ज्योत। शुद्धि मन उसकी बढ़ी...