27 जून बंकिम् चन्द्र चटोपाध्याय जन्मोउत्सव:


अग्नि लगा दी जिसने तन मन
जगा दी क्रांति जन जन।
दीप प्रज्वलित किया हर आंगन
वंदे मातरम् घोषे रक्त कण कण।।
मैं भी हूँ माता का लाल
दूँ प्राण भारती चरण डाल।
कट जाये सर काट काट कर
गर्वित करूँ भारत माँ भाल।।
जय हो जय हो माँ तेरी
मैं हूँ गोरांवित और अभिभूत।
तेरी माटी धारण कर मेने
जन्म लिया माँ भारत सपूत।।
एक छवि सजीव नेत्र मुझ
और वही बसे ह्रदय है नित।
शुभ्र ज्योति स्वरूप अनंता
देती कोटि कोटि वर हित।।
यही महाभाव धारण तारण कर
टूट पड़े स्वतंत्रा बलिदानी।
मिटे मिटाये वंदे मातरम् जप
कर ली स्वतंत्र माँ स्वाभिमानी।।
जन्मेंगें तेरी क्रोड आँचल
आएंगे पाने मातृत्व धरम।
और बंकिम चंद्र संग कहेंगे हम
जयति भारत जय वंदे मातरम्।।
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