1 जून “विश्व बाल रक्षा दिवस” पर सत्यास्मि मिशन की शुभकामना संदेश


विश्व बाल रक्षक दिवस पर
सभी बच्चों को शुभकामना।
सदा सुखी दीर्घायु पाओ
अभिभावक आशीष यही कहना।।
गोल मटोल गल्लू से गाल
रेशम से लच्छे वट बाल।
प्रसन्न करती चित्तवन मुस्कान
मध्यम मटकू लुभावनी चाल।।
हाथ नाचते और बुलाते
लेने को तुम अपनी गोद।
थका चाहे कितना हो कोई
खिंच आता इन स्वामी अबोध।।
हर वस्तु को पकड़ दौड़ते
गिरे चाहे लगे इन चोट।
रोते पर कुछ नया देख कर
फिर मुस्कराते भूल कर चोट।।
सुरक्षित नही घर में कोई वस्तु
अस्त व्यस्त सा रहता घर।
और संग सुरक्षा इन्हें चाहिए
चौकन्ने रहते मात पिता इस डर।।
कुछ भी खाते जो मिल जाता
ना डरते किसी विषैले जीव।
और पी जाते जो भी इन्हें मिलता
बस मुँह में डाल अमृत विष पीव।।
जोर से बोलो या जरा डांट दो
पहले देखे उसका मुख।
फिर भी मिले रवैया रूखा
तब रोना शुरू हो इन मुख।।
चुप नही होते जब तक तब तक
डांटने वाला इन्हें मनाये।
यही तो इनका बाल हठ है
जिसके आगे जग झुक जाये।।
खेल खेल के बिन मौसम के
भीगते पानी खा कर कुछ।
और सोने नही दे मात पिता को
चाहे कितना करो पुच पुच।।
स्वस्थ हो फिर वही चर्या
कोई नही इनका है सानी।
यो सभी देखते इनमें अपना
बचपन दे कर पाये जवानी।।
ये स्वस्थ तो भविष्य है सुंदर
ये कच्ची मट्टी तुम रे हाथ।
जैसा बनाओ वेसा बन जायें
परमानन्द इनसे हम नात।।
यो इनको सदा सुखी ही रखना
ये ही सच्चे ईश्वर दूत।
ये प्रसन्न तो प्रसन्न है ईश्वर
यो बनो रक्षक इन बाल्य पुत्री पूत।।
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