तंबाकू गुटका पान मसाला खाने को लेकर प्रेरित करते हुए फिल्मों के जो बड़े बड़े स्टार सुपर स्टार्स एडवरटाइजिंग करते है,उन्हें जो पसंद करते है,वे इनसे ओर भी प्रेरित होकर कहते है,यो इस हानिकारक पदार्थ को खाने को,जो एडवरटाइजमेंट है,उसे इन एक्टर्स आदि को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

तंबाकू गुटका पान मसाला खाने को लेकर प्रेरित करते हुए फिल्मों के जो बड़े बड़े स्टार सुपर स्टार्स एडवरटाइजिंग करते है,उन्हें जो पसंद करते है,वे इनसे ओर भी प्रेरित होकर कहते है,यो इस हानिकारक पदार्थ को खाने को,जो एडवरटाइजमेंट है,उसे इन एक्टर्स आदि को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

तंबाकू गुटका पान मसाला खाने को लेकर प्रेरित करते हुए फिल्मों के जो बड़े बड़े स्टार सुपर स्टार्स एडवरटाइजिंग करते है,उन्हें जो पसंद करते है,वे इनसे ओर भी प्रेरित होकर कहते है,यो इस हानिकारक पदार्थ को खाने को,जो एडवरटाइजमेंट है,उसे इन एक्टर्स आदि को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।जब सरकार इन गुटका तंबाकू पान मसाले के प्रचार आदि के प्रचारक एडवरटाइजों के नीचे ओर वैसे भी इनके खतरों को लिखकर संवेधानिक चेतावनी देती है की,इन्हें खाने से कैंसर जैसी घातक जानलेवा बीमारी होती है,तो इन फिल्मी नायकों को कुछ तो अपने प्रसंशकों के स्वास्थ्य ओर उनके परिवार के अंधकार ओर कलहपूर्ण जीवन भविष्य के विषय मे सोचना चाहिए,जो कि ये नहीं सोचते है,बड़ी बड़ी बातें तो करते है,पर असल मे करते है या नहीं ये एडवरटाइजिंग ही बता देती है कि,इन्हें कोई परवाह नहीं है,यो ये अभिनेता जन कल्याण को प्रेरक तो बनते नहीं,बल्कि उन प्रसंशकों के स्वास्थ्य और धन के विनाश का कारक बन,अपने लाभ के लिए धन और नाम कमाने को प्राथमिकता देते है,जो बिलकुल भी प्रसंसनीय नहीं है,यो सरकार और न्यायपालिका से हमारा अनुरोध है कि,इन एडवरटाइजिंगों को ओर इन्हें करते इन एक्टर्स को रोका जाए।

इस सम्बंध में स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी कहते है कि,मैं ओर हमारे सत्यास्मि मिशन की ओर से इस विषय पर जनहित याचिका डाली जा रही है।

ओर वैसे भी इस विषय पर समाज को भी जागरूक होना ओर अन्य लोगों को भी जागरूक करना चाहिए,की,

तंबाकू गुटका पान मसाला खाने से क्या क्या हानियां होती है,आओ जाने:-

1-तंबाकू चबाने से दांतों की जड़ों में गम भर जाता है, केविटी जमा होती है। सांस में दुर्गंध होने के साथ ही ओरल कैंसर की संभावना बहुत अधिक गुना बढ़ जाती है। सामान्य व्यक्ति की तुलना में गुटखा खाने वालों में ओरल कैंसर की संभावना 53% गुना ज्यादा रहती है।
2-गुटखा या तंबाकू खाने से शरीर के हॉर्मोन्स को तो प्रभावित करता ही है साथ में इसे खाने से आपके डीएनए को भी बहुत भारी नुकसान पहंचता है। तम्बाकू और गुटखे से कैंसर सिर्फ मुंह तक ही नहीं रुकता बल्कि ये श्वासनली से होता हुआ फेफड़े तक पहुंच जाता है और इससे फेफड़े में भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
3-जन पत्र लेख बताते है कि,पान मसाला क्या होता है?:-
इसकी सुपारी भी खतरनाक चमड़े की टैनिंग करते वक्त कानपुर और अन्य ऐसे शहरों की चमड़ा फैक्ट्रियों में सुपारी का इस्तेमाल किया जाता है। इससे चमड़ा साफ हो जाता है। इसके बाद इसी सुपारी को टैनरियों से पान मसाला बनाने वाले ले जाते हैं। इसका इस्तेमाल गुटखा पान मसाले में किया जाता है।इस विषय पर चंडीगढ़ में हुआ यह अध्ययन साइंस जर्नल ‘केमिकल रिसर्च इन टॉक्सीकोलॉजी’ में प्रकाशित किया गया है।
हमारे शरीर में ये एंजाइम हार्मोंस के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा गुटखा हमारे शरीर में टॉक्सिन बनने की प्रक्रिया में बाधा पहुंचाता है। जो हार्मोन टॉक्सीन बनाते हैं, यह उनको नुकसान पहुंचाता है। इस अध्ययन के लिए जानवरों को चुना गया था।
पीजीआई चंडीगढ़ के डिपार्टमेंट ऑफ बायोफिजिक्स के मुख्य अनुसंधानकर्ता डॉ. कृष्ण एल. खंडूजा के अनुसार गुटखे का आदमी और जानवर दोनों पर ही विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस अध्ययन के कई महत्वपूर्ण नतीजे सामने आए हैं। इससे यह पता चला है कि धुआंरहित तंबाकू से न केवल मुंह और दांत संबंधी समस्याएं होती हैं, बल्कि शरीर के कई अंगों जैसे फेफड़ों, लीवर, सेक्स और किडनी पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।ओर चबाने वाली तंबाकू में कई किस्म के रसायन होते हैं, जो हमारे रक्त में मिलकर पूरे शरीर को प्रभावित करते हैं। इससे पहले वैज्ञानिकों के पास धुआंरहित तंबाकू का शरीर के अन्य अंगों पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों के विषय में ज्यादा ज्ञान नहीं था। इसी बात की जाँच करने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने प्रयोगशाला में चूहों पर अपने प्रयोग किए और धुआं रहित तंबाकू यानी गुटखे के एंजाइम्स और जेनेटिक्स पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को जांचा गया।

इसी सम्बन्ध में हैलिस शेखसरिया इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ, मुंबई के डायरेक्टर डॉ. प्रकाश सी. गुप्ता के अनुसार इस शोध से यह संदेश मिलता है कि गुटखा मुंह संबंधी बीमारियों को बुलावा तो देता है, पर सेक्स हार्मोन पर इसका सबसे ज्यादा निगेटिव प्रभाव देखा गया है।

यहां तक कि अधिक मात्रा में लगातार सेवन से आदमी नपुंसक हो सकता है। साथ ही यदि गर्भवती महिलाएं लगातार गुटखे का सेवन करती हैं तो इससे उनके आने वाले बच्चे को कई किस्म की समस्याएं हो सकती हैं।
ऐसी विश्व भर में अनेकों वैज्ञानिक अनुसंधानों से सम्बंधित लेखों के उद्धाहरण है,जो बताते है कि ये,मनुष्य के स्वास्थ्य और भावी पीढ़ी के भविष्य को कितने घातक है।
यो इसे विषय के संदर्भ में सरकार और न्यायपालिका को अवश्य ही ठोस कदम उठाने चाहिए।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
www.satyasmeemission.org

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