विश्व महासागर दिवस World Oceans Day 8 जून पर ज्ञान कविता

विश्व महासागर दिवस World Oceans Day 8 जून पर ज्ञान कविता

इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि
प्रतिवर्ष ‘8 जून’ को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है। विश्व भर के लोगों में सभी समुन्द्रों की महत्त्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस का प्रारम्भ वर्ष 1992 में किया गया था।सन 1992 में रियो डी जनेरियो में हुए ‘पृथ्वी ग्रह’ नामक फोरम में प्रतिवर्ष विश्व महासागर दिवस मनाने के निर्णय के उपरांत और सन 2008 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस विषय में आधि‍कारिक मान्यता दिए जाने के उपरांत से यह दिवस मनाया जाने लगा है। विश्व महासागर दिवस मनाने का मुख्य कारण विश्व में महासागरों के महत्व और उनकी विभिन्न कारणों से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व भर में जागरूकता पैदा करना है। इसके अलावा महासागर से जुड़े अनेक पहलुओं,की जैसे- खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता, पारिस्थितिक संतुलन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग, जलवायु परिवर्तन आदि पर प्रकाश डालना है।
महासागर हमारी पृथ्वी पर न केवल जीवन का जीवंत प्रतीक है, बल्कि पृथ्वी के पर्यावरण संतुलन में भी प्रमुख भूमिका निभाते है। पृथ्वी पर जीवन का आरंभ इन्हीं महासागरों से माना जाता है। महासागरीय जल में ही पहली बार जीवन का अंकुर फूटा था। आज महासागर असीम जैव विविधता का भंडार है। हमारी पृथ्वी का लगभग 70 प्रतिशत भाग महासागरों से घिरा है। महासागरों में पृथ्वी पर उपलब्ध समस्त जल का लगभग 97 प्रतिशत जल समाया हुआ है। महासागरों की विशालता का अनुमान इस विश्लेषण से लगाया जा सकता है कि यदि पृथ्वी के सभी महासागरों को एक विशाल महासागर मान ले, तो उसकी तुलना में पृथ्वी के सभी महाद्वीप एक छोटे द्वीप लगेंगे।विशेषतया पृथ्वी पर पाँच महासागर हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं-

1-प्रशांत महासागर
2-हिन्द महासागर
3-अटलांटिक महासागर
4-उत्तरी ध्रुव महासागर
5-दक्षिणी ध्रुव महासागर
पृथ्वी पर महासागरों का सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्त्व मानव के लिए इन्हें अतिमहत्त्वपूर्ण बनाता है। इसलिए महासागरों के प्रति जागरूकता के उद्धेश्य से सन 1992 से प्रतिवर्ष 8 जून को “विश्व महासागर दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि,
!!💐विश्व महासागर दिवस पर ज्ञान कविता💐!!

धरा भरी अधिक जल से
जो खारा अधिक मीठा कम।
इन्हीं अधिकतम जल भरे क्षेत्र को
कहते महासागर हम जन।।
जीवन पनपा इन्हीं महासागर
अनगिनत जल जीव निवास।
बहुत कम ज्ञान यहां का ढूंढा
बहुत रहस्य छिपा इन सागर वास।।
पांच महासागर इस धरती पर
प्रशांत हिंद अटलांटिक ध्रुव उत्तर।
दक्षिण ध्रुव सब मिल रक्षक
इस धरा सौंदर्य बनाते नील चित्तर।।
सबसे बड़ा व्हेल जीव तैरता
ओर घूमती जैल विधुत मछली।
मगरमच्छ हिप्पो शार्क पनिह
घोंघे शंख मिलते इस तट छिछली।।
बहुत जीव लुप्त हो गए
ओर बहुत रहते गहरे अंधकार।
मूंगे चट्टानें समुंदर भरी है
अंनत तेल भरे सागर अपार।।
यहीं से भर जल मेघ बरसते
चक्रव्यूह बना नदियां आती।
अंनत पेड़ पौधों को पाले
जलधारा बन निकले धरा स्रोती।।
पर इसे नियंत्रण के चक्कर में
मनुष्य ने बोया विनाशक बीज।
तोड़ता नियम सागर के सारे
कुपित हो बरसाता क्रोध लहर बन खीज।।
परमाणु पनडुब्बी जहाजों से
ओर दहलाता बमों को फोड़।
प्रदूषित करता जल जीव को
निकाल तेल खनिज इन तल तोड़।।
यो गर्मी बढा दी सागर जल में
पिघल रहे है बर्फ पहाड़।
ऊंची उठ रही विनाशक लहरें
मिटा रही मनुष्य को दे कहर बाढ़।।
यो महासागर दिवस मनाये
ओर इन्हें स्वच्छ कर रखायें।
नियंत्रित करें महत्वाकांक्षा अपनी
जीव संग धरा पर अपना जीवन बचाएं।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

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