सिस्टर्स डे Sisters day 2 अगस्त पर ज्ञान कविता
इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी इस प्रकार से कहते है कि
हर साल हर साल अगस्त के पहले रविवार को राष्ट्रीय बहन दिवस यानी नेशनल सिस्टर्स डे यानी National Sister’s Day सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन बहनों यानी Sister के प्रति प्यार और सम्मान जाहिर किया जाता है। इस दिन बहनों के बीच अद्वितीय बंधन का जश्न मनाया जाता है। इस दिन बहनों को गिफ्ट देकर, सरप्राइज प्लान करके या पार्टी देकर उन्हें स्पेशल होने का एहसास दिलाया जाता है।
क्या है Sisters Day का इतिहास जाने?
संयुक्त राज्य अमेरिका में नेशनल सिस्टर्स डे यानी National Sister’s Day जो कि 2 August को मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहनों का लिए धन्यवाद करते हैं, जो उन्होंने किए हैं। साथ ही उन्हें बताया जाता है कि वे हमारे जीवन में कितना मायने रखती हैं। वैसे तो एक दिन काफी नहीं है उन्हें ये सब बताने के लिए, लेकिन इस दिन को उनके लिए कुछ खास कर उनसे प्यार जाहिर किया जाता है।
Sisters Day मनाने की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में Deborah Tannen ने की थी। इस दिन को आप न सिर्फ अपने सगी बहन बल्कि अपने Cousin,Sister-In-Law आदि के साथ भी मना सकते हैं।
यो इस प्यारे रिश्ते के सम्बन्ध में स्वामी सत्येंद्र अपनी कविता में कुछ यूं कहते हैं कि
बहिन दिवस पर ज्ञानकविता
बहिन शब्द कहते ही कौंधे
एक मृदुल चहरे मुस्कान।
दया प्रेम सहायिका मित्रक
जीवन भर संगी हो मान।।
मुहं बनता जरा बात पर
खुश होती खिलौना कार पर।
रूठती टूटता गिर उससे कुछ
उल्टा दूजे आरोप लगा सर।।
ऐसी अदाकारी देख सबके
बसा गुस्सा भी फुर्र हो जाता।
कीमत भी इसके आगे खुद छोड़
अपनी वजूद खो प्यार पाता।।
सीखती गयी सभी कुछ
जीवन जी के नव बसंत।
ओर खड़ी हो गयी दहलीज
बन कर सुंदर परिभाषा जीवंत।।
मिला एक उस जैसा ही वर
दान किया प्यार दे सब घर।
वचनों से बंध चली जीवनसंगी
सेहरा की इज्जत पल्लू में भर।।
आता जब भी कोई त्योहार
याद आता उसका घर संवार।
सजा देती हर छोटी चीजों से
ख़िल खुशियां दीवार से द्धार।।
रक्षा बंधन की पूर्णिमा बन
देती घर आने का न्योता।
कलाई रक्षासूत्र बांध गा मंगलगीत
भाई अर्थ जीवित हो जाता।।
जन्म दे नए रिश्ते प्यार के
भांजे भांजी भर अपना रूप।
जन्मों तक को निभा संगत निज
यो पीहर से जुड़ी रहती अनूप।।
बहिन से जी बढ़ सम्मान
बन भाभियों की नन्द।
भतीजों की प्यारी बुआ
बेटियों देती आकर आनन्द।।
बहिन बिन रिश्ते अधूरे
वही सेतु गृहस्थी हर सार।
तारक बनती हर सम्बन्धों
दे ले अनुपम प्यार उपहार।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org