India National Bodybuilding Day राष्टीय बॉडीबिल्डिंग दिवस 17 March पर कविता
इस बॉडीबिल्डिंग दिवस यानी शरीर सौष्ठव दिवस जो कि भारत के पहले बॉडीबिल्डर मनोहर ओइच के जन्मदिवस 17 मार्च के उपलक्ष्य में उन्हें स्मरण करते मनाया जाता है।यो इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी अपनी व्यायाम कविता से व्यायाम के महत्व को बताते हुए इस प्रकार से कहते है कि
उठकर प्रातः शौच निवर्त हो
लेकर जूस लगाते दौड़।
गर्म कर शरीर फिर जिम जाते
करते कठोर परिश्रम जी तोड़।।
निकाले रेप डंबल्स की भिन्न भिन्न
वजन बढा घटा हर बार।
दंड लगाते तरहां तरहां की
बैठक लगाते लें वजन अपार।।
बीच बीच में पौष्टिक पानी पीते
करते जरा देर विश्राम।
फूला कर मसल्स हर अंग निहारें
क्या कमी हम शरीर शीशे देखें अविराम।।
फिर लग जाते उसी अंग पर
जो उन्हें लगता है कमजोर।
वर्षों इसी तरहां संकल्प में जीते
एक दिन बने शरीर सौष्ठव सिरमौर।।
करते तरहां तरहां के पौष्टिक भोजन
कभी पानी फैटी रोटी छोड़।
फल दाल खीर दूध घी खाते
कठोर नियम जीते ख़ुद से कर होड़।।
धैर्य अडिग विम्रता रखकर
शत्रुता रख आराम हराम।
बस एक ही धुन रात दिन बजती
मैं बनूंगा जरूर बॉडीबिल्डर धरा धाम।।
आवारागर्दी छूट जाती बुरी नियत
ओर छूट जाते निकम्मे दोस्त।
बस साथी होती लोह मशीनें
ओर कैसे बढ़े शरीर सुद्रढ़ गोश्त।।
बना शरीर फिर उसे जांचते
ले प्रतियोगिता चढ़कर मंच।
बनाकर पोज खूबसूरत अदा संग
बजती ताली सीटी प्रशंसक मंच।।
जीतें तो मिलते पुरस्कार
ओर विजय स्तर अनुसार उपहार।
नहीं पड़ा कोई स्थान मंच जब
तब निराशा नहीं करते स्वीकार।।
कमियां ढूंढ सलाह गुरु ले
ओर ज्ञान बढा नए व्यायाम।
खानपान की कमी सुधार कर
फिर पाते मनचाहे जीत आयाम।।
बॉडीबिल्डिंग बड़ी महंगी हो गई
बड़े कीमती ताकत के भोज।
लाखों रुपये की ख़ुराक़ खाते
वर्षों तक विकट महनत कर रोज।।
जल्दी शरीर बने हम कैसे
मची आज नवयुवा होड़।
यो खाते अधिक परिश्रम कम कर
ओर ड्रग्स से बिगाड़ें शरीर निचोड़।।
ख़ुराक़ कम और कसरत हो ज्यादा
या खुराक अधिक ओर कसरत हो कम।
दोनों हानि दें थकान बढा कर
संतुलन से पूरी हो हसरत पड़ दम।।
आओ बॉडीबिल्डिंग दिवस मनाएं
करके शरीर के सुद्रढ़ व्यायाम।
रोग मिटा बन कर ताकतवर
कसरत जरूर करें सुबह या शाम।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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