12 जनवरी स्वामी विवेकानन्द जयंती पर युवा दिवस की सभी को शुभकामनाएं
12 जनवरी विवेकानन्द युवा दिवस पर सत्यास्मि मिशन की
ओर से स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी की युवा दिवस पर समस्त युवतियों के आवाहन भरी शुभकामनाएं देते ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि,,
युवती का युवा दिवस कविता
आज जरूरत उस युवती की
जिसके पराक्रमशील भजबल हो।
मष्तिष्क हो ज्ञानपूर्ण चिंतन युक्त
और अथाह परिश्रम उज्ज्वल हो।।
भोग योग का ज्ञान यथार्थ कर
आरोपित नही करें निज स्वार्थ।
अपनी कमियों को दूर करो अब
और प्रत्येक कर्म कर निस्वार्थ।।
पुरुष पूजा को त्याग सदा दे
और स्वयं की उपासना करें नारी।
करे घोष बन कर्मशील मैं हूँ
सहयोग ले दे बन स्वं आधारी।।
सर्वोच्च आदर्श चुने स्त्री का
और वही आदर्श का जीवन जीये।
दूजे देखना छोड़ दे बिलकुल
अपने बनाये ज्ञान अमृत पीये।।
धर्म क्या है उसमें कहाँ हूँ मैं
स्त्री प्रधान धर्म कर खोज।
लाध नही ना अपने दूजे
बना नही आत्मा पर बोझ।।
संघर्ष करें धन वैभव पाने
अपने पर ना करने दे अधिकार।
धन एश्वर्य मायावी सुख को
उस पर कर कर्म से अधिकार।।
जान आत्म के सभी रहस्यों को
और जान चरम परमात्मा तू।
स्वयं से बात नित्य किया कर
ध्यान विधि अपना सर्वोत्तम तू।।
जीवन उद्धेश्य सदा काम है
नित्य परिश्रम सदा करो।
धरा तुम्हारे भोग बनी है
नायिका बन कर भोग करो।।
कर अनुभव महान मैं ही हूँ
और उसी विचार को कर जीवंत।
जी उसी में कर्म प्रबल कर
यही विचार से अमृत पीवन्त।।
भविष्य की आशा युवती जोड़ो
और उन्हें सिखाओ आत्मस्वाभिमान।
ईश्वरी की सन्तान तुम्ही हो
उनके रक्त में भरो यही दिव्य ज्ञान।।
जो जन्मा है अवश्य मरेगा
मृत्यु निश्चित तब क्या भय।
अच्छे काम को मरना उत्तम
यही करो उपासना ले नित्य अभय।।
करो अनुसरण स्वयं नियम का
और उसे जगत को दिखला दो।
उठो जागो और रुको ना तब तक
लक्ष्य प्राप्ति पुष्प खिला दो।।
भगवान में विश्वास उसी को होता
जो स्वयं के आस्तित्व में करे विश्वास।
जिसे स्वयं में दासत्त्व ही दिखे
उसके ईश पाने की कभी ना आश।।
यो पूर्ण बनो पूर्णिमाँ बन कर
और अपनी पूर्णिमाँ को अभिव्यक्त करो।
अहम् सत्यास्मि को अपनाओ
सत्य ॐ सिद्धायै नमः अर्थ झरो।।
जय नारी अपना युग जानो
पुरुष युगों के दास्तत्व को त्याग।
अपना युवा स्वरूप कर प्रकट
स्वामित्त्व भाव को स्वयं में जाग।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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