जब आप पफ़स्सि दंड लगाते है और इसका सबसे बढ़िया स्टेप हाथों से अपने को आगे को धकेल कर वहां रुकते है,ठीक तभी हमारे मष्तिष्क में स्थित सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रन्थि पीयूष ग्रँथ जिसे पिट्यूटरी ग्रन्थि भी कहते है,उस पर तेजी से प्रभाव पड़ता है,क्योकि इस एजसरसाइज से हमारी गर्दन को आगे खींचने से वहां की थायरॉइड ग्रन्थि पर भी तुरन्त ही बड़ा भारी असर पड़ता है,नतीजा हमारे प्राण शक्ति कुम्भक करने के कारण इन दोनों ग्रन्थियों पर बहुत तेजी से विशेष प्रभाव डालती है,यो इनमे बहुत अच्छे स्तर का हार्मोन्स का स्राव होता है,वो ही हार्मोन्स हमारे शरीर के हर प्रकार के विकास को अत्याधिक आवश्यक है और कब वो हमें रोज मिलता है,तो हमारे शरीर की लंबाई बढ़ती है,क्योकि पीयूष ग्रंथि जो मस्तिष्क में होती है और ये हमारे शरीर के लिए दोनों प्रकार के पोजेटिव हार्मोन ओर निरोधात्मक हार्मोन पैदा करती है।यानी हमारे हार्मोन्स कम है तो,उसे बढ़ाती है और अधिक है,तो उसे घटाकर सन्तुलित करती है,यो सही से बेलेंस बना रहता है। हाइपोथैलमस पिट्यूटरी ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन के स्राव को नियंत्रित करता है,ये ओर भी कई प्रकार के जिनमें मुख्य 6 प्रकार के हार्मोन्स स्रावित करती है। ये 6 हार्मोन्स में ही है-पावर-फोर्स-स्ट्रेंथ-स्टेमिना- एनर्जी यो पिट्यूटरी ग्रंथि से स्रावित होने वाले हार्मोन्स में से एक है-विकास हार्मोन ओर यही हमे चाहिए,,लम्बाई बढ़ाने और शक्ति को बढ़ाने को।
ओर ये हार्मोन कैसे बढ़ता है?:-
आपके व्यायाम शुरू करने के आधे घंटे बाद शरीर में ग्रोथ हार्मोन बनना शुरू होता है, जो 45 मिनट तक बढ़ता है,इसके बाद अगले 15 मिनट यानी कुल 60 मिनट तक स्थिर रहता है। 60 मिनट के बाद इसका स्तर घटना शुरू हो जाता है। आपका शरीर जितना ग्रोथ हार्मोन पूरे दिन में बनाता है, उसका 75 फीसदी निर्माण शरीर अच्छी नींद के दौरान करता है।यो यहां एक बड़े रहस्य की बात बताता हूं कि,बहुत से भक्त पूछते है कि,गुरु जी हमे व्यायाम के पहले प्राणायाम ओर ध्यान करना चाहिए या व्यायाम के बाद,तो,आपको यहां बताये गए ज्ञान से तुरन्त प्रमाणिक रूप से समझ में आ गया होगा कि, हमें व्यायाम के बाद ही प्राणायाम या ध्यान करना चाहिए क्योंकि,हमारे व्यायाम से जाग्रत हुए हार्मोन्स को सही स्थान तक सन्तुलित रूप में पहुँचाने का काम व्यायाम के बाद किया गया ध्यान ही करता है,तो भक्तो,व्यायाम के बाद ध्यान करने से ये नींद की भी कमी पूरी हो जाती है।यो प्राणायाम हो या ध्यान आप नीचे बताये व्यायाम के बाद ही करें।
तो भक्तो-पफ़स्सि व्यायाम की इस दंड में आगे जाने पर रुकने वाले व्यायाम को अवश्य करे और पाए मनचाही लम्बाई,,

इस पफ़स्सि दंड व्यायाम में हमारी रीढ़ की हड्डी की विशेष खिंचाई होती है,आगे बढ़ने और वापस पीछे आने के सन्तुलित अभ्यास से,जिसमे हमारे पेर के दोनों पंजे के आगे धकेलने में ओर शरीर को वापस पीछे खींचने के अभ्यास में अपनी पिंडलियों की मांसपेशियों का व्यायाम भी करने से,पिंडलियों की मांसपेशियों का सीधा सम्बन्ध हमारे पेट की नाभि चक्र से होता है,जिससे पैर के पंजो की नसों के सही से खींचने के आगे पीछे के अभ्यास से तुरन्त पेट की नाभि की 72 हजार नाड़ियों का संतुलन ठीक होने लगता है और देर तक आगे की ओर बने रहने से ये सभी 72 हजार नाड़ियां शुद्ध और निर्मल होकर सभी पाचनतंत्र ओर उनसे बनने वाले रस यानी हार्मोन्स को सन्तुलित करके शरीर मे लगाती है,यो हमें ये अभ्यास को सही से रुकते हुए करना चाहिए,ओर जब हम कम से कम 1 मिंट तक इस दंड को करते है तो,हमारी रीढ़ के नीचे के पॉइंट चक्र मूलाधार चक्र से लेकर सिर तक के सारे चक्रों पर बड़ा खिंचाव पड़ता है,जब सांस रोकते है तब खुद ही,तीनों बंध-मूलबन्ध जो पेशाब की नाड़ियों के खींचने से लगता है और जब आगे बढ़ते तो पेट व फेफड़े में बंध लगने से उड़ियान बंध लगता है और जब आगे की ओर या वापस पीछे की ओर शरीर को खींचते है,तब गले पर विशेष दबाब के चलते जालंधर बंध लगता है,यो तीनों बंध इस एक ही दंड में कुम्भक सहित लगकर मिलते है।और जब कुम्भक सहित तीनों बंध लगते है तो खुद ही समझो कि शरीर की सारी मुख्य ग्रन्थियां सक्रिय हो उठती है और आपकी लम्बाई हो या कोई और रोग वो तुरन्त सन्तुलित होकर ठीक होते चलते है,लगभग तीन सप्ताह से लेकर तीन महीने में अवश्य आपको लम्बाई बढ़ने का लाभ मिलेगा,बस सही से करें पफ़स्सि व्यायाम।

अब इस दंड के साथ जब आप पफ़स्सि के अन्य दो व्यायाम मुख्य तौर पर करते है-1-अपनी दोनों मुट्ठियों को कस कर बन्द करते हुए अपने सिर से ऊपर की ओर खींचने का व्यायाम और-
2-जमीन पर लेट कर हाथोंकी मुट्ठियों को कसकर भींचते हुए,फिर अपने पैरों की ओर ले जाकर उनसे आगे की ओर खींचते है,तो हमारे कंधे व हाथ व पेट व रीढ़ व पैर की पिंडलियों पर विशेष जोर पड़ता है और यही की मांसपेशियों के खुलने से ही हाइट बढ़ती है।

यो ऐसे अवश्य बड़े धीरेधीरे खींचते यानी तनाव देते हुए 5 बार से लेकर 15 बार तक रोज एक समय ही करें तो,अत्यधिक लम्बाई बढ़ेगी और पेट के सारे रोग,नले या नाभि हटनी ओर पिंडलियों में दर्द आदि होना एक दम ठीक हो जाएगा।
बस करे और देखे मनचाहा लाभ को पाने का चमत्कार।।
शेष अन्य लाभ आगे बताता हूं।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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