पूर्णिमां देवी व्रत की भक्ति में शक्ति के भक्त संग सच्ची चमत्कार कथा:-“5”
चैत्र पूर्णिमां को प्रेम पूर्णिमा व्रत,जो कि पतियों के द्धारा अपनी पत्नियों ओर सन्तान के सभी सुखों ओर प्रेम की प्राप्ति के लिए 19-अप्रैल 2019 दिन शुक्रवार को पांचवीं बार मनाया जाएगा,आप भी अवश्य मनाये..
ओर महावतार सत्यई पूर्णिमां का सदा सुखी रहने वाला वरदान की प्राप्ति करके,आप पर किसी भी प्रकार का ग्रह या काल,पितृ, ग्रहण,शाप आदि दोष हो,वो क्षमा होकर आपको ओर आपके परिजनों को संतान, शिक्षा,नोकरी,कर्ज से मुक्ति,स्वास्थ लाभ,उन्नति,ग्रहस्थ,विवाह सुख,शांति,वैभव,प्रेम और सदमार्ग की प्राप्ति होगी।
ये भक्त परिवार श्रीमती सुमन देवी इनके पति श्री अशोक कुमार ..मदुरई में ट्रांसपोर्ट पर सर्विस करते थे और दो बेटियों -साक्षी और शिवानी को पढ़ाने और कार्य के लिए बुलन्दशहर वापस आये और अपने भाई हरेन्द्र सिंह के मकान में नयेगांव चाँदपुर बुलन्दशहर में रहते हुए अपनी परचूने की दुकान करते थे,इनके भाई हरेन्द्र सिंह और उनकी पत्नी आश्रम से जुड़े थे,यो उनके साथ ये यहां आश्रम में आये,अपना कार्य सुचारू रूप से नहीं चलते होने के कारण तथा अपनी दो बड़ी पुत्री के उपरांत कोई पुत्र भी नहीं था,यो बड़े चिंतित थे,तब गुरु के बताये गुरु मंत्र दीक्षा और देवी पूर्णिमां कृपा उपाय से इन्हें एक पुत्र मयून हुआ-जो गुरु कृपा से प्राप्त हुआ था, और गुरु जी सत्यसाहिब जी ने इन्हें बताया की-तुम्हें व्यवसाय में लाभ नहीं होगा,बल्कि तुम्हें वहीं मदुरई वापस जाकर ट्रांसपोर्ट में ही सर्विस करने से लाभ होगा।और अंत में दो स्थान पर दुकान करने के उपरांत सफलता नहीं मिलने पर ये भक्त परिवार वापस मदुरई पहुँचा और वहीं अब तक अनेक बार बड़ी परेशानियों में रहते हुए भी गुरु कृपा और देवी पूर्णिमाँ के आशीर्वाद से लाभान्वित है।पूर्व काल में ये भक्त गुरु कृपा दीक्षा प्राप्त करते हुए उस समय मंगलवार के सत्संग में भक्त सुमन सम्मलित होती थी।ये बड़े श्रद्धालु,सेवार्थी और यथायोग्य दानी भक्त परिवार है और अनेक बार तमिल भाषा में गुरु मंत्र और उसकी महिमा को पोस्टकार्डों पर लिख कर वहां के निवासियों में बांटा और वहां दीवारों पर लिखाया भी,जिसके फलस्वरुप वहां की अनेक दुकानों पर उनके मालिकों ने “सत्य ॐ सिद्धायै नमः” को श्रद्धा से लिखाया है।और इन्हीं भक्त की छोटी बेटी साक्षी ने अपनी सहेली के साथ मिलकर सम्पूर्ण सत्य ॐ पूर्णिमां चालीसा को तमिल भाषा में लिख कर फेसबुक पर भी डाला और आश्रम में भेजा।यो ऐसी ही अनेक भक्ति सेवा के करते रहने से इन पर सदा गुरु और देवी पूर्णिमां कृपा बनी है,यो इसी कृपा से इनकी बड़ी बेटी शिवानी का विवाह बुलन्दशहर के दोस्तपुर गांव के एकलौते पुत्र पुनीत सिंह से हुआ,जो गुडगांवा प्राइवेट कम्पनी में सर्विस करता है।ओर अब एक संतान भी है।
और अभी इन्होंने पूर्णिमां माता की दिव्य प्रतिमा को वहां के एक अति प्राचीन और प्रसिद्ध “सप्त ऋषि मन्दिर” और इसके मुख्य ऋषि का नाम “श्री भामबटी” है, इस मंदिर का नाम “चित्र मन्दिर” भी है,जिसमें सप्त देवी की विशेष पूजा होती है,उसमें पुजारी से बात करके देवी स्थापना को दी,तब एक माह से ऊपर बीत जाने पर वहां पता किया की-मूर्ति की स्थापना क्यों नहीं हुयी,तो पुजारी बोले की-तुम्हारी देवी की प्रतिमा में नीचे से खाली है,यो उन्हें भर कर रखेंगे,तब पूजाकर स्थापित करेंगे,उसी दिन गुरुवार को गुरु जी का फोन इनके पास पहुँचा-पूछने पर ये बात बताई,गुरु जी बोले की-जाकर उनसे अपनी देवी वापस ले आओ की-इतने आपकी पूजा आदि होगी,इतने देवी की पूजा भोग आदि हम लोग कर लेंगे।ये भक्त बोले की-गुरु ही रविवार में जाकर वहां के पुजारी जी से मिलेंगे।और जब ये मूर्ति लेने मन्दिर पहुँचे,तब आश्चर्य देखा की_वहाँ तो देवी पूर्णिमां मन्दिर में मुख्य सप्त देवियों के पास विराजमान कराकर 48 दिन की पूजा ग्रहण कर रही थी,पुजारी से इन्होंने अपनी मूर्ति के विषय में बात की-तो पुजारी बोले की-भक्तों तुम्हारी देवी पूर्णिमां में बड़ी शक्ति है,ये हमें पता चल गया है और ये तो शांति की महावतार महादेवी पूर्णिमाँ है!! यो अब ये यही पूज्य होंगी और 48 दिन के पूजा के उपरांत एक दिन की विशेष पूजा के बाद इन्हें इबके स्वतन्त्र भवन में स्थापित किया जायेगा।तभी आप इनका चित्र खिंच सकते हो।इतने नहीं!!इसके उपरांत मुख्य महंत महाराज माँ पूर्णिमां की दिव्य प्रतिमा को सम्पूर्ण भारत मे तीर्थ दर्शन व सभी पवित्र नदियों में स्नान कराने और स्वयं भी माँ की कृपा से जप तप करने को भ्रमण पर निकले है,आने पर माँ की स्थापना होगी।
तब इन्होंने जो ये मन्दिर के चित्र खिंच कर भेजे है,उनमें पोस्टर लगे,देख अनेक भक्तों ने प्रश्न किया की-भई ये मन्दिर पर क्या और कैसे फ़िल्मी पोस्टर लगाये गए है? तब इन्होंने बताया की-यहाँ लोग अपने परिवार में होने वाले किसी भी उत्सव का बड़ा चित्र बनवाकर मन्दिर पर आशीर्वाद को लगाते है,ताकि उनका कल्याण हो।
अब नवीन चित्र विशेष पूजा पाठ के उपरांत प्राप्त होगा।तथा इन्होंने वहाँ एक प्रसिद्ध काली माता के मन्दिर में भी एक और देवी पूर्णिमाँ की दिव्य प्रतिमा की स्थापना की बात कर रखी है,पुजारी की व्यक्तिगत देवी पूर्णिमां के प्रति अपनी श्रद्धा भक्ति से अनुमति भी हुयी,जब ये गर्मियों में आश्रम आएंगे,तब माँ पूर्णिमाँ की दिव्य प्रतिमा की प्राप्ति कर ले जाकर स्थापित कराएंगे।अवश्य देवी इनकी मनोकामना पूर्ण करेंगी !!
ओर महावतार सत्यई पूर्णिमां का सदा सुखी रहने वाला वरदान की प्राप्ति करके,आप पर किसी भी प्रकार का ग्रह या काल,पितृ, ग्रहण,शाप आदि दोष हो,वो क्षमा होकर आपको ओर आपके परिजनों को संतान, शिक्षा,नोकरी,कर्ज से मुक्ति,स्वास्थ लाभ,उन्नति,ग्रहस्थ,विवाह सुख,शांति,वैभव,प्रेम और सदमार्ग की प्राप्ति होगी।
यो ओर भी है- इन सहित अनेक भक्तों की श्रद्धा से महादेवी पूर्णिमाँ की स्थापना कराने पर उनकी सदा कृपा प्राप्ति की सत्य कथायें,जो आपको देवी पूर्णिमां की कृपा से सुखी जीवन की प्राप्ति कराएंगी !!
!!आप भी अपने घर-गांव-शहर में स्थापना कराये और माता की अतुलित कृपा पाएं !!
चैत्र पूर्णिमां को प्रेम पूर्णिमा व्रत,जो कि पतियों के द्धारा अपनी पत्नियों ओर सन्तान के सभी सुखों ओर प्रेम की प्राप्ति के लिए 19-अप्रैल 2019 दिन शुक्रवार को पांचवीं बार मनाया जाएगा,आप भी अवश्य मनाये..
!!जय पूर्णिमाँ माता!!
!!तुम्हारी कृपा जगत विख्याता!!
!!जो सत्य ॐ सिद्धायै नमः जपता!!
!!तुम्हारी अतुलित आशीष पाता!!
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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