किस ऊँगली में कछुवे की अंगूठी पहने और पाये नवग्रह का चमत्कारिक लाभ,ये बता रहे है-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी…
ज्योतिष में 9 ग्रह है-सूर्य-चन्द्र-मंगल-बुध-गुरु-शुक्र-शनि-राहु-केतु।
और कछुवे की अंगूठी है-एक ही प्रकार की और वो भी चांदी में सर्वोत्तम।इसे सोने में बनवाकर नही पहनना चाहिए।कछुवा जल का जीव है और जल का तत्व चांदी है।
तब यही कछुवे की एक अंगूठी और वो भी चांदी की किस ऊँगली में पहने और अपने जन्मकुंडली के अशुभ ग्रह या महादशा या अंतरदशा को कैसे करें,अपने अनुकूल?
तो यहाँ बड़ा सरल और चमत्कारी उपाय बताया जा रहा है।
1-गुरु ग्रह को अनुकूल करने के लिए:-विवाह नहीं हो रहा और संतान के होने देर और बार बार बाँधा आती है और पुत्र योग नहीं बनता है।तब कछुवे की अंगूठी को तर्जनी में गुरुवार के दिन प्रातः7 बजे पूजन कर पहनी चाहिए।
2-शनि ग्रह को अनुकूल करने के लिए:-लम्बे मुकदमें चलते रहे और कारावास से बाहर निकलने के योग टलते रहे और तरीख पड़ती रहें और ऐसे ही लम्बी बीमारी बनी रहे और प्रॉपर्टी बिकती नही हो या मिल नहीं रही हो या वाहन से हानि हो या भैंस के कार्य में लाभ नही हो या राजनीती और ठेकेदारी में लाभ नहीं हो।तब जानो शनिदेव का आशीर्वाद आप पर नहीं है।तब
कुछुवे की अंगूठी को शनिवार के दिन 8 बजे प्रातः पूजन करके मध्यमा ऊँगली में पहनने से शनि ग्रह अनुकूल फल देते है।
3-सूर्य ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए:-सरकारी या प्राइवेट नोकरी नही लगती हो।और अधिकारी सदा नाराज रहते हो और पद प्रतिष्ठा में प्रयत्न करने पर भी प्रमोशन नहीं हो।या पद में गिरावट हो या शरीर में दर्द ही बना रहे।या बच्चों की और से सदा परेशानी और अपमान ही मिले तो,जानो सूर्यदेव प्रसन्न नही है।तो कछुवे की अंगूठी को रविवार के दिन पूजन करके अनामिका ऊँगली में पहनने से सूर्यदेव शुभ फल देने लगते है।
4-बुध ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए:-यदि धन का आगमन नहीं हो और व्यापार में गिरावट होती रहे।सही पॉइंटों से वकालत में केस जीत नहीं पाये या तर्क में आप पराजित हो या ज्योतिष और भविष्यवाणी में कमी आये।या नर्वस सिस्टम कमजोर रहे।कहीं भी दर्द बना रहे।या बुद्धि और विवेक में कमी हो,तो जाने की बुधदेव अप्रसन्न है।तब कछुवे की अंगूठी को बुधवार के दिन प्रातः 5 बजे कनिष्ठा कंग की ऊँगली में पहनने से बुध ग्रह का शुभ फल मिलने लगता है।
5-मंगल ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए:-यदि सदा विवाद बने रहे और झगड़े में अपमान होता रहे और बुखार नही टूटे और शुगर बढ़ती रहे।या फ़ोर्स की नोकरी में सफलता नहीं मिले और बिजली और एक्सिडेंट से सदा खतरा बना रहे और माँगलिक दोष हो,विवाह में बाँधा से विवाह टलता रहे व् गृहस्थी में सदा तनाव बना रहे।तो जानो मंगलदेव प्रसन्न नहीं है।तब कुछवे की अंगूठी को मंगलवार के दिन अनामिका ऊँगली में पहनने से मंगल देव के शुभ फल मिलने लगते है।
6-शुक्र ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए:-कर्म करो और फल नहीं मिले।और एश्वर्य और सौंदर्य में कमी रहे।व् ग्लैमर की दुनिया में सफलता नहीं मिले तथा सदा अफेयर हो और टूट जाये और प्रेम जी जगहां सदा वासना ही हाथ आये।पूजापाठ करने पर भी कभी दैविक कृपा नहीं मिले और न ही मन्त्रों में सिद्धि।तब जाने की शुक्रदेव अप्रसन्न है।तब कछुवे की अंगूठी को शुक्रवार के दिन अपने अंगूठे में पहने तो शुक्रदेव के चमत्कारिक फल तुरन्त मिलने प्रारम्भ हो जाते है।लोग मध्यमा ऊँगली में पहनते है और लाभ भी मिलता है,पर यहां संग में शनि ग्रह का भी प्रभाव मिश्रित होकर मिलता है।जो शुक्र के सम्पूर्ण प्रभाव को नहीं देने देता है,यो शुक्र के सम्पूर्ण प्रभाव को पाने के लिए शुक्र का क्षेत्र अंगूठे को प्राप्त है,यो अंगूठी को सीधे हाथ के अंगूठे में पहने और सम्पूर्ण लाभ लें।
7-चंद्र ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए:-पहले ये जाने की चंद्रमा का किस ग्रह से मित्रता और शत्रुता है और सामान्य सम्बन्ध है।यो तब अपने चल रही परेशानी के अनुसार अंगूठी उस ऊँगली में पहने।
वेसे चंद्रमा ग्रह के लिए बहुत से कंग की ऊगली में पहनते है।
और कुछ अनामिका ऊँगली में पहनते है।
पर यदि आपको क्रोध बहुत आता है और मन अशांत रहता है,शिक्षा में मन जल्दी उचट जाता है,तो सूर्य के साथ चन्द्र का योग होने से इस सब परेशानियों में कमी आएगी और संतुलन बनेगा।क्योकि चंद्रमा को सूर्य प्रकाश देता है,यो अनामिका ऊँगली में पहनने से चन्द्र को सूर्य के प्रकाशित गुण मिलने से बल मिलेगा और चंद्रमा में तेजस्विता आ जायेगी और आपको शुभ लाभ मिलेगा।यो अनामिका ऊँगली में पहने कछुवे की अंगुठी को।
यदि आपकी बुद्धि विशेष काम नहीं करती तो आपको बुध की कंग की ऊँगली में कछुवे की अंगूठी पहननी चाहिए।
यदि आप अधिक भौतिक और भोगवादी वृति के हैं और आपको अपने जीवन एक गम्भीरता तथा तहजीब लानी है और साथ ही आध्यात्मिकता व् धर्म में रूचि लानी है,तो कछुवे की अंगूठी को मध्यमा ऊँगली में शनिवार के दिन 8 बजे प्रातः पूजन करके पहननी चाहिए।
8-राहु ग्रह को अनुकूल करने ले लिए:-आपके जीवन में अचानक घटनाये अधिक घटती है।और बने बनाये काम बिगड़ जाते है।जादू टोन और बुरे विचारों का प्रभाव अधिक देखने में आता है,तो दिन की पूजा पाठ बंद कर दे और साय को या रात्रि को पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाये।विशेषकर कीकर या बबूल की झाड़ियों को साय या अँधेरे प्रातः ही गुड़ चढ़ाकर लौटे से जल देकर बिन पीछे देखे आया करें।और तो कछुवे की अंगूठी को मध्यमा ऊँगली में रविवार के दिन प्रातः 4 बजे स्नान और पूजन करके पहनना चाहिए।इसे सीधे नहीं रखते हुए तर्जनी ऊँगली की और झुका या घुमा कर पहनना चाहिए,ये सदा ध्यान रखें।
9-केतु ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए:-यदि आप एक दम से कर्ज में आते चले जा रहें है,तथा बीमारी बढ़ती जा रही है और अच्छा करने पर भी आपके साथ बुरा ही होता रहता है।धन फंस जाता है और मित्र हट जाते है और जरा सी बात पर बात का बतंगड़ बनकर अपमान और कोर्ट कचहरी तक बात पहुँच जाती है और पूजा पाठ करने पर भी और बुरा फल मिल रहा है।तब जाने की आप पर केतु ग्रह का कुप्रभाव है।यो पहले तो दिन की पूजा बन्द कर दे और घी का दीपक नहीं जलाये।और धूसर रंग के कुत्ते की सेवा करें।रात्रि में पूजा करें और तेल का दीपक जलाये और नीम के पेड़ पर जल चढ़ाये।
कछुवे की अंगूठी को अनामिका ऊँगली में मंगलवार के दिन 7 बजे स्नान ध्यान पूजन के बाद पहने और इसका झुकाव कंग की ऊँगली की और रहना चाहिए,ये सदा याद रखें और सीधी नहीं पहने।
रत्न जड़ित अंगूठी नहीं पहने:-
राशि रत्न जड़वाकर भी कुछुवे की अंगूठी पहनते है,तब ये विष्णु भगवान का अवतार कछुवा नहीं रह जायेगा,जो की होना चाहिए। बल्कि लक्ष्मी का वाहन बन जायेगा कछुवा बना जायेगा।जो की है नहीं।
पर सच्चा और पूरा लाभ केवल और केवल सामान्य कछुवे की ही डिजाइन की अंगूठी पहनने से मिलता है।यो सदा अंगूठी ही पहने।
कैसे पहने अंगूठी:-
कछुवे का मुह सदा बाहर की और होना चाहिए और पुंछ आपकी और यानि अंदर की और हो।
ग्रह लाभ को अंगूठी पहनते में सटीक उपाय:-ऊपर बताये अपने नकारात्मक ग्रह को सकारात्मक करने के लिए जब कछुवे की अंगूठी का दिए गए दिन वार में पूजन करें।तब ये याद रखें की-आपके उसी दिन को प्रत्येक सप्ताह में फिर से अंगूठी उतार कर दूध-गंगाजल-दही-तुलसी-गाय का घी को एक प्लेट में करके उसमे अंगूठी को डालकर रात को रख दें और प्रातः उठकर फिर उस ग्रह का बीज मंत्र जपते हुए अंगूठी को देखते हुए ध्यान जप करें और फिर गुरु व् इष्ट मंत्र जपे,जितना हो सके।तब उस अंगूठी को प्लेट से निकाल कर जिस ग्रह का उपाय कर रहें है,उसमें पहन लें और इस दूध आदि को तुलसा जी में मनोकामना कहते चढ़ा दें।यानि की जेसे आप शनि ग्रह का उपाय को अंगूठी पहनना चाह रहे और उपाय कर रहें है,तो इस अंगूठी को शुक्रवार की रात को इस पंचाम्रत भरे प्लेट में रख दे और शनिवार की प्रातः ये पूजन कर पहने।ठीक यही अन्य ग्रहों के लिए उस ग्रह के दिन से पहली रात को उतार कर रखे और उस ग्रह के दिन बताये समय पर ही पूजन कर पहने।
ऐसा यदि आप प्रत्येक सप्ताह के उसी दिन करें तो,आपकी कछुवे की अंगूठी उस ग्रह की ऊर्जा को ग्रहण करके आपको मनवांछित लाभ अवश्य देगी।
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
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