30 मई हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सत्यास्मि मिशन की शुभकामनाएं?✍


बैशाख सुदी पंचमी दिवस
वीर घटना घटी मंगलवार।
देश विद्रोही पति विका दहिया
बलि चढ़ा हिरदे पत्नी की तलवार।।
जालौर दुर्ग गुप्त सुचना दे ख़िलजी
लालच का पुरुषकार पाया।
फूल घमंड से भरा हुआ
अपने घर विका दहिया आया।।
देख हाथ में इतना धन
और गर्वित चहरे मुस्कान।
सुनाया हीरादे कुकृत्य अपना
सीना फुलाया अहं अभिमान।।
सुन एक पल को खड़ी हो गयी
दो पलड़े न्याय अन्याय विचार।
एक और सुहाग है मेरा
दूजे देश द्रोह जलती नार चीत्कार।।
हीरादे स्तब्ध हो गयी
चित्र उभरे मानस भीषण होकर।
सदा अपमानित जीते जी होगी
इस पति कुकृत्य जग जी कर।।
साकार हुए नारी के जौहर
और अबला लूटते मान।
भर गयी क्रोध अपमान से
ज्वलन्त हुआ ह्रदय आत्म सम्मान।।
पति के लालच वचन सुन बोली
अरे तू पति नाम धिक्कार।
राष्ट द्रोह से बड़ा पाप ना
इस जग में कोई विचार।।
खींच पति की कटार कमर से
किया कलम धड़ शीश।
कटा शीश पकड़ स्वाभिमान हाथ में
पहुँची राजा कान्हड़ द्धार उच्च कर शीश।।
सुन सारा किस्सा साहस भरा
राजा हुए नमन वीर नारी।
कहा तुम जैसी भारत पुत्री
के कारण है पत्नी धर्म आभारी।।
हे महान हीरादे नार तुम
सदा स्मरण अमर बलिदान।
राष्ट हित नारी सम्मान को
दिया निज पति सर दान।।
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