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राष्टीयकृमिदिवस 10फ़रवरी 10अगस्त_कविता

#राष्टीयकृमिदिवस10फ़रवरी10अगस्त_कविता
#National_Deworming_Day_Poem_स्वामीसत्येंद्रसत्यसाहिब_जी

मनुष्य शरीर पंचतत्व बना है
और ऋण धन दो ऊर्जा शक्ति।
कीटाणु जीवाणु दोनों हम रक्षक
जिनके संतुलन शरीर चलती शक्ति।।
जो तत्व घट जाता जिस भी कारण
परिस्तिथि या भोजन कम अंश।
वही बढ तत्व बन हानि कारण
देता अपने कृमि रोग के दंश।।
पेट इस सबकी मुख्य भूमि
जहां पनपते सब कृमि।
वहीं बढ़ रोगी हमें बनाते
सोख आँतों से रस नरमी।।
वजन घटता कमी खून हो
कमज़ोरी बढ़ बनता बुख़ार।
शरीर अपंग तक बन जाता
आंतों के कीड़ें ही इस रोग आधार।।
शौच से पहले शौच बाद
सदा हाथ स्वच्छ करो।
गंदी मट्टी या गंदे पाख़ाने
कभी नहीं शौच करो।।
सब्जी सदा धोकर बनाओ
और कच्चे फल धोकर खाओ।
बासी आहार खाओ कभी ना
कृमि रोग से सदा बच पाओ।।
कृमि चिकित्सा दिवस मनाकर
दवाई खिलवाती देश सरकार।
दस से उन्नीस आयु बीच के
आवश्यक है कृमि दवा खानी उपचार।।
यो,अवश्य कृमि दिवस मनाओ
जन जागरूक करो कृमि रोग।
समय पर चिकित्सा बच्चों देकर
स्वास्थ भविष्य बनाओ देश अरोग।।

#जयसत्यॐसिद्धायैनमः
#स्वामीसत्येंद्रसत्यसाहिब_जी
www.satyasmeemission.org

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