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बाबा रामदेव के बयान खुद ही के आयुर्वेद साइंस के प्रति अविश्वास सिद्ध करते है,तब उनके अनुयायियों का आत्मविश्वास कैसे बढ़ेगा,तब क्या सच्च में एलोपैथी ही अन्य सभी पैथियों से सर्वश्रेष्ठ है?जो इसका सम्पूर्ण मानवजाति पर वर्चस्व बढ़ता जा रहा है??आओ चिंतन करें,

बाबा रामदेव के बयान खुद ही के आयुर्वेद साइंस के प्रति अविश्वास सिद्ध करते है,तब उनके अनुयायियों का आत्मविश्वास कैसे बढ़ेगा,तब क्या सच्च में एलोपैथी ही अन्य सभी पैथियों से सर्वश्रेष्ठ है?जो इसका सम्पूर्ण मानवजाति पर वर्चस्व बढ़ता जा रहा है??आओ चिंतन करें,

मैं स्वयं होऊ या कोई और सभी यही कह कर अपना बयान देते है कि,हमें एलोपैथिक से कोई विरोध नहीं है,ये पैथी एमरजेंसी को लॉइफ सेविंग ड्रग्स ओर शल्यक्रिया चिकित्सा के तौर पर विशेष उपयोगी है,हम समर्थन करते है,फिर शुरू करते है कि,इसमे ये कमी है या ये यो पूरी या अधूरी है,या हमे इसका इतना सहारा लेना चाहिए या इसकी इस वेक्सीन आदि का विरोध नही करना है आदि आदि, तब हम सभी कहना क्या चाहते है?
ओर इधर मनुष्य की स्वास्थ्य को लेकर व्यक्तिगत स्वतंत्रता को हटाते हुए, सरकारी व कानूनी आदेशो के चलते की,वेक्सिनिकरण कराने पर ही सरकारी सुविधाओं की प्राप्ति होगी,तब तो अच्छे भले स्वस्थ्य व्यक्ति को ओर जो योगाभ्यास करते स्वस्थ्य है,उन्हें भी इन सरकारी सुविधाओं आदि को लेकर दबाब के चलते अनावश्यक रूप से वेक्सिनिकरण में शामिल होना पड़ेगा।
साथ ही प्रश्न आता है,आखिर कब तक ये वेक्सिनिकरण के प्रयोगों से गुजरना होगा,बचपन से कभी पोलियो,यो कभी टिटनेस,कभी पीलिया,तो कभी कोई और बीमारियों की ये एलोपैथिक वेक्सिनिकरण को अपनाते चलते चले जा रहे है,ओर आगे भी यही हाल देखते हुए जाने कितनी प्रकार की वेक्सिनिकरण के प्रयोगों से गुजरना होगा,भगवान ही मालिक है?आज ये भी योग और भक्ति मार्ग के धार्मिक गुरुओं के लिए अविश्वास का विषय बन चुका है।लगता है,भविष्य भगवान के नही अब एलोपैथिक के भरोसे ही चलेगा,तब ऐसे कथित विश्वास और अविश्वासमाहौल में,,

जैसे कि,अभी आईएमए डॉक्टरों से अपनी आयुर्वेद चिकित्सा के सम्बन्ध के समर्थन में अपना तर्क रखते में बहस करते हुए बाबा रामदेव ने लगभग कुछ इन शब्दों में कहा की,
पहले तो मैं स्वस्थ्य हूँ यूँ मैं ये वेक्सीन नहीं लगवाऊंगा,

फिर आगे के बयानों में कहा की,मैं इस वेक्सिनिकरण का विरोध नहीं करता हूँ,सबको दो डोज लगवानी चाहिए और शीघ्र ही मैं, अपने आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकिशन जी को कोविड वेक्सीन लगवाकर प्रमाण सहित दिखाऊंगा ओर पातञ्जलि संस्थान के लोगों को भी लगवाऊंगा,ओर मैं तो हट्टकट्टा स्वस्थ व्यक्ति हूँ,मुझे तो इस वेक्सीन लगवाने में अंत मे रखें,फिर अपनी औषधि कैरोलिन के बारे में बातें करने लगे।

https://fb.watch/6bRE1rWr6D/

सीधे सीधे तौर पर ये नही कहा कि,भईं मैं या मेरे आयुर्वेदिक चिकित्सक ओर उस पद्धति पर चलने वाले व्यक्ति बिल्कुल भी ये वेक्सीन नही लगवाएंगे ओर खासकर मैं ओर बालकिशन तो बिल्कुल भी नही लगवाएंगे।
कहां गया अपनी भारतीय योग व आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर किये गए शोधों अनुसंधानों पर विश्वास??यानी खुद ही विश्वास नहीं है,तो आम जनता को कैसे होगा?
2-श्री श्री रविशंकर ने वेक्सीन लगवाई क्या?12 जून 2021 का बयान,,
अभी क्योंकि देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर भी राजनीति हो रही है, ऐसे में इस मुद्दे पर भी गुरुदेव की तरफ से प्रतिक्रिया दी गई. उन्होंने साफ कर दिया है कि सभी को कोरोना की वैक्सीन लगवानी चाहिए. वे मानते हैं कि जिन लोगों को पहले से कोई तकलीफ है, उन्हें समय रहते टीका लगवा लेना चाहिए. वहीं बाकी लोगों को भी बारी आने पर वैक्सीन लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए. जब श्री श्री से पूछा गया कि अगर उन्होंने वैक्सीन लगवाई है या नहीं, इस पर पहले तो उन्होंने जवाब नहीं दिया लेकिन बाद में माना कि अभी तक उन्होंने टीकाकरण नहीं करवाया है. उन्होंने कहा है कि वे अगले महीने तक कोरोना की वैक्सीन लगवा सकते हैं।
खबरों के बीच अब आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने भी इस वायरस से निपटने के उपाए बताए हैं। दरअसल, योग गुरु बाबा रामदेव के बाद अब आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने भी दवा बनाने का दावा किया है।, हालांकि,श्री श्री रवि शंकर इसे इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर प्रमोट कर रहे हैं। दि प्रिंट की खबर के मुताबिक कोरोना की रोकथाम और उपचार की दवा के तौर पर भी प्रचारित किया जा रहा है। श्री श्री तत्वा की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी ने फ्रैंकफर्ट बायोटेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर के मार्गदर्शन में कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी दवा का परीक्षण किया है।
3-ईशा फाउंडेशन’ के फाउंडर सद्गुरु ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ’ 2021 में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की है,की कमजोर इम्नयूटी वाले लोगो को वेक्सिनिकरण कराना चाहिए,ओर उनकी योग क्रिया करनी चाहिए।
ओर जितने भी आयुर्वेदिक या होम्योपैथी व अन्य पैथियों के चिकित्सक है,वे भी इस वेक्सिनिकरण को करवा चुके है,तब कैसे कह सकते है कि,भईं हमारी चिकित्सा पद्धति सभी रोगों में लाभकारी है,जबकि एलोपैथिक ओर उसके चिकित्सा साधन भी बहुत हद तक लाभकारी होते हुए भी पूर्णतया प्रभावी सिद्ध नहीं है,बस प्रयोगिक बने रहते है।
किसी भी अन्य चिकित्सा पद्धतियों के डॉक्टरों व वेद्यो ने प्रबलता से अपनी चिकित्सा पद्धति को लेकर इस महामारी के इस अधकच्ची चिकित्सा के प्रति अपनाये जा रहे उपायों के बारे में गुपचुप तरीके से कहने को छोड़कर कोई प्रतिरोध तक नहीं किया,की,हमारी पैथी भी एलोपैथी की तरहां उतना ही रिजल्ट देती या दे रही या देगी।चुपचाप सरकार के एक ही आदेश पर लगभग सब ने वेक्सीन लगवाई ओर प्रमाणपत्र लेकर फेसबुक और लोगो को दिखाया कि,हमने भी लगवा ली है,आप भी लगवाए,अब खुद बताये की,कैसे नहीं बढ़े एलोपैथिक चिकित्सा का अधूरा उपयोग,पूरा जनकल्याण उपयोग बनकर??
क्या ये सब चिकित्सा पद्धतियां अपनी खुद की कमियों से इस एलोपैथी के दबाब में होकर इसके साथ सामंजस्य बैठती हुई साथ ही अपनी स्वतंत्रता को भी दबी भाषा मे कहती हुई कि,हमारी पैथियों का भी उपयोग किया जाए,यो अपना आत्मविश्वास खो बैठी है।
या सच्च में एलोपैथिक चिकित्सा के आगे ये बोनी सिद्ध हो चुकी है?

अब इस कोरोना व अनेकों रोगों की एलोपैथिक चिकित्सा का लगभग पूरी तरहां चैलेंज के साथ बहुचर्चित डॉक्टर विश्वरूप राय चौधरी इस सबका खंडन करते है उनकी इस सम्बंधित एक वीडियो देखें,,

https://youtu.be/VTMKqS4y4lE

क्योकि कभी भी एलोपैथिक चिकित्सा ने बहुत खुले तौर कभी भी अन्य पैथियों का समर्थन नहीं किया है,उसने बस केवल अपनी ही साइंस को श्रेष्ठ सिद्ध करने को अपने किए प्रयोगों के निरंतर विकास को लेकर फिर से प्रयोग किये जाने पर ही बल दिया है।जबकि अन्य पेथियाँ के चिकित्सक ऐसे आत्मविश्वास से नहीं कहती है।क्या ये सब जो सीखा है,उससे आगे कोई प्रयोग नहीं करने के पक्ष में होने से ऐसा नही कहते है या इनकी पैथियों में भविष्य को लेकर कोई प्रयोग शेष ही नहीं है।यदि ये पेथियाँ परफेक्ट हैं,तो फिर विश्व चिकित्सा पटल पर अपने वर्चश्व को क्यो सिद्ध नहीं कर पाए है?

देखें,ख़बर 24 एक्सप्रेस की ये सत्यास्मि मिशन की ओर से न्यूज

https://youtu.be/D8vl-p5DEvc

तब तो सच्च में आम जनता का यही हाल रहेगा कि,एलोपैथिक को उसके निरंतर होते चलते सदा परिवर्तनशील उलट पुलट वाले चिकित्सा पद्धति को ही अपनाना होगा, अब मरो या जीओ, कोई निश्चित नहीं।
ओर साथ ही जिन लोगों पर ये कहकर दबाब बनाया जा रहा है कि,यदि आप कोविड वेक्सिनिकरण नहीं कराएंगे,उन्हें सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेगी,इसका उत्तर खुद सरकार ने लोगो द्धारा आरटीआई डालने पर दिया है कि,ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं,वेक्सीन लगवाना स्वेच्छित है,,इस सम्बन्धित सत्यास्मि मिशन के कार्यकर्ता मोहनीश शर्मा की इस ज्ञान वीडियो में देख समझ सकते है,की आरटीआई कैसे डालकर अपने किसी भी प्रश्न का उत्तर को,आप भी सरकार सम्बन्धित सच्चे ज्ञान को जान सकते है,देखे

बड़ा विचारणीय विषय है,की किन अधूरे उपयोगी बनी चिकित्साओं के हाथों में है,हमारा स्वास्थ्य भरा या मरा भविष्य जीवन??

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिबजी
Www.satyasmeemission.org

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