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प्राचीन भारतीय व्यायाम का एक सम्पूर्ण स्वास्थ्य भरा तरीका जिसे समतोला व्यायाम पद्धति Sumtola exercise कहते है,जाने कैसे करें समतोला व्यायाम,,

प्राचीन भारतीय व्यायाम का एक सम्पूर्ण स्वास्थ्य भरा तरीका जिसे समतोला व्यायाम पद्धति sumtola exercise कहते है,जाने कैसे करें समतोला व्यायाम,,

इस समतोला व्यायाम के विषय मे बता रहे है,महायोगी सद्गुरु स्वामी श्री सत्येंद्र सत्यसाहिब जी

समतोला का अर्थ:-समतोला दो शब्दों से बना है-सम यानी समान मात्रा में ओर तोला यानी तौलकर या सही अनुपात में तोलकर किया गया लकड़ी के वजन को शारारिक व्यायाम के लिए उपयोग करना ही समतोला ओर इसका व्यायाम कहलाता है।
पहले लोह के खोज और उससे बनने वाले व्यायाम उपकरणों के निर्माण के लिए भारी वजन के पेड़ों के तनों यानी लट्ठों को व्यायाम के अनुसार ढाल कर या छीलकर बनाया जाता था,जो आज भी प्रचलित है।क्योकि नियमित व्यायाम करते समय किसी भी असावधानी से पहलवान को चोट नहीं लग जाये,यो लकड़ी के व्यायाम उपकरण उत्तम है,पर अब पेड़ कम होते जा रहे है,यो ये व्यायाम उपकरण बड़े महंगे होते जा रहें है और साथ ही उन्हें देश प्रदेश में प्रचलित सरसों के तेल से या नारियल या तिल आदि के तेल को उन पर अच्छे से मलकर या लगा कर रखते है ताकि उस लकड़ी में सूखापन ओर उसके रेशे यानी धांस उखड़कर व्यायाम करने वालो को हानि नहीं पहुँचाये साथ ही वो लकड़ी बहुत वर्षों तक उपयोग में आती रहे।
प्राचीन समय से ही भारतीय व्यायाम करने वाले सामान्य से लेकर उच्चतम शक्ति प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ओर युद्धकला के कौशल से सम्पन्न योद्धाओं में अपने शारारिक बल व्रद्धि के साथ स्फूर्ति,शारारिक संतुलन,कुश्ती,कलाबाजी आदि में सुदृढ़ता के लिए अनेकों व्यायाम पद्धतियां प्रचलित रही,जिनमे कुछ लुप्त प्रायः यानी बहुत कम हो गयी है,उनमें समतोला व्यायाम बड़ा प्रसिद्ध ओर सभी अखाड़ों में प्रचलित व्यायामों में मुख्य रहा है,जैसे कि लकड़ी का बना हलके से लेकर भारी वजनों वाला और कीलों जड़ित मुग्दर व्यायाम है,ठीक ऐसे ही ये समतोला है,ये हलके वजन से लेकर भारी वजन की लड़की का बना एक बड़े से लठ्ठे में दो अंदरूनीतोर पर दो समांतर दूरी पर खोदे गए बनाये गए दोनों हाथों की मुट्ठियों से पकड़ने वाले दो हेंडिल बनाकर या लगाकर व्यायाम उपकरण को, जिसे हम समतोला के नाम से जानते है,ये समतोला उपकरण की एक पूरी व्यायाम करने की कर्मबन्ध यानी तरीके की पद्धति है,जो कि समतोला व्यायाम पद्धति कहलाती है।
समतोला व्यायाम करने के तरीके:-

1-बाइसेप्स व्यायाम:-

समतोला के अंदरूनी बने दोनों हेंडीलो को दोनों हाथों की उंगलियों से पकड़ कर यानी मुट्ठियों को ऊपर की ओर करते हुए पकड़े ओर अपने कंधों की ओर को कोहनियों से मोड़ते हुये लाये ओर फिर वापस हाथ को सीधा करते नीचे की ओर जांघ तक लाये,यो कम से कम एक से लेकर कम से कम 10 बार या अपनी शारारिक सामर्थ्य को बढाते हुए रिपीटेशन यानी दोहराए करें।
इसे प्रकार करने से आपका पहुँचा ओर कलाइयों ओर भुजदंड का बाहरी व ऊपरी हिस्सा यानी बाइसेप्स का भाग सुद्रढ़ बनकर शक्तिशाली बनता जाएगा।

2-ट्राइसेप्स व्यायाम:-

समतोला के अंदरूनी बने दोनों हेंडीलो को दोनों हाथों की उंगलियों से पकड़ कर यानी मुट्ठियों को नीचे की ओर करते हुए पकड़े ओर अपने कंधों की ओर को कोहनियों से मोड़ते हुये लाये ओर फिर वापस हाथ को सीधा करते नीचे की ओर जांघ तक लाये,यो कम से कम एक से लेकर कम से कम 10 बार या अपनी शारारिक सामर्थ्य को बढाते हुए रिपीटेशन यानी दोहराए करें।
इसे प्रकार करने से आपके हाथ का ऊपरी भाग का पहुँचा ओर ऊपरी कलाइयों ओर भुजदंड का बाहरी व ऊपरी हिस्सा यानी बाइसेप्स का भाग सुद्रढ़ बनकर शक्तिशाली बनता जाएगा।

3-सोल्डर व्यायाम:-

ऐसे ही समतोला को दोनों हाथों की मुट्ठियों से कसकर पकड़े ओर अपने कंधों के आगे से ओर फिर कंधे के पीछे से सिर के ऊपर आकाश की ओर उठाते हुए बांह सीधी करे,फिर कंधे तक लाये,ऐसा एक से लेकर 10 या अपनी शारारिक सामर्थ्य बढ़ाते हुए धीरे धीरे रिपीटेशन करते अभ्यास बढ़ाये,यो आपका कंधे की मसल्स मजबूत होकर आकार में हाई लेवल तक बढ़ेंगी।

4-चेस्ट व्यायाम:-

पहले जमीन पर सीधे लेट जाएं और चाहे तो एक लंबी बेंच पर जो कि इतनी चौड़ी हो,जिसमे अपकी कंधों के बीच का रीढ़ का भाग तक का भाग पीठ गर्दन तक सहजता से आ जाये,अब समतोला को दोनों हाथों की मुठ्ठियों से कसकर पकड़कर अपनी सीने या छाती के ऊपर की ओर उठाते हुए फिर नीचे की ओर छाती या सीने तक छुलाते हुए लाये ओर बार बार ये अभ्यास धीरे धीरे कम से कम 10 बार करें और अपनी शारारिक सामर्थ्य को बढ़ाते हुए अधिक कर सकते है।
इस व्यायाम से आपकी छाती या सीने के ऊपरी भाग की मसल्स शक्तिशाली होकर बढ़ेंगी ओर बांह के सभी भाग भी ताकतवर होंगे।

5-कमर यानी बेक पोर्शन व्यायाम:-
पहले जमीन पर दोनों पैरों को थोड़ा सा खोलते हुए और हल्का सा घुटनो से मोड़कर सीधे खड़े हो जाएं और अब समतोला को दोनों हाथों की मुठ्ठियों से कसकर पकड़कर अपनी सीने या छाती को नीचे की ओर रखते हुए फिर नीचे की ओर जमीन तक जाते हुते अपनी बाहें सीधी करें। फिर समतोला को वापस छाती या सीने तक खींचकर छुलाते हुए लाये ओर ऐसा बार बार ये अभ्यास धीरे धीरे कम से कम 10 बार करें और अपनी शारारिक सामर्थ्य को बढ़ाते हुए अधिक कर सकते है।
इस व्यायाम से आपकी छाती या सीने के बगल वाला विंग्स के भाग की मसल्स शक्तिशाली होकर बढ़ेंगी ओर पीठ के सभी मसल्स बढ़ेंगे साथ ही बांह के सभी भाग भी ताकतवर होंगे।

6-पेट का व्यायाम:-जमीन पर सीधे लेट कर पैरों को सीधे फैलाकर लेट जाएं और अब समतोला को पकड़कर अपने सिर की ओर से या सीने या छाती की ओर रखे या अपने सिर के पीछे की ओर कंधों की ओर को रखते हुए पकड़े और अब धीरे धीरे ऊपर को पेट के बल से उठते हुए अपने शरीर के ऊपरी भाग को सीधा करें यानी नितंबों पर बैठे हुए ही सीधे हो जाये और पेट की ओर से जांघों की व पैरों की ओर को थोड़ा सा झुके,तब पेट को थोड़ा सा टाइट रखे,फिर वापस जमीन की ओर को धीरे से सीधे लेट जाएं,थके हो तो समतोला को जमीन पर रख दे,फिर रुककर ऐसे जितनी सामर्थ्य हो,उतना एक से लेकर कम से कम 10 बार अभ्यास धीरे धीरे करें।इससे पेट की सभी मसल्स यानी एप्स शक्तिशाली बनती जाएंगी

7-थाई व्यायाम:-

ऐसे ही समतोला को दोनों हाथों की मुठ्ठियों से पकड़कर अपने सिर के पीछे की ओर कंधे पर रखकर एक से लेकर 10 ओर शारारिक शक्ति के बढ़ते चलते धीरे धीरे अभ्यास को बढ़ाते हुए धीरे धीरे बैठक लगाए।इससे आपकी जांघ के साथ पिंडिलियां भी बड़ी ओर शक्तिशाली बनती जाएंगी।

8-पिंडलियों का व्यायाम:-

ऐसे ही समतोला को दोनों हाथों की मुठ्ठियों से पकड़कर अपने कंधे पर या अपनी पीठ की ओर से अपने हिप्स यानी नितंबों की ओर हाथों को सीधा रखते हुए पकड़े रहते हुए एक से लेकर 10 ओर शारारिक शक्ति के बढ़ते चलते धीरे धीरे धीरे धीरे अपने पैरों के पंजो पर उचकते हुए फिर वापस एड़ियों पर सीधे खड़े होकर बार बार ऐसे करते हुए अभ्यास को बढ़ाये।इससे आपकी पिंडिलियां की मांसपेशियां भी बड़ी ओर शक्तिशाली बनती जाएंगी।

9-कलाईयों का व्यायाम:-

समतोला के अंदरूनी बने दोनों हेंडीलो को दोनों हाथों की उंगलियों से पकड़ कर यानी मुट्ठियों को नीचे की ओर करते हुए पकड़े ओर अपने कंधों के ऊपर सिर के पीछे ओर को कोहनियों से मोड़ते हुये लाये ओर फिर वापस हाथ को सीधा करते नीचे की ओर कंधे तक लाये,यो कम से कम एक से लेकर कम से कम 10 बार या अपनी शारारिक सामर्थ्य को बढाते हुए रिपीटेशन यानी दोहराए करें।
इसे प्रकार करने से आपका पहुँचा ओर कलाइयों ओर भुजदंड का पिछला भाग यानी हिस्सा यानी ट्राइसेप्स का भाग सुद्रढ़ बनकर शक्तिशाली बनता जाएगा।

10-अन्य अनेको व्यायाम:-

अन्य व्यायामों में समतोला को पकड़कर दाएं से बाएं ओर बाएं से दाएं झूलते हुए जांघों से पीठ के पीछे की ओर लाने और वापस सामने को लाने का अभ्यास करें।
ठीक ऐसे ही कंधों की ओर को ले जाकर सिर के पीछे से पीठ जी और को लाते,फिर सीने की को लाते हुते दाएं से बाएं फिर बाएं से दाएं घुमाए,जैसे कि मुग्दर को घुमाते है।
ये थोड़ा अच्छा अभ्यास बढ़ने पर करेंगे तो बड़ा आनन्ददायक ओर सारे अंगों में बड़ी लचीलापन लेन वाला शक्तिशाली व्यायाम है।
इस समतोला व्यायाम के नियमित अभ्यास से आपका सम्पूर्ण शरीर शक्तिशाली और सुद्रढ़ ओर आकर्षक,स्वस्थ्य भरा बन जायेगा।

समतोला व्यायाम करके दिखाते स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी लिंक

https://youtu.be/cHqWCZeL0nc

आगामी लेख में किसी ओर व्यायाम पद्धति के विषय मे प्रक्टिकल अभ्यास के साथ बताया जाएगा,इतने समतोला का इस लेख व चित्रों ओर वीडियो को बार बार देखकर अभ्यास करें स्वस्थ्य रहे।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

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