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National yo-yo day 6 june यानी राष्ट्रीय यो-यो दिवस पर ज्ञान कविता

National yo-yo day 6 june यानी राष्ट्रीय यो-यो दिवस पर ज्ञान कविता

इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि,

डोनाल्ड एफ डंकन के पास अपने जीवन के बारे में लिखने या कुछ मनाने की अपेक्षा एक बहुत अद्भुत नाम था,जो उन्होंने अपने पसिंदा यो-यो को लोकप्रिय बनाने के विषय मे दिवस मनाकर इस खेल में मदद की।हालांकि ये यो-यो को तकनीकी रूप से 1920 के दशक के अंत में पेड्रो फ्लोर्स नामक एक व्यक्ति द्वारा आविष्कार किया गया था,परन्तु यो-यो ने जन समाज की मुख्यधारा से अंतरंग रूप से जुड़ने को तब तक हिट नहीं किया जब तक कि एक व्यवसायी डंकन ने फ्लोर्स की यो-यो टॉय कंपनी को नहीं खरीद लिया, प्लास्टिक और स्ट्रिंग के इस परिपत्र टुकड़े का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया और इसे विश्व के सामने एक मनोरंजन खेल के तौर पर पेश किया।यो यो-यो दिवस के रूप में दुनिया के लिए 6 जून को डंकन का जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि,

National yo-yo Day 6 june यानी राष्टीय यो-यो दिवस पर ज्ञान कविता

यो-यो आदिवासी खेल का हिस्सा
जो आगे चल बना व्यवसाय।
प्रसिद्धि चरम पर विश्व में फैली
हर हाथ में यो-यो घूमे कर सॉय।।
नीले पीले हरे बैंगनी
यो-यो खिलोने हैं हर रंग।
दीवाने बच्चे जवान बूढ़े सब
घुमा हाथ फेंक लहरा भर उछंग।।
भूमि को छुए बिन खींच आता
फिर से पलट बंधा एक डोर।
डोर ही इसके खेल का हिस्सा
वही पकड़े खेले खिलाड़ी एक छोर।।
एक डोर बांध डमरू के बीच
उस डोर छोर बांध हाथ बीच की उंगली।
लगभग ढाई फिट डोर लंबी हो
उसे लपेट डमरू मध्य खेल झटके दे गुगली।।
यो-यो खिलाड़ी करतब करता
फेंक चढ़ाता धागे पर वापस।
अनेक प्रकार के खेल लुभावन
थकते नहीं बाल खेल इस आपस।।
यो-यो प्रसिद्ध किया डंकन ने
पेड्रो फ्लोर्स ने ये किया अविष्कार।
जन जन में खिलौना बना यो-यो को
नए रूप रंग डंकन ने दिया खेल उपहार।।
6 जून डंकन जन्म दिवस है
इसी स्मरण दिवस मनाते यो-यो।
इस खेल पनपती जन संगत बन
ओर खिलखिलाते खेलकर सब जन यो-यो।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

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