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World Menstrual Hygiene day 2021वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन डे विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 28 मई पर ज्ञान कविता

World Menstrual Hygiene day 2021वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन डे विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 28 मई पर ज्ञान कविता

इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिबजी कहते है कि

मई 2013 में, जर्मन स्थित एनजीओ वॉश यूनाइटेड ने स्त्रियों के मासिक धर्म के बारे में मनुष्य समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए सोशल मीडिया पर 28 दिनों का एक ज्ञान के साथ सहयोग अभियान चलाया। इस अभियान ने लोगों को इस विषय की गम्भीरता के प्रति आकर्षित किया और उन्होंने मासिक धर्म के लिए एक ग्लोबल अवेयरनेस डे बनाने का फैसला किया। 28 मई 2014 को ओर सबसे पहली बार, लोगों ने दुनिया भर में इस दिन को प्रदर्शनों, रैलियों, वर्कशॉप्स, भाषणों और स्क्रीनिंग का आयोजन करके बहुमात्रा में व्यापक रूप से सभी भ्रम धारणाओं को तोड़ते हुए ज्ञान सहयोग की भावना के विकास के साथ मनाया।

वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन डे 2021 की थीम और उद्धेश्य क्या है:-

इस वर्ष 2021 की थीम ‘मासिक धर्म स्वच्छता और स्वास्थ्य में कार्रवाई और निवेश’ है।इस दिवस के पीछे का उद्धेश्य विश्व स्तर पर सभी स्त्रियों में मासिक धर्म के दौरान लड़कियों और महिलाओं के सामने आने वाली अनेक घरेलू सामाजिक व्यक्तिगत चुनौतियों और कठिनाइयों के बारे में हर व्यक्ति में जागरूकता पैदा करना है। ये इस चुनौती से निपटने के लिए अपनाए गए इन्नोवेटिव और पॉजिटिव अप्रोच पर ज्ञान ओर सहयोग भरा प्रकाश डालता है।
इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि

विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस World Menstrual Hygiene day 28 मई पर ज्ञान कविता

नारी की सहनशक्ति देखो
बाल्य उम्र से वयस्क ओर मुक्ति तक।
प्रसव से पहले अंतिम भूमि की
तैयारी में पीड़ा अश्क़ तक।।
कितना सहन करती है नारी
ओर कितना करती है वहन।
ओर मानव जाति के नवनिर्माण को
झेलती शाप या वरदान समझ बन।।
कितना भयावह इसका इतिहास
समाज शास्त्र भरे नारी उत्पीड़न।
पीछा न छोड़े रूढ़िवाद परम्परा
अद्धभुतता बनी बुरे कर्मफल क्रीडन।।
भोजन शयन से पूजाघर तक
सभी जगहां नारी अभिशप्त।
देव देवी कपाट बंद इनको
एकांकीपन झेल जीती दिन सप्त।।
खेल कूद बंद कुंद मन हो जाते
ओर बढ़ता रोगुन होने का भय।
संक्रमित होकर प्राण पंखेरू
अंगिनत नार शवों आरूढ़ ये रीत जय।।
आज बहुत हद तक सिमट गई है
पर अंदर जीवित नारी दुख रात।
ज्ञान विज्ञान सहायक बन खड़ा है
पर आज भी बहुत घायल इस घात।।
यो विश्व स्वास्थ्य संगठन सेवा है
ओर सरकारें जागरुक करती जन।
सुविधा संग ज्ञान उपलब्ध कराती
मार इस दिवस बची परम्परा को घन।।
जान ज्ञान सहयोग दो नारी
ओर उतारो उसकी मातृत्त्व उधारी।
कर्तव्य हमारा इस अज्ञान मिटाना
वरना खो देंगे हम अपनी जननी नारी।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemisssion.org

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