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संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक दिवस 29 मई पर ज्ञान कविता इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी कहते है कि,

संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक दिवस 29 मई पर ज्ञान कविता

इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी कहते है कि,

29 मई को प्रत्येक वर्ष विश्वभर में संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की स्मृति का सम्मान करने के लिए यह दिन स्थापित किया गया था। यह दिन उन सभी महिलाओं और पुरुषों को समर्पित है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सैन्य, पुलिस या नागरिक के रूप में कार्य किया है। आज के दिन विश्व भर में उन सभी महिलाओं और पुरुषों के कार्य की सराहना तथा सम्मान के लिए भिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र डाक प्रशासन यानी यूएनपीए द्वारा इस अवसर पर छह डाक टिकटों का संग्रह जारी किया गया था।
आखिर क्यों मनाया जाता है यह दिवस:-
वर्ष 1948 से यह दिवस संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के अधीन कार्यरत 3,900 से अधिक शांति सैनिकों को संपूर्ण विश्व में शांति स्थापित करने हेतु उनके प्रयासों के लिए स्मरण किया जाता है। जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत अपनी जान गंवाई। इस साल उनकी चुनौतियां बढ़ी हैं। क्योंकि वे न केवल लोगों की सुरक्षा करते हैं बल्कि वर्तमान में भी COVID-19 जैसी महामारी से भी जूझ रहे हैं। इस दिवस को मनाने उद्देश्य यह है कि शांति स्थापना हेतु शहीद हुए सैनिकों को याद करना एवं उन्हें सम्मान प्रदान करना। इस दिन सभी पुरुष एवं महिला शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि देना एवं उनके कार्यो, जज्बे एवं समर्पण का सम्मान करना।
पहला संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन साल 1948 में स्थापित किया गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट द्वारा संयुक्त राष्ट्र नाम 1 जनवरी, 1942 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किया गया।
इस दिवस पर सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि,
संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक दिवस ज्ञान कविता

विश्व एक कुटुंब मनुष्य का
चाहे कोई धर्म कर्म हो।
कमजोर असहाय धींग भीरू जन
मिलकर समाधान करें सम्बंध मर्म को।।
इसी सम्बंध नाम सोहार्द शांति
जिसका लक्ष्य प्रेम है पूर्ण।
जो इस नियम को नहीं मानता
मिलकर करते उस गर्व को चूर्ण।।
यो बलिदान होते इस शांति रण में
विजय दिला खोलते शांति पथ।
अभय देते उन अन्य मनुष्य जन
जो रहना चाहे शांत जीवन में रत।।
वर्चस्वता को तोड़ जोड़ निर्माण से
संधि कराती राष्ट्र व्यक्तिवाद युद्ध।
छलबल हर युद्ध कौशल पारंगत
उद्धेश्य मात्र विश्व समाज हो शांति शुद्ध।।
भारत भी इसमें है शामिल
ओर सदा सहायक रहता शान्ति सेना।
इस शांति युद्ध भेंट चढ़ा निज सैनिक
देता संदेश सदा शांतिमय रहना।।
उन्हीं पुकार पर जुझार हो
खड़े बन प्रहरी उन जन राष्ट्र।
मिलकर सामूहिक विश्व सैन्यबल
कदम मिलाकर मिटा उन भ्रष्ट।।
हजारों ने इस लक्ष्य भेंट चढ़ाया
अपने पुष्पित जीवन के पुष्प।
खुशबू फैला गए शांत मन चमन दें
उन्हें स्मरण करते हम तुम तुष्प।।
आपदा विपदा कैसी भी होती
मिलकर सभी विश्व भाई बहिन।
सैन्यबल बन ओर संगठित कर जन
विश्व शांति सेना नाम कहिन।।
इन्हें स्मरण कर सीखें गुण इनसे
कैसे सहयोगी बने शांति की राह।
जाने इनके अद्भ्य कर्मो को
जिन्हें जान संग दे मिटा जग दाह।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satuasmeemission.org

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