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विश्व धरोहर दिवस अथवा विश्व विरासत दिवस World Heritage Day 18 अप्रैल पर ज्ञान कविता

विश्व धरोहर दिवस अथवा विश्व विरासत दिवस World Heritage Day 18 अप्रैल पर ज्ञान कविता

इस दिवस पर स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी अपनी ज्ञान कविता केमाध्यम से जनसंदेश देते इसप्रकार से कहते है कि

विश्व धरोहर या अंतर्राष्टीय विरासत दिवस हर वर्ष 18 अप्रैल को विश्व भर में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का प्रमुख उद्धेश्य यह भी है कि सम्पूर्ण विश्व में अनादिकाल से लेकर वर्तमान तक कि मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भूगोलिक स्थलों के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाई जा सके। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की पहल पर एक अंतर्राष्ट्रीय संधि की गई जो, विश्व के सांस्कृतिक ओर स्वनिर्मित प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के हेतु संकल्पित है। यह संधि सन् 1972 में लागू की गई थी। प्रारंभ में ये समिति के द्धारा मुख्यतः तीन श्रेणियों में धरोहर स्थलों को शामिल किया गया था। पहले वह धरोहर स्थल जो प्राकृतिक रूप से सम्बन्धित हो अर्थात प्राकृतिक धरोहर स्थल हो।और दूसरे मानव संस्क्रति के विकास का सांस्कृतिक धरोहर स्थल हो,और तीसरे इन्हीं जैसे संयुक्त रूप में मिलेजुले यानी मिश्रित धरोहर स्थल हो। अब तक लगभग पूरी दुनिया में लगभग 1121 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 869 सांस्कृतिक, 213 प्राकृतिक, 39 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं।कुछ अभी और समल्लित होने जा रही है।भारत भर में ही ऐसी विश्व्यापी धरोहर अभी तक लगभग 39 विश्व विरासत स्थल है।

विश्व विरासत स्थल का क्रम:-

1-आगरा का लालक़िला।
2-अजन्ता की गुफाएं ।
3-एलोरा गुफाएं ।
4-ताजमहल।
5-महाबलीपुरम के स्मारक।
6-कोणार्क का सूर्य मंदिर।
6-काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान।
7-केवलादेव नेशनल पार्क।
8-मानस अभयारण्य।
9-गोवा के चर्च ।
10-फ़तेहपुर सीकरी।
11-हम्पी के अवशेष।
12-खजुराहो मंदिर।
13–एलिफेंटा की गुफाएँ।
14-चोल मंदिर।
15-पट्टाडकल के स्मारक।
16-सुन्दरवन नेशनल पार्क।
17-नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान ।
18-सांची का स्तूप।
19-हुमायूं का मक़बरा।
20-क़ुतुब मीनार।
21-माउन्टेन रेलवे।
22-बोधगया का महाबोधि मंदिर।
23-भीमबेटका की गुफाएं।
24-चम्पानेर-पावरगढ़ पार्क।
25-छत्रपति शिवाजी टर्मिनस।
26-दिल्ली का लाल क़िला।
27-ऋग्वेद की पाण्डुलिपियाँ।
28-जंतर मंतर।
29-पश्चिमी घाटी।
ओर अभी बहुत कुछ धरोहर उसमे शामिल होने की प्रक्रिया के इंतजार में है,क्योकि इन सबकी देख रेख में अत्याधिक धन खर्च होता है,यो उसी अनुसार चयन व्यवस्था करनी पड़ती है।
वर्ष 1982 में इकोमार्क नामक संस्था ने ट्यूनिशिया में अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल दिवस का व्यापक रूप में आयोजन किया तथा उस सम्मेलन में यह बात भी उठायी गयी, कि विश्व भर में किसी प्रकार के दिवस का आयोजन किया जाना चाहिए। यूनेस्को के महासम्मेलन में इसके अनुमोदन के पश्चात 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस के रूप में इस दिवस को विश्व भर में हर प्रकार के प्रचार प्रसार के साथ मनाने के लिए घोषणा की गई।शुरुवाती दौर में 18 अप्रैल को विश्व स्मारक तथा पुरातत्व स्थल दिवस के रूप में मनाए जाने की परंपरा रही थी।
आप भी कैसे इस विश्व धरोहर विरासत दिवस से जुड़े तो आप अपने घर के या कस्बे शहर के आस-पास के किसी पुरातत्व स्थल या भवन पर जाएँ, जहाँ कोई विशेष प्रवेश शुल्क यानी एंट्री फीस ना हो और यदि हो भी, तब भी वहाँ अवश्य घूमें ओर से सोशल मीडिया पर प्रसारित अवश्य करें ताकि अन्यो को भी उस धरोहर के प्रति जागरूकता हो।
साथ ही अपने बच्चों को इतिहास के बारे में बताएँ और किसी स्थल, क़िले, मक़बरे या जगह पर ले जाकर वहाँ के बारे में उस सम्बंधित रोचक तथ्य को सुनाए व बताएँ, जिससे आने वाली हमारी पीढ़ी भी हमारी अनमोल संस्कृति और इतिहास से परिचित हो सके।ओर उसे रखाने में समय भी दें।
सरकार को भी चाहिए कि,इस विश्व धरोहर दिवस के दिन किसी विशेष स्थान या व्यक्तित्व का जो भी ऐतिहासिक विरासत के तौर पर देखा जा सकता हो, उसके संदर्भ में एक ‘डाक टिकट’ अवश्य जारी करने चाहिए।
पुरातत्व स्थलों पर गंदगी फैलाने वालों में जागरुकता फैलाने के साथ साथ उन्हें दंडित करना चाहिए ताकि वहां लोग ऐसा करने से बचें ओर हम सबका ये दायित्व भी है कि,ये अनमोल धरोहर यदि मिट गई तो फिर कभी देखने को नहीं मिलेगी,इस बात को सदा याद रख इन्हें संभाले।

इस दिवस पर स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी अपनी ज्ञान कविता केमाध्यम से जनसंदेश देते इसप्रकार से कहते है कि

विश्व धरोहर दिवस पर ज्ञान कविता

जो छोड़ गए पुरखें हमारे
जो मिली विरासत धरा से हम।
जो ब्रह्मांड से आई वस्तुएं
वो सब धरोहर होवे न कम।।
गुफा प्रकार्तिक अद्धभुत चित्र
पिरामिड ओर पीसा मीनार।
दीवार विशाल लंबी चीन की
ताजमहल अजंता मूर्तिकला अपार।।
ऋज्ञवेद पांडुलिपि बोधि स्थान
सबसे विशाल अंकोरवाट मंदिर।
क्राइस्ट द रिडीमर,पेत्रा नगरी
कोलोसियम,माचू पिच्चू,चीचेन इट्ज़ा सुंदिर ।।
दस मानदंड धरोहर मानक
एक मानक हो कम से कम।
प्राचीनता,मूल्यता,कला,स्थापत्य
पांच भूगोलीय मंडल वर्गीकरण ले सम।।
आठ सौ इक्यावन धरोहर स्थल
जिनमें छः सो हैं सांस्कृतिक थल।
पच्चीस मिली जुली सम्पदायें
एक सो बयालीस राष्ट्र पार्टी स्थित अचल।।
अफ्रीका,अरब,एशिया प्रशांत
यूरोप उत्तरी ओर अमेरिका दक्षिण।
जहां मुख्य से अल्प विरासत तक
संग्रहित संरक्षित,जो न हो क्षीण।।
विश्व विरासत समिति गठित है
जो हर वर्ष करती इन सब चयन।
किसे रखना नहीं रखना किसको
यही विकट परिश्रम इस समिति नयन।।
इस समिति का नाम यूनेस्को
करे संकलित स्वयं व प्राप्त सूचना प्रमाण।
वन,क्षेत्र,पर्वत,झील,मरुस्थल, स्मारक
भवन,शहरों को दें संरक्षण पुनर्निर्माण।।
यदि आपके क्षेत्र कोई हो स्थित
उस संस्क्रति ब्यौरा एकत्र करो।
संकलित कर यूनेस्को भेजो
वे सहायक होते इन विरासत धरो।।
आओ विश्व धरोहर दिवस पर
देखों इन अद्धभुत स्थल।
क्या कैसे बने बना गए पूर्वज
उन धरोहर रखाओ पीढ़ी दे कल।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeenission.org

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