नमस्कार भाइयों ओर बहिनों
अब एक एक खबर सुनाता।
दिन भर सुना खबर शुभरात्रि कहकर
तुम संग नींद रेडियो भी जाता।।
भूलते जा रहे उस रेडियो को हम
जिसका जन जन रहा दीवाना।
गीत संगीत खबर सुन सुन कर
नर नारी भूलें सब खाना।।
रेडियो की कीमत कितनी
आज ना पीढ़ी जाने।
विवाह में यदि मिले रेडियो
तो बड़ा दहेज रेडियो माने।।
कृषि ज्ञान किसान को मिलता
विज्ञान खोज जानकारी।
गीतों की माला गुनगुनाती
नेतृत्त्व करती राष्ट्र नेता की वानी प्यारी।।
कवि कविता पढ़ते इस पर
ओर गूंजे आल्हा ऊदल वीर रस।
चौपाई रामचरित्र की सुनकर
भक्ति करती जन मन को वश।।
समाचार हर विषय क्षेत्र के
सुन चलता पता देश विदेश।
हॉकी खेल पागल कर देता
रेडियो सुन स्तब्ध जन देश।।
क्रिकेट हो या खेल कोई हो
सुन लगता आंखों देखा हाल।
फिर चर्चा होती जन परस्पर
कुछ खुशी मनाये कुछ करें मलाल।।
आज रेडियो धूल खा रहा
ओर हो गया आज ये लुप्त।
बस एतिहासिक यंत्र बन गया
कभी ये भी जगाता जन को सुप्त।।
मजा आज भी रेडियो का है
एक बार पास रख सुनना।
आंख बंद कर कल्पना हो जीवित
रेडियो साथी है सच्चा सुनना।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org