14 जून रक्तदान महादान


इस मनुष्य के युग में
सबसे बड़ा दान रक्तदान।
मनुष्य मनुष्य का जीवनदाता
बनता जीते जी भगवान।।
14 जून है विश्व रक्तदान दिवस
इस दिन जन्मे कार्ल लेंडस्टाइनर।
पुरुषकृत नोबेल शरीर विज्ञानी ये
रक्त ए,बी,ओ वर्गीकरण किया इस महानर।।
हमारे पूर्वज ये विज्ञानं लिख गए
तीन रक्त वर्गीकरण नाड़ी विज्ञान।
आदि मध्य अन्त्य नाड़ी
जो विषय है ज्योतिष महान।।
वर बधु कुंडली मिलान में
ये प्रथम देखे त्रि गुण।
छत्तीस गुण मिले यदि ये नही
तो निषेध विवाह सिद्ध अवगुण।।
वर बधु की एक हो नाड़ी
तो जानो एक गुण रक्त।
तब संतान नही हो या विकृत हो
यो वर वधु नाड़ी चुनों विभक्त।।
आदि ए है मध्य बी है
और अन्त्य ओ है रक्त।
परंतु भारतीय निज विज्ञानं त्याग कर
पश्चिम विज्ञानं के हो गए भक्त।।
तीन माह में एक बार
कर सकता है रक्तदान।
इक्कीस दिन में शरीर स्वयं
पूर्ण कर लेता है रक्त निदान।।
एक अरब जनसंख्या भारत
एक प्रतिशत है रक्तदान।
विश्व के अन्य सभी देश
भारत से अधिक करें रक्तदान।।
नब्बे प्रतिशत नेपाल में
सर्वाधिक स्वेच्छित रक्तदान।
बर्मा श्रीलंका अल्प देश
बड़े बने है रक्त कर दान।।
पीलिया कैंसर शुगर रोग
नही कर सकता रक्तदान।
स्वस्थ मनुष्य चाहे कोई हो
आयु नही इसमें व्यवधान।।
तीन सो पचास मिलीग्राम तक
एक व्यक्ति कर सकता रक्तदान।
चोबीस घँटे में पूरी हो जाती
और इक्कीस दिन में गुणवत्ता मिलान।।
तीन मनुष्य बचेंगे प्राण
दिये एक व्यक्ति के रक्तदान।
जीवन में एक बार अवश्य करो
ये रक्तदान परम् महादान।।
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