सामाजिकता ओर धर्मिकता के संतुलन को मध्य नजर रखते हए न्यायिक याचिका अपील…

सामाजिकता ओर धर्मिकता के संतुलन को मध्य नजर रखते हए न्यायिक याचिका अपील…

देश के सभी राज्यों में जीतने भी भिक्षा मांग कर अपने आत्ममोक्ष के लिए जप तप तपस्या करने वाले साधु योगी व जोगी हो या केवल धार्मिक सम्प्रदायों में दीक्षित ओर वहां व्यक्तिगत रूप रजिस्टर्ड यानी प्रमाणित हो,उन सहित ओर स्वतंत्र रूप से स्वयं के मंदिरों पर सेवार्थी पंडित,आचार्य,यज्ञकर्ता आदि ओर तीर्थ स्थान व सार्वजनिक मंदिरों पर उनकी सोसायटियों द्धारा मन्दिर की पूजापाठ सफाई सेवा आदि व्यवस्था की सुचारुता के लिए पेमेंटिड पण्डित,आचार्य, यज्ञकर्ता आदि है,उनका ओर


सामान्यतौर पर जिन भिक्षुओ का तपस्या आदि का कोई उद्धेश्य नहीं है,वे केवल ग्रहस्थियों पर धर्म के नाम पर अज्ञान रूपी डर फैलाकर भिक्षा का अपने जीवनयापन का विषय बनाकर जीते है,उन सबका एक क्रमबन्ध रजिस्टर्ड संकलन करके उन्हें प्रमानपत्रित रूप से प्रमाणित किया जाना चाहिए,ताकि समाज मे धर्म का सच्चाई के साथ पालन हो सके और जो आपराधिक मनोवर्ति व आपराधिक कार्यो से बचकर धर्म को आड़ लेकर छिपे हुए धर्म का आवरण ओढ़कर धार्मिकता के नाम पर सामाजिक शोषण करते है,ओर धर्मिकता की छवि को कलंकित करते है,ओर धर्म का इन भिक्षार्थियों के रूप ग्रहस्थियों पर अनावश्यक दबाब को भी नियंत्रित किया ओर स्वेच्छित हो सके।
इस सम्बन्ध में सामाजिक और धार्मिक संतुलन को ध्यान में रखकर भारतीय न्यायपालिका को कानूनी तौर पर उचित निर्णय लेना चाहिए…

प्रार्थी:-

स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
सत्य ॐ सिद्धाश्रम शनिदेव मन्दिर कोर्ट रोड़ बुलन्दशहर उतर प्रदेश भारत।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Scroll to Top