विश्व वयस्क दिवस 18 नवम्बर पर ज्ञान कविता
इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसहहिब जी अपनी ज्ञान कविता के माध्यम से इस प्रकार जनसंदेश देते है कि
25 जनवरी 1950 को ‘भारत निर्वाचन आयोग’ की स्थापना हुई थी और इसलिए वर्ष 2011 में इसे राष्ट्रीय मतदाता दिवस घोषित किया गया। इसका मुख्य उद्धेश्य मतदाताओं के पंजीकरण में वृद्धि करना, विशेषकर युवा मतदाताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार सुनिश्चित करना है।ओर साथ ही वयस्कों के लिए उनकी शिक्षा आदि के अनुसार रोजगार का पंजीकरण करना था।
आज प्रति दिन अनुमानित 26 युवा खुदकुशी करते जा रहे हैं।
बेरोजगारों की संख्या 2019 में 1. 89 करोड़ बढ़ने का अनुमान रहा है।इस सम्बन्धित सरकार को अपने सभी गैर ओर विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने की आवश्यकता है।
वर्तमान में भारत में जो करीब 53.4 करोड़ काम करने वाले लोग हैं। उनमें से लगभग 39.8 करोड़ लोगों को उनकी योग्यता के अनुरूप से न तो काम मिलेगा, न नौकरी। इसके अलावा समय समय प्रकार्तिक और विश्व आर्थिक उतार चढ़ावो के चलते इन पर नौकरी जाने का खतरा भी मंडरा रहा है।वैसे तो 2017-19 के बीच बेरोजगारी की दर 3.5 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान था। लेकिन 15 से 24 साल के आयुवर्ग में यह प्रतिशत बहुत ज्यादा बढ़ता गया है। आंकड़ों के मुताबिक 2017 में 15 से 24 आयु वर्ग वाले युवाओं का बेरोजगारी प्रतिशत 10.5 फीसदी था, जो 2019 आते-आते 10.7 फीसदी पर पहुँचा ओर आगे और भी अधिक पहुंच सकता है महिलाओं के मोर्चे पर तो हालत और भी गम्भीर है। आंकलन बताते है कि, बीते चार साल में महिलाओं की बेरोजगारी दर 8.7 से भी अधिक तक पहुंच गई है।भारत में शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगारी की समस्या बढ़ती ही जा रही है। इस सबंधित वयस्को को स्वरोजगारों के क्षेत्रमें बढ़ना चाहिये और वही भविष्य में इसका देर से सही पर लाभकारी परिणाम देगा।और जनसँख्या इस सम्बंध में सबसे बड़ी समस्या है,इस पर जनता को ओर सरकार को बहुत जल्दी बड़े कठोर नियम अपनाने होंगे,अन्यथा भविष्य बड़ा अंधकार में होगा।
इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि
विश्व वयस्क दिवस 18 नवंबर पर ज्ञान कविता
इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी अपनी ज्ञान कविता केमाध्यम से बता रहे है कि
बेरोजगारी बढ़ रही नित दिन रात
नव युवा पीढ़ी ले शिक्षा का साथ।
कोर्स डिग्री कर तरहां तरहां के
फिर भी नहीं है रोज़गार मुलाकात।।
हर वर्ष पंजिकृत कराते युवा
ओर सरकार निकाले अल्प नोकरी।
भीड़ बहुत है नोकरी पाने को
योग्यता नापें परीक्षा कठिन भरी।।
कोई हल विकल्प नहीं इस समस्या
हर विभाग अनगिनत पद रिक्त है
चाहे सरकारी कोई हो क्षेत्र।
सरकार बजट नहीं इतना ज्यादा
छिपा नहीं छल ये जनता के नेत्र।।
योजनाएं अनगिनत नित्य निकलती
ओर हो जाती कागजों में गुम।
बस उद्धघाटन शिलालेख धूल में अटते
इंतज़ार में वयस्क आशा हो छुम।।
जनसँख्या व्रद्धि बड़ी समस्या
जिसने छीने वयस्क अधिकार।
नोकरी नहीं तो जीवन व्यर्थ सब
करें जनसँख्या नियंत्रण तभी हो उद्धार।।
वयस्को को सीखना होगा अब
जन उपयोगी प्रयोगिक ज्ञान।
उसे कर्मक्षेत्र बना अपनाना होगा
तभी इस समस्या होगा सही समाधान।।
आओ वयस्क दिवस मनाये
कर जनसँख्या नियंत्रित कर।
संग में प्रयोगिक व्यवसाय अपनाये
स्वरोजगार सीख सर्व उन्नति कर।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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