विश्व मधुमख्खी दिवस World Bee Day 20 may पर ज्ञान कविता

विश्व मधुमख्खी दिवस World Bee Day 20 may पर ज्ञान कविता

इस दिवस पर अपनी ज्ञान कविता के माध्यम से स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी इस प्रकार से प्रेरक जनसंदेश कहते है कि,

नाम से ही ज़ाहिर होता
मधु दात्री मख्खी रानी।
अद्धभुत संरचना इनका जीवन
जिससे सीखों सभी जीने की कहानी।।
महनत सीखों मधुमक्खी से
ओर नियमबद्धता से शासन।
नारी का यहां सम्मान है कितना
जो संयुक्त परिवार समाज दे पावन।।
ये शहद इकट्ठा दो पेट से करती
अनगिनत फूलों का लाकर रस।
हमें तो बस छीनना आता
दाता बनना सीखो इन मधुरस।।
पराग कणों को पंख में लेकर
रमण कराती एक दूजे फूल।
उग महकते इन्हीं बदौलत गुलशन
गुनगुना सुना विभोर कर उन झूल।।
इन शहद कभी खराब नहीं होता
दे जीवन के सभी उपयोगी तत्व।
मनुष्य स्वस्थ्य सदा मधु पी रह
किसान हममित्र मधुमख्खी हैं सत्व।।
अकेली कीट जिसका भोज्य खाकर
मनुष्य धरा पर फलता है।
सभी खाद्य पदार्थ धरा के
मधुमख्खी से ही खिलता है।।
इसके मरने पर फ़सल मरेंगी
जीवनदायी बचे न कुछ।
सबसे कठिन मधुमख्खी भाषा
इन्हें कभी समझना नहीं तुम तुच्छ।।
28 ग्राम शहद पी मख्खी
काटे धरा का एक चक्कर।
इतना शक्तिदायी शहद है जग में
मिठास अधिक चीनी शक्कर।।
जीवन मे एक बार भोग नर कर
मर कर जीवन दूजे दे जाता।
बिन नर के रानी मख्खी जन्में
अनगिनत मख्खी पैदा कर माँ है नाता।।
एक किलो शहद बनाने में
चालीस लाख फूल रस चूसे।
सारी मधुमक्खियों की महनत फल देखों
एक सो सत्तर सूंघ के गुण इनमें पोसे।।
शहद पचा ये तब हम देती
तभी हमें पचाना नहीं पड़ता।
सीधा पोषण मिले मनुष्य को
इनका मोम अनेक लाभ हम घड़ता।।
यो इन्हें पालो ओर सदा बचाओ
इन संग जुड़ा हम जीवन भान।
प्रेम संघर्ष परिश्रम और दाता
सीख मनाओ मधुमख्खी दिवस इस ज्ञान।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

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