विश्व दृष्टि दिवस World Sight Day 14 October पर ज्ञान कविता
विश्व दृष्टि दिवस World Sight Day हर वर्ष अक्टूबर महीने के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस गुरुवार 14 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। World Sight Day डब्ल्यूएचओ दृष्टि के अधिकार की वैश्विक पहल के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिहीनता रोकथाम एजेंसी यानी आईएपीबी द्वारा समन्वित है।
दृष्टि हानि अनुसंधान 2017 की रिपोर्ट के अनुसार-
1-सन 2015 में लगभग 253 मिलियन लोग दृष्टिहीनता से पीड़ित है।
2-36 मिलियन लोग दृष्टिहीन है।
3-217 मिलियन लोग गंभीर या मध्यम दृष्टि व दूर की दृष्टि से पीड़ित है।
4-नेत्रहीन लोगों में लगभग 55% स्त्री वर्ग हैं।
क्या करें नेत्र रोग के लिए स्वास्थ उपाय:-
1-पौष्टिक तत्वों से भरा भोजन खाएं।दैनिक खाने में अधिक से अधिक मात्रा में हरी सब्जियों एवं पीले व लाल फलों का उपयोग करें।
धूम्रपान तो बिल्कुल ही नहीं करें। धूम्रपान से मोतियाबिंद,ऑप्टिक तंत्रिका की क्षति और आंखों में गंदे धब्बेदार दोष बढ़ता जाता है।
अपनी आंखों को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाने के लिए ओर धूल से बचाने के लिए सड़को पर या बाहर निकलने पर नियमित धूप का चश्मा पहनें।
सभी प्रकार खतरनाक कार्य जैसे-सभी प्रकार के क्टरों ओर वेल्डिंग मशीन पर कार्य करते में सुरक्षा चश्मा या सुरक्षात्मक चश्में का उपयोग अवश्य करें।
मोबाइल पर ओर कंप्यूटर स्क्रीन पर अधिक पास से नजर नहीं गाढ़े, कुछ दूरी बनाकर काम रहें।ओर हर बीस मिनट में अपनी आँखों को आराम दें ओर स्वच्छ पानी से धोया करें,
अधिक कष्ट बढ़ने पर आंखों के डॉक्टर पर अवश्य जाये।
ओर आंखों के व्यायाम अवश्य किया करें।
इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि
विश्व दृष्टि दिवस World Sight Day पर ज्ञान कविता
दृष्टि की क्या कीमत है
जाकर पूछों उनके रोगी से
नेत्रों का अर्थ तब समझो
जो इन बिन जीते जीने से।।
अनमोल देन ईश्वर की हमको
तभी हम देखें ये सुंदर जग।
दृष्टि से पहचाने अपने दूजे
ओर देखें नज़ारे हर जीवन पग।।
कुछ रंग देखे हम इस दृष्टि
बहुत कुछ छिपा हम दृष्टि।
माँ पिता बन्धु संग ओर अनिष्ट तक
देखें दृष्टि से होती अद्धभुत सृष्टि।।
आज नवजात बच्चों की
दृष्टि जन्मजात कमजोर।
चश्में चढ़ रहे दूर पास नज़र के
ओर बढ़ता उम्र संग काम का जोर।।
कंप्यूटर मोबाइल दिन रात देखकर
गिरती जा रही सबकी दृष्टि।
खानपान बिन पौष्टिक खाकर
बिगड़ रही नित दिन दृष्टि।।
धूम्रपान दृष्टि है घातक
वाहन बिन चश्मे चलना।
प्रदूषण बढ़ हानि पहुँचता
आंख में घुस करें उन्हें छलना।।
सूरज की रोशनी पड़ आंखों पर
सीधे हम दृष्टि क्षीण करें।
आंख धोओ स्वच्छ पानी से
उन्हें सूखे हाथ नहीं मलों करें।।
आंखों के व्यायाम करें नित
स्वच्छ जल में चेहरा डालों।
डूबा चारों ओर घुमाओ आंखें
कर साफ तौलिए फिर नेत्रदवा डालों।।
ज्यादा दुःखें ओर लाल हो आंखें
तो जाओ नेत्र चिकित्सालय।
जो नियम बताये वही करो सब
देखभाल करो इन दृष्टि आलय।।
आओ दृष्टि दिवस मनाएं
ओर दृष्टि व्रद्धि नियम अपनाये।
सहायता करें नेत्र रोगियों की
दवा चश्में दें पुण्यबल बढ़ाएं।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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