विश्व ओजोन दिवस 16 सितंबर पर ज्ञान कविता
इस दिवस पर स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी अपनी ज्ञान कविता के द्धारा इस प्रकार से कहते है कि
संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी UNGA ने 19 दिसंबर सन 1994 को 16 सितंबर के दिन को ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था।क्योंकि 16 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र और 45 अन्य देशों ने ओजोन परत को खत्म करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्धेश्य ओजोन परत की कमी के लिए ऐसे सभी जिम्मेदार पदार्थों के उत्पादन को कम ओर नियंत्रित करके ओजोन परत की रक्षा करना है।16 सितंबर 1995 को पहली बार विश्व भर में विश्व ओजोन दिवस मनाया गया था।
मनुष्य ओर सभी जीवों के जीवन के लिए ऑक्सीजन से ज्यादा आवश्यक ओजोन है और इस दिवस का आयोजन करने का मुख्य कारण यह भी है कि पृथ्वी की ओजोन परत के बारे में सभी लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसे बचाने के समाधान की ओर ध्यान दिलाने के उद्धेश्य से मनाया जाता है।ओजोन आखिर क्या है तो, यह ऑक्सीजन के 3 परमाणु से मिलकर बना हुआ एक ऑप्शन है गैस है।जो वायुमंडल में बहुत कम मात्रा में पाई जाती है या समुद्र तट से 30 या 32 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसकी क्षमता अधिक होती है यह तीखे गंद वाली विषैली गैस है और इसका आईपीसी नाम tricks John है तथाइसका घनत्व 2.14 किलोग्राम/ मीटर क्यू होता है।ओजोन परत को बचाने की पहल का ही ये परिणाम है कि आज बाजार में ओजोन मित्र फ्रिज, कूलर रेफ्रिजरेटर आदि आ गए हैं। इस परत को बचाने के लिए बहुत आवश्यक भी है कि फोम के गद्दों का अधिक उपयोग नहीं किया जाए। प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम किया जाए।साथ ही रूम फ्रेशनर्स ओर केमिकल परफ्यूम का उपयोग न किया जाए और ओजोन मित्र रेफ्रीजरेटर, एयर कंडीशन का ही इस्तेमाल किया जाए। इसके अलावा अपने घर की बनावट ओजोन मित्र तरीके से किया जाए, जिसमें पेड़ पौधों की मात्रा अधिक हो व रोशनी, हवा व ऊर्जा के लिए प्राकृतिक स्त्रोतों का प्रयोग अधिक हो।तब हमारी ये धरती जो कि हमें अपने ईश्वर और पुरखों से एक धरोहर के तौर पर मिली है जिसे हमें अपनी आने वाली भविष्य पीढ़ी को भी उपयोग में देना है। जिससे वो हम सहित इस अद्धभुत सौंदर्ययुक्त सदा उपयोगी जीवनदायी धरती का भरपूर आनंद ले सके ओर हमें सदा धन्यवाद दें।
इस सबको अपनी संज्ञान ओर नजर में रखते हुए स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने अपनी ज्ञान कविता में कुछ यूं वर्णन किया है कि,
विश्व ओजोन दिवस पर ज्ञान कविता
ज्यों प्राण मनुष्य शरीर रक्षक है
यो हम धरा का रक्षक ओजोन।
ज्यों मनुष्य त्वचा शरीर ढकती है
यो पृथ्वी शरीर को बढ़े ओजोन।।
ओजोन क्या ओर कैसे बनती है
ओर कैसे है हम जीवनदायी।
कहां तक है ओजोन परत बन
कैसे ढकी बन हम रक्षकदायी।।
बनी ऑक्सीजन के तीन परमाणु मिल
जिसे ऑप्शन गैस कहे विज्ञान।
ये वायुमंडल में अति अल्प है
समुंद्र तट नजदीक अधिक है मान।।
तीखी गंध वाली ट्रिक्स जॉन ये
सवा दो किलोग्राम/मीटर क्यू घनत्व।
विधुत तड़ित ऑक्सीजन से बन
ये है पृथ्वी के सूक्ष्म मिश्रित पंचतत्व।।
ये अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती
जो सूर्य की विध्वंशक ताप किरण।
पेड़ कटाई तेल फूंक बढा तबाही
किया ओजोन का विकट हरण।।
ओजोन के खोजी फैबरी ओर बुसोन हैं
ये नीले रंग की गैस होती।
पराबैंगनी किरणों को छानकर
हम जीव शरीर रक्षक होती।।
रेफ्रिजरेटर, एसी ओजोन परत को
गैस फेंक पहुँचाते हैं हानि।
ओजोन परत में छिद्र हो गए
जो बढ़ा रोग दें अनेक हानि।।
हमें अपने घर बनाने होंगे
पेड़ पौधे सहित खूब हवादार।
अधिक ऑक्सीजन उत्पन्न हो सके
हम संग पृथ्वी बने सुरक्षादार।।
आओ ओजोन दिवस मनाये
पेड़ पौधे लगाकर घर।
ओजोन छिद्र भरें बढा ऑक्सीजन
भविष्य पीढ़ी को दें पृथ्वी सुंदर।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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