भारतीय सिविल सेवा दिवस 21 अप्रैल नागरिक सेवा दिवस Civil Services Day 21 April पर ज्ञान कविता

भारतीय सिविल सेवा दिवस 21 अप्रैल नागरिक सेवा दिवस Civil Services Day 21 April पर ज्ञान कविता

ऐतिहासिक तथ्यों में सबसे प्राचीन सिविल सर्विस सेवा के प्रमाण चीन में मिलते है।पर फ्रांस देश ही इस सेवा का आधुनिक जन्मदाता है और हमारे देश मे ब्रिटिश शासन ने सिविल सर्विस सेवा को लागू किया था।इंडियन सिविल सर्विसेज एक्ट 1861 के तहत भारतीय सिविल सेवा का गठन किया गया था। – जून 1863 में भारतीय सिविल सर्विस के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय सत्येंद्रनाथ टैगोर थे।
ब्रटिश सरकार में सन 1832 में भारतीयों के लिए मुंसिफ और सदर अमीन पद बनाए गए और इसी पद पर भारतीयों को नियुक्त किया जाना प्रारम्भ किया गया था।
भारत में सिविल सेवा के वर्तमान ढाँचे का प्रारम्भ लार्ड कार्नवालिस द्वारा की गई।लार्ड कार्नवालिस ने इन सिविल सेवाओं को पेशेवर सेवाओं में परिवर्तित कर ब्रिटिश साम्राज्य की नीतियों को कार्यान्वित करने का उपयोगी माध्यम बनाया था।सन 1857 में मैकाले समिति की सिफारिशों के आधार पर सिविल सेवाओं में चयन के लिये प्रतियोगी परीक्षा को लागू किया गया था।वैसे तो इससे सबके पहले ही 1600 ई. में स्थापित ईस्ट इंडिया कंपनी के पास भी अपनी सिविल सेवा थी। जो वाणिज्यिक कार्यों को सम्पन्न करने हेतु जिम्मेदार थी। ओर आगे चलकर लार्ड कार्नवालिस ने ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में सिविल सेवा की शुरूआत की, जिससे भारत में ब्रिटिश भूक्षेत्रों का बेहतर ढंग से प्रशासन किया जा सके।
21 अप्रैल भारतीय सिविल सेवा यानी भारतीय नागरिक सेवा दिवस Civil Services Day 21 April को मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री सिविल सेवा बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है।ओर सिविल सेवा बोर्ड, प्रवेश स्तर की भर्ती और संयुक्त सचिव स्तर से कम रैंक वाली नौकरी में पदोन्नति के लिये ज़िम्मेदार है। सिविल सेवा बोर्ड राज्य कैडर के अधिकारियों के लिये कम-से-कम दो वर्ष का निश्चित कार्यकाल प्रदान करने हेतु केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने का प्रावधान करता है।भारत में पहली बार आईएएस (IAS) की परीक्षा वर्ष 1950 में हुई थी। याद रहे कि प्रथम लोक सेवा आयोग की स्थापना अक्तूबर 1926 को हुई थी।सरदार वल्लभ भाई पटेल गृह सदस्य संसद ने 21 अप्रैल 1947 को अखिल भारतीय सेवाओं का उद्घाटन किया था। इस तरह का पहला समारोह 21 अप्रैल, 2006 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इसलिए, 2006 से इसे 21 अप्रैल को राष्ट्रीय नागरिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रति वर्ष तीन चरणों मे इसकी चयन प्रतियोगिता होती है।प्रत्येक परिजन ओर विद्यार्थी इस सेवा में नियुक्ति के लिए आकर्षित ओर लालायित होकर बहुत परिश्रम करते है,कम संख्या में पद होने से सफलता भी बहुत कम विद्यार्थीयों को मिलती है।इस सेवा के अनेक स्तर पर पदाधिकारी होते है।जनप्रतिनिधियों के चुने जाने और न्यायिक प्रशासन के अधिकारों के मध्य संतुलन अनपेक्षितता आदि को नियंत्रण करते हुए राष्ट विकास नीतियों को प्रसारित प्रचारित करने आदि सम्बन्धित अनेक जन कार्य इनका मुख्य उद्धेश्य अधिकार है।

इसी सब तथ्यों को मध्यनजर रखते स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने अपनी ज्ञान कविता में बहुत अर्थपूर्ण रूप में कहा है की,

भारतीय सिविल सर्विस पर ज्ञान कविता

सिविल सर्विस नाम असैनिक सेवा
ओर शासकीय सेवा की एक शाखा।
सभी सरकारी विभाग बिन सैन्यबल
सरकारी नीति तहत सेवा बिन नाका।।
चीन देन सिविल सेवा नीति
मिलते इस सम्बंधित प्रमाण।
पर आधुनिक सिविल सेवा देन है
फ्रांस जनक इस नीति निर्माण।।
भारत में सिविल सर्विस को
अंग्रेज शासन ने शुरू किया।
लार्ड कार्नवालिस नीति देन ये
मैकाले समिति ने ये चयन परीक्षा शुरू किया।।
आईएएस,आईपीएस आईएफएस पदाधिकारी
इस सिविल सेवा के मुख्य पद।
जन सेवा व्यापक अधिकार प्राप्त हैं
प्रजातंत्र नीति विकास देना उच्चकद।।
अति विशिष्ट सेवा रूप देश है
हर विद्यार्थी का जीवन महालक्ष्य।
चुनोती आकर्षण महत्वकांक्षी क्षेत्र ये
हर मातपिता स्वप्न भविष्य संतति पक्ष।।
कानून-व्यवस्था व न्याय करना
एकत्रण सभी प्रकार के जन कर।
सभी पदाधिकार नियंत्रण इस पद
बड़े दायित्व भरे कार्य इन सर।।
सिविल सर्विस परीक्षा हर वर्ष होती
तीन चरणों में होकर आयोजन।
संख्या सीमित प्रतिस्पर्धा ज्यादा
सफल बहुत कम इस प्रयोजन।।
सिविल सेवा मेरुदंड है प्रशासन
लोकतंत्र जन प्रतिनिधि दे संग।
विधायक मंत्री और उच्चपद देशजन
उनकी नीति निर्वाह निर्धारण सेवा इस अंग।।
राजनैतिक सत्ता दुरुपयोग नियंत्रण
जन संग प्रतिनिधि कर तालमेल।
न्याय व्यवस्था समान कर लागू
न्यायिक नियम प्रगति कर मेल।।
आओ जान सिविल सर्विस महत्व को
ओर जान इनके देश समाज दायित्व।
बने सेवक राष्ट्र उन्नति नियम संग
इस दिवस जान अपना इस गत्व।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Scroll to Top