ब्रदर्स डे यानी राष्टीय भाई दिवस National Brothers Day 24 मई पर ज्ञान कविता
इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी इस प्रकार से कहते है कि
हर साल 24 मई को सारे विश्व मे ब्रदर्स डे मनाया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में इस दिन को राष्ट्रीय भाई दिवस यानी National Brothers Day के तौर पर मनाया जाता है।
इस दिन उन सभी भाइयों के लिए धन्यवाद करते हैं, जो उन्होंने सगे भाई की तरहां ही अन्य भाइयों के रिश्ते जैसे चचेरे मौसेरे फुफेरे ममेरे ओर बिन रिश्तेदारी के अन्य सामाजिक सम्बन्धो के भाई बनाये है। साथ ही उन्हें बताया जाता है कि वे हमारे जीवन में कितना बड़े महत्त्व रखते हैं। वैसे तो एक दिन बहुत नहीं है उन्हें ये सब बताने के लिए, लेकिन इस दिन को उनके लिए कुछ खास ही कुछ करके उनसे प्यार जता कर किया जाता है।
ब्रदर्स डे मनाने की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में सी डैनियल रोड्स अलबामा ने की थी। जहां इस दिन को वो लोग मनाते हैं जो रिश्ते में भाई होते हैं, तो वहीँ वो लोग भी इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं जो खून के रिश्ते से तो भाई नहीं हैं लेकिन दिल से भाई मानते हैं। इस दिन को आप न सिर्फ अपने सगे भाई के साथ, बल्कि अपने कजिंस, ब्रदर-इन-लॉ आदि के साथ भी खूब प्यार से मना सकते हैं।
भाई का रिशत ऐसा नहीं है, जो सिर्फ अपने सगे भाई के साथ होता है, बल्कि भाई- बहन या भाई- भाई का रिश्ता ऐसा है जो पूरी दुनियां में आप किसी के साथ भी मना सकते हैं।यदि आप किसी से अपने को नजदीक महसूस करते हैं और वो आपके लिए हमेशा बिन स्वार्थ भरी सहायता को तैयार रहता है,सामाजिक तौर पर हम उन्हें मुंह बोला भाई या बहन कहते हैं। लेकिन उनकी अहमियत किसी भी सगे भाई से कम नहीं होती है। जहां ब्रदर्स डे 24 मई को मनाया जाता है तो वहीँ 2 अगस्त को सिस्टर्स डे यानी Sisters Day भी मनाया जाता है।
ब्रदर्स डे यानी भाई दिवस पर ज्ञान कविता
एक मां से जन्म ले जन्में
चाहे दूर किसी मां प्यारी।
दो या अनेक नर जीवन लें
भाई नाम खिलें फूल घर क्यारी।।
बचपन बीते स्नेही वाद संग
जवानी तक हर संगत।
आदत पता हर छिपी उजागर
बीत चले बढ़ जीवन संग पंगत।।
शक़्ल मिले हूबहू या अलग हो
चाहे रंग गोरा या काला।
कमजोर या ताक़तवर हो दोनों
चाहे बुद्धि तेज बंद दिमागी ताला।।
झगड़े चाहे कितने रहते
चले गाली लात ओर मुक्के।
या बक़बक हो चिढ़ा रूठ हो
चाहे बुरे वक्त खाये भर धक्के।।
पर जयों ही भाई नाम पुकार हो
या सुने किसी दूजे मुँह।
विपदा घिरा भाई है तेरा
बस जागे प्यार अंदर की रूह।।
भाई नाम पुकार लगाओ
कोई जात देश हो नर।
सहायक हो अनजान भी बन्धु
प्रेम सहयोग दें बन तरु निर्झर।।
बिन पूछे सहायक बनता
ओर दुश्मन को दे वहीं पछाड़।
उधार उतारे अपना सुख दे
दुख आगे खड़ा होकर बन बाड़।।
प्यार महोब्बत हो या शादी
उसमें लेता उसकी ही राय।
उसकी इज्ज़त पहली इच्छा
उस पर न्यौछावर हर रिश्ता प्यार।।
विश्वास नाम भाई को कहते
जयों राम लखन भरत शत्रुघ्न।
कृष्ण अर्जुन बलराम दाऊजी
आल्हा ऊदल जोड़ी प्रसिद्ध जगन।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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