बुध ग्रह अपने आप में अद्धभुत माना जाता है क्योंकि यह देवताओं का सन्देश वाहक ओर समस्त स्थूल से सूक्ष्म जगत में जाने की शक्ति रखता है,ये कुमार ग्रह है यानी ये विवाहित होते हुए भी,मूल रूप से ब्रह्मचारी अविवाहित पक्ष को दिव्य प्रेम के स्वतंत्र पक्ष को मान्य अधिक करता है,इसे प्रेम के नाम पर कोई भी बंधन पसंद नहीं,यो ये समस्त संसार को हर ज्ञान के दोनों पहलुओं को तर्क और बुद्धि की क्षमता प्रदान कर समझने की शक्ति देता है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि बुध वात, पित्त और कफ तीनों ही प्रकृतियों पर नियंत्रण रखता है, इसलिए यदि आपका बुध शुभ है तो जीवन में शारीरिक कष्ट बहुत हद तक कम हो जाते हैं, क्योंकि इन्हीं तीन प्रकृतियों का असंतुलन शरीर में रोग उत्पन्न करता है।ओर ये वक्री है,तो अचानक से आपके खाने पीने और रहन सहन की परिस्थितियों को बदल कर,स्वस्थ में बात,कफ,पित्त को बढ़ा,बुखार,चकते,खुजली,लिवर के रोगों को ओर प्रेम और शारारिक सम्बन्धों में कमी ला देता है।
वैसे तो सभी ग्रह अपनी कक्षा अनुसार गति करते हैं और कुछ खास समय में एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे ग्रहों का गोचर कहा जाता है। ऐसा ही एक गोचर अब बुध ग्रह का होगा जोकि 31 जनवरी को बुध के कुंभ राशि में प्रवेश करने से प्रारम्भ होगा।
बुध ग्रह की विशेषताएँ क्या है:-
कुछ ऊपर बता चुका,कुछ यो है कि,बसंत ओर फाल्गुन ऋतु बुध की प्रिय ऋतु है और उत्तर दिशा पर इसका अधिकार माना जाता है। बुध के प्रभाव से व्यक्ति शारीरिक रूप से सुंदर ,स्मार्ट बनता है और अपनी असल उम्र से कुछ कम का दिखता है।मनोविज्ञान,ज्योतिष,अन्तर्द्रष्टि के अनुमान लगाने की शक्ति और तर्क शक्ति और गणित तथा सांख्यिकी में इन्हें महारत हासिल होती है और कुंडली में उत्तम बुध होने से व्यक्ति चतुर वक्ता और धर्म प्रचारक या बकील,जज ओर चार्टेन्ट एकाउंटेंट व कुशल व्यापारी बन सकता है।
यदि बुध बलशाली है तो व्यक्ति तुरन्त कविता,बातें करने में हाज़िर जवाब होगा, अच्छा वक्ता होगा, कुशाग्र बुद्धि वाला सुलझा व्यक्ति होगा और उसकी किसी भी प्रकार की गणितीय क्षमता बहुत अच्छी होगी। यदि बुध पीड़ित व वक्री है तो व्यक्ति के जीवन मे अचानक आये बदलावों से बड़े मानसिक संघर्ष उपस्थित होने से अनेक रूप से परेशानियों में घिरा हो सकता है। उसे किसी भी प्रकार की प्रारंभिक गणना में कमी या भूल चुके से बड़ी समस्या आएगी। यो नोकरी हो या कारोबार में हानि हो सकती है और विभिन्न रोगों जैसे कि,शब्दो की अभिव्यक्ति को बोलने में समस्या, गले और नाक से संबंधित रोग, त्वचा रोग, नसों में पीड़ा, अत्यधिक पसीना आना या तेज बुखार से तंत्रिका तंत्र में समस्या आ सकती है।
बुध ज्योतिषीय, वाणिज्य, लेखन,प्रकाशन, पत्रकारिता, वकालत, कथा वाचन, प्रवक्ता,जज,दलाल,मीडियेटर यानी मध्यस्त बनाने में पारंगत है और विशेष रूप से अखरोट,सभी हरियाली पर अधिकार होने से सभी हरे पौधे, तेल, घी, पालक,पोधिन हरे रंग के वस्त्र, मूंग की दाल,पशुचारा आदि बुध के आधिपत्य में आते हैं। किसी भी प्रकार का शिक्षा का स्थान जैसे छोटे से बड़े विद्यालय ओर उनके संस्थान, विश्वविद्यालय,सभी प्रकार के मंत्र ओर उनके जपने का स्थान, खेल का मैदान, व्यापार का क्षेत्र,ये सभी बुध के अधीन आते हैं।जातक की वाणी कौशल तथा कम्युनिकेशन स्किल में बेहतरी प्रदान करने का काम भी बुध ही करता है।
बुध का कुंभ राशि में गोचर ओर क्या है इस गोचर की विशेषता:-
बुध ग्रह लगभग आधे महीने में अपना एक राशि चक्र पूरा कर लेते हैं, लेकिन कई विशेष परिस्थितियों में इनका गोचर लंबी अवधि तक भी हो सकता है। बुध का कुंभ राशि में 31 जनवरी को होने वाला गोचर बहुत विशेष होगा, क्योंकि यह इस राशि में 7 अप्रैल तक स्थित रहेंगे और इसी राशि में 17 फरवरी से बुध वक्री भी हो जायेंगे।
बुध का वक्री होना भी अपने आप में विषय महत्व रखता है क्योंकि वक्री का अर्थ है कि,कोई भी ग्रह का अच्छा या बुरा चरम या क्लाइमेक्स का पहले प्राप्त हो जाना, यह बड़े-बड़े परिवर्तन लेकर आता है। 10 मार्च को बुध वक्री से मार्गी अवस्था में आकर 7 अप्रैल तक कुंभ राशि में रहेगा, इसी कारण से बुध का यह गोचर बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है और कुछ खास राशियों को इस गोचर के गंभीर लाभ हानि के प्रभाव प्राप्त होंगे।
बुध का गोचर किस राशि के लिए बढ़िया है:-
इस बार होने वाला बुध का गोचर विशेषकर मेष राशि को, वृश्चिक राशि को और मकर राशि के लोगों के लिए जबरदस्त उछाल के साथ सफलता के योग बना रहा है। बुध का यह गोचर ना केवल आपके सपनों को मनचाही स्थिति तक साकार करेगा, बल्कि आपको जीवन में आगे बढ़ाने के लिए पूरी पूरी प्रेरणा भी देगा।की कैसे आप इस समय में चारों ओर से फायदा पाए और पाएंगे।यो आपका शुभ बुध के प्रभाव से प्रबल रूप से धन लाभ होंगे और सामाजिक रूप से भी आप पद प्रतिष्ठा में उन्नति करेंगे। आपको अपने परिजनों का सहयोग मिलेगा और आपकी वाणी में मिठास बढ़ेगी।पुराने प्रेम में बढोत्तरी के साथ,यदि अभी प्रेम की प्राप्ति नहीं है,तो कोई आपके जीवन मे प्रेम का कारण ओर निवारण बनेगा, कुल मिलाकर इस गोचर में आप ज़बरदस्त तरीके से अपना लाभ व प्रभाव बढ़ा पाएंगे।
बुध का गोचर ओर उसका प्रभाव : –
हर ग्रह गोचर का आना, अपनी कोई न कोई एक नई कथा कहता है। इसी क्रम में बुध का यह गोचर धनु राशि के और मीन राशि वालों के जीवन के लिए विशेष रूप से विध्न बाँधाये देकर पद प्रतिष्ठा,परिवर्तन से परेशानियों का कारण बन सकता है। इस गोचर की अवधि में आपको कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना होगा एक तो यह कि आपके स्वास्थ्य पर खासकर पेट और बुखार या पथरी की शिकायत से बुरा असर पड़ेगा और आप अचानक से बीमार हो सकते हैं और दूसरा इस गोचर काल में कोई भी यात्रा करने से,विशेषकर किसी दूसरे के वाहन चलाने या उसे चलाने देने तो आपको विशेष बचना चाहिए।आपके कार्यो में अधिक मेहनत के बाद भी बहुत कम सफलता मिलने से आपको तनाव महसूस होगा और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है,शुगर बढ़ सकती है,बुद्धि एकाग्रता खो बैठने से अपशब्द कहने से,या एक दम के निर्णय लेने से धन हानि होने की संभावना बनेगी। अपने कुछ पुराने या नए मित्रों से इस समय अलगाव हो सकता है।यो अपनी वाणी पर संयम रखना बहुत आवश्यक होगा, नहीं तो बनते हुए काम भी बिगड़ हानि दे सकते हैं।
शेष राशियों के लिए बुध का ये गोचर उनकी जन्मकुंडली में बुध की उच्च तथा नीच या सम स्थिति से सामान्य लाभकारी सिद्ध होगा।
मिथुन ओर कन्या राशि को अपने देंनिक दिनचर्या को सही करने से लाभ होगा,बात कहते में अपनी शब्द वाणी को मीठी रखें,तो प्रेम व शांति सुख मिलेगा,अन्यथा,अचानक से चलती बात बिगड़ कर,सारे सम्बन्ध खराब कर देगी।
बुध के कुछ सहज उपाय:-
बुध ग्रह के तांत्रिक मंत्र “ॐ बुं बुधाय नमः” या फिर बुध के बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” में से किसी का भी जाप कर सकते हैं।
सबसे उत्तम है,गुरु मंत्र के साथ रेहि क्रियायोग करके फिर अपने गले के सारे भाग का ध्यान करें।और अपने हथेली में कंग की उंगली की जड़ के भाग में उभरे बुध पर्वत क्षेत्र को अपने अंगूठे से दबाया या सहलाया करें।तो बुद्ध ग्रह के शुभ गुणों का लाभ मिलेगा।
आप पन्ना रत्न भी पहन सकते हैं या उसके स्थान पर ओनेक्स रत्न भी धारण कर सकते हैं।ध्यान रहे इनके साथ मोती नहीं पहनने,अन्यथा हानि होगी।
यदि आपने कोई रत्न या रुद्राक्ष नहीं पहना है, तो आप पंच मुखी रुद्राक्ष को पन्चामृत में स्नान कराकर बुधवार को गले मे भी धारण कर सकते हैं।
प्रत्येक बुधवार गाय को पालक अथवा साबुत मूंग खिलाएं, इससे बुध देव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
विशेष उपाय:-बुध के शुभ गुणों इर लाभ पाने के लिये रोज जब समय मिले दो या पांच अखरोट खाया करें व बुद्धवार को किसी को खाने को दे,तो आपका स्वास्थ्य और व्यापार और प्रेम व गृहस्थी,सन्तान सुख में व्रद्धि होगी।
बुधवार को पूर्णिमा देवी मंदिर में जाकर किसी भी फूल वाले पौधे के ताजे हरे पत्तों की बनी माला को चढ़ाए ओर खिचड़ी का भोग लगाए और बांटे।बहुत लाभ होगा।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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