गुरु पूर्णिमा पर क्या करे,जिससे सभी ग्रहों के देवो के गुरु ब्रहस्पति देव और चारों वेदों के विस्तारक महर्षि वेदव्यास जी और मनुष्यों के द्धितीय जन्मदाता श्री गुरु को कैसे प्रसन्न करें,ताकि सभी संकटों का निवारण कर सकें,बता रहे है,श्री गुरुदेव स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी,

श्री गुरु पूर्णिमा-5 जुलाई 2020,,

गुरु पूर्णिमा पर क्या करे,जिससे सभी ग्रहों के देवो के गुरु ब्रहस्पति देव और चारों वेदों के विस्तारक महर्षि वेदव्यास जी और मनुष्यों के द्धितीय जन्मदाता श्री गुरु को कैसे प्रसन्न करें,ताकि सभी संकटों का निवारण कर सकें,बता रहे है,श्री गुरुदेव स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी,

कोरोना संकट के चलते गुरु पूर्णिमा पर्व भी इस वर्ष अपने विशेष उत्सव के रूप में नहीं मन पायेगा,अधिकतर सभी भक्त जन अपने अपने घर से ही गुरु पूजा को कर पाएंगे,,तो क्या ओर कैसे करें,श्री गुरुदेव दर्शन,सेवा,उपासना ओर पाएं आर्शीर्वाद,,

सभी धर्मों के ज्ञान शास्त्रों के अनुसार मनुष्य का पहला जन्म माता पिता से होकर फिर दूसरा जन्म गुरु से गुरु मंत्र दीक्षा के बाद होता है।ओर तीसरा जन्म स्वयं की आत्मा की सम्पूर्ण अवस्था परमात्मा की प्राप्ति से होता है।
अधिकतर मनुष्य केवल अपने माता पिता से जन्म लेने पर,उसी स्थिति में ही बने रहकर म्रत्यु को प्राप्त हो जाते है,वे वैदिक धर्म के चार भाग-अर्थ-काम-धर्म-मोक्ष में से केवल दो-अर्थ और काम के भौतिक जगत के स्तर पर ही विद्यमान बने रहते है,ओर आध्यात्मिकता यानी धर्म और मोक्ष रूपी जीवन की अलौकिकता यानी पारलौकिकता आत्मिक स्तर पर नहीं पहुँच पाते है,,उन सभी मनुष्यों को उनके जीवन का ये तीसरा स्तर धर्म और अंतिम चौथा स्तर मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो पाती है।यो सभी धर्मों में श्री गुरु जो कि साक्षात श्री भगवान के जीवंत रूप होते है,उनसे गुरु मंत्र व विधि सहित दीक्षा लेने का आग्रह किया है,यो आप सभी जिन्होंने गुरु मंत्र ले रखा है,वे भी ओर जिन्होंने श्री गुरु मंत्र नहीं लिया है,उन्हें भी इस दिन गुरु मंत्र अवश्य लेकर अपने जीवन के चारों व्रत पूरे करने चाहिए,तब श्री गुरु के स्थूल सूक्ष्म कारण शरीर से एक डोर से आप बंधकर सिद्ध जीवन के चक्र में प्रवेश करते है,यो उस भवसागर को पार करने और कराने वाली सिद्ध गुरु डोर से बंधकर सदा आगे बढ़ने के जीवन की जन्म प्राप्ति होती चलती है और अंत मे उस श्री गुरु दीक्षा डोर से श्री गुरु के अंतिम सिद्ध दर्शन होकर स्वयं का आत्मसाक्षातकार की प्राप्ति होती है।यो आप अनावश्यक जीवन चक्रों में व्यर्थ समय व दुख भोगते व काटते हुए भटकते नहीं है।तो अवश्य गुरु मंत्र दीक्षा ग्रहण करें।

गुरु पूर्णिमा पर्व तिथि व मुहूर्त 2020:-

गुरु पूर्णिमा 2020-5 जुलाई,दिन रविवार को मनाई जाएगी,

गुरु पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ:- 11:33 बजे (4 जुलाई 2020) से प्रारम्भ होगी।और,
गुरु पूर्णिमा तिथि की समाप्ति:- 10:13 बजे (5 जुलाई 2020) तक सम्पूर्ण होगी।

सदूर श्री गुरु दीक्षा लेने को सहज व चमत्कारी विधि:-

इस दिन को गुरु मंत्र विधि से दीक्षा लेने के लिए सारे वर्ष की अपेक्षा विशेष शुभ माना जाता है।
यदि आपने किसी को भी गुरु नहीं बनाया है ओर गुरु बनाना या श्री गुरु को धारण करना चाहते है,यानी कि नए दीक्षार्थी भक्त है और बहुत दूर हैं,तो,आप जिन्हें भी गुरु बनाना चाहते,उनका एक चित्र अपने पूजाघर में स्थापित करें और गंगा जल या किसी पवित्र नदी का जल एक कटोरी में लेकर वहां रखे और घी या तेल की ज्योत जलाये,अब अपने सीधे हाथ मे पवित्र जल लेकर उन गुरु जी का नाम श्रद्धापूर्वक लेते हुए अपने पर कृपा करने की प्रार्थना करते हुए अपने ऊपर छिड़कें ओर अब फिर से पवित्र जल हाथ मे लेकर फिर से श्री गुरु को अपने ऊपर कृपा करने की प्रार्थना कहते हुए,उनका जो गुरु मंत्र हो,वो 7 बार मन में या उच्चारण कर बोले,तब उसे पी जाएं,ओर अब अपने इन श्री गुरु के चरणों से लेकर उनके सारे शरीर को खुली आंख से देखते हुए वो गुरु मंत्र जपते जाएं और फिर श्री गुरु के सिर से लेकर उनके चरणों तक मंत्र जपते हुए एक चक्र पूरा करें,ऐसे जबतक मन करें देखते हुए जप करें और यदि आंखे थक जाएं तो,अपनी आंखें बंद करके,श्री गुरु के देखे चित्र पर उनके चरणों से लेकर सारी देह से होते हुए उनके सिर तक,फिर उनके सिर से उनके चरणों तक ऐसे ही चक्र को,बार बार पूरा करते जप ध्यान करेंगे तो,अद्धभुत श्री गुरु दर्शन सहित गुरु कृपा तुममें बढ़ती जाएगी और अनगिनत भौतिक व आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होंगे।
तब पूजा समाप्त करके,जो बने वो प्रसाद को श्री गुरु में मुख से भोग लगाकर स्वयं खाएं,ज्यादा बना हो तो,उसे अन्यों में बांट दें।
प्रति गुरुवार को जीवो को कुछ न कुछ खाने को दिया करें।
ओर जो बने वो दक्षिणा गुरु आश्रम में भेजते रहे।तो,
जप तप दान करें।
सदा सर्व कल्याण।।

यो सभी भक्तों को श्री गुरु आशीर्वाद के साथ,,

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

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