क्या पृथ्वी पर हो चुका शैतान का शासन शुरू?क्या बहुत वर्षों से तभी हर भविष्यवेत्ता करता आ रहा है पृथ्वी पर संकट,युद्ध और महामारियों से भरी विनाश की भविष्यवाणियां,कौन दैविक शक्ति खत्म करेगी इस शैतानी साम्राज्य को,कोई स्त्री शक्ति? पर कब?

क्या पृथ्वी पर हो चुका शैतान का शासन शुरू?क्या बहुत वर्षों से तभी हर भविष्यवेत्ता करता आ रहा है पृथ्वी पर संकट,युद्ध और महामारियों से भरी विनाश की भविष्यवाणियां,कौन दैविक शक्ति खत्म करेगी इस शैतानी साम्राज्य को,कोई स्त्री शक्ति? पर कब?

विगतवर्षों के अनगिनत ध्यानी मंत्र जापक साधकों के अधिकतर देखे गए उनकी योग निंद्रा तंद्रा में दिव्य स्वप्नों के अध्ययनों से निष्कर्ष निकाला है कि,
शैतान का शासन फैला रहा है, अपने 16 शैतानी शक्तियों के अमावस्या का काले प्रकोपों को यूँ फैलाकर,,

जाने क्या होगा और कैसे करें सामना?

ये लेख लोगो मे किसी भी प्रकार का भय और उनका मानसिक,शारारिक, सामाजिक शोषण के उद्धेश्य से नहीं लिखा व दुर्भावना के तहत नहीं कहा गया है।ये हमारे पास आने वाले अनगिनत भक्तो के ओर साधकों के असाधारण स्वप्नों के साथ साथ सभी प्राचीन ज्योतिषीय भविष्यवेत्ताओ की विश्वव्यापी भविष्यवाणियों के बारीकी से किये आंकलनों के संकलनों के आधार पर गणना की गई है,जिसमे व्यक्तिगत ध्यान दर्शनों में देखे गए स्वप्नों का भी भविष्य विश्लेषण भी सम्मलित किया है।

यो ये मानना या नहीं मानना आपकी विवेक तार्किक बुद्धि पर निर्भर करता है, तो आप अपनी मानसिकता की ओर से स्वतंत्र है।

यही सब आंकलन से बता रहें है स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी,की उन्होंने बहुत पहले अपने ध्यान में देखा था ओर भविष्यवाणी की थी, कि शैतान का जन्म यानी अवतरण हो चुका है पृथ्वी पर,जो एक लेख के रूप में व ऑडियो के रूप में उनकी वेबसाइट www.satyasmeemission.org व चेनल swami satyendra ji
पर पढ़ने को उपलब्ध है,वहां देखे।

वैसे तो हमारे ब्रह्मांड में शैतान के मूल शासित ग्रह लोक कथाओं में भिन्न भिन्न स्थान बताये है पर ज्योतिषीय ग्रह के रूप में शैतान का लोक युरेनस ग्रह है और उसका दूसरा सहयोगी शासनलोक है-नेप्च्यून ग्रह।जहां शैतान की अलौकिक शक्तियां के 16 रहस्यमयी नियमों के लागू होने की कानून नियमावली चलती है,ओर वही पृथ्वी पर एक शैतान की किताब के रूप में सच्च में उपलब्ध है,जिसके नियमानुसार अपना राज्य फैलाती है सम्पूर्ण ब्रह्मांड पर,,

युरेनस ग्रह के साथ नेप्च्यून ग्रह जागेगा..जहां खुलेगी,सभी अतृप्त वासनाओं से भरी प्यासी बुरी आत्माओं को प्रकट करने वाली शैतानी किताब..

यो ज्योतिषीय अध्ययन करोगे तो पता चल जाएगा,की, इन दोनों युरेनस ओर नेप्च्यून के प्रभाव से मुख्यतया 18 वीं सदी के प्रारम्भ से ही विश्व महाप्रलय का संकटकारी समय शुरू हो चुका था।जो बड़े रूप में दो विश्वयुद्धों ओर उनकी असंख्य जन हत्या ओर विध्वंसक हानि के साथ परमाणु बम से सदियों तक महामारी विभीषका का दंश दे गया है और तब से लेकर वर्तमान तक दो हजार परमाणु व हाइड्रोजन बमों के भूमि,आकाश,जल में किये परीक्षणों के साथ विषैले रासायनिक प्रयोगों से ओर भी गुप्त महामारी धीरे धीरे संसार मे फैलती जा रही है,जो की कई बार विश्व्यापी संकट दे गई ओर जिसका अभी एक भयावह महामारी बीमारी के रूप में सब झेल रहे है तथा जिसके ओर भी रूप बदल बदल कर अब पिछले वर्ष 2019 दीपावली से लेकर 2025 तक चरम की ओर 2035 पर बड़े विकट रूप में अपना प्रकोप बन देते जाएंगे।

जाने क्या है शैतान यानी नकारात्मक शक्ति के सोलह अमावस्या के महाप्रकोप,जिनका हर भविष्यवेत्ता संत और स्वप्न दर्शन भविष्यवाणी करता आ रहा है –

शैतान के निरंतर दिन दर चल बढ़ते जा रहे वर्तमान से भविष्य तक के सोलह महाप्रकोप:-

1-विवाह के सभी शुभ योग होने वाले है महादूषित।सभी धर्मों संस्कृतियों में दिन के विवाह मिटकर, रात्रि के विवाह करने से मिटते चलेंगें जगत से प्रेम और फेरों के साथ देव वचनों में देवताओं की जगहां,वर वधु जोड़ो के साथ जुड़े,शरीर मे प्रवेश करेंगी निशाचर बुरी शक्तियां,जो देंगे अतृप्ति भरे भोग की अधूरी प्यास के साथ शक,कलह ओर अलगाववादी सोच के साथ अंत मे दूरी ओर संगी से धोखे यो बढ़ेंगे परस्पर अनसुलझे तलाक।
2-मनचाही सन्तान सुख प्राप्ति में मिलेगी रासायनिक चिकित्सा और सन्तान में मन बुद्धि की विचित्र आदतों भरी बाँधाएँ बढ़ बनेगी माता पिता समाज को कष्टकारी।
3-पुराने व्यापार,नए व्यापार का बदला रूप धारण करेंगे,जो पहले देकर लाभ फिर देंगे विकट कर्ज भरी जिंदगी।
4-नोकरियो मे होंगीं बड़ी संकट अस्थिरता भरी विश्व्यापी उलटफेर बेरोजगारी बढ़ेगी यो फ़रेब भरी योजनाओं का सूत्रपात होकर अराजकता ओर ठगी की होगी व्रद्धि।
5-विश्व से लेकर राष्टीय राजनीति काल भक्षण षड़यंत्र नीति बन जाएगी,भक्षण करेगी जनमत सुख को देकर नियंत्रण विकास बनाम दुखव्यापी विस्तार।
6-ईश्वरीय साम्राज्य सिमट जाएगा जिससे सभी प्राचीन तीर्थ खो देंगे अपनी कृपा शक्ति ओर टिमटिमायेगा भक्ति का दीपक और नए मन्दिर बढ़ेंगे, जिन पर होगा शैतानी शक्तियों भरा प्रलोभित कृपा कल्यानदायी राज ओर भक्त समझेंगे की हम पर ईश्वर कृपा कर रहा है और तब शैतान अपना पूरा प्रभाव में सबको ले लेगा।
7-सभी मंत्र से लेकर महामंत्र ओर महानाम तक हो रहे है प्रतिदिन कीलित संग उच्चारण दोष से युक्त ओर उनसे उंगलने शुरू हो गए क्रोध वासना अशांति ओर नहीं देंगे मनचाहा फल।
सब रत्न- नीलम,पुखराज,माणिक्य, मोती,पन्ना,गोमेद,लहसुनिया, स्फ़टिक, हकीक,फिरोजा,हीरा आदि हो जाएंगे बेकार।
तब एलियन जैसे दिखने वाले सूक्ष्म शरीरधारी महायोगियों के आवाहन पर पंचमहाभूतों से झरेगा एक नया रत्न जो उल्कापिंड से धरती पर बर्फीली जगहां गिरेगा ओर उससे निकला तेज धीरे धीरे सभी रत्नों को एक नए रत्न के रूप में जीवंत बनाएगा,उसी के उपयोग से लाभ होंगे।
8-सभी मनुष्यों के मष्तिष्क में एक अजीब सी धुन यानी नांद की गूंज धीरे धीरे गूंजने लगेगी,जो देगी एक अजीब सा आनन्द ओर दिखाएगी दिनदहाड़े ऐसे सुंदर रसिक दृश्य,जो आगे चलकर भ्रम की दुनियां का कल्पनालोक मनुष्य के आसपास बना उसे दो जीवनों के बीच जीने को कर देगी मजबूर।ओर आकाश से बरसेगा ऐसा ही एक मीठा रसिक जहर।
9-बढ़ेगा सूखा अकाल।पहुँचाएगा लोगो को काल के गाल।
10-स्त्री और पुरुषों को भोगेगा उनके सपनों के माध्यम से शैतान ओर उसके सेवक ओर उस भोग के मानसिक संस्कारों के प्रभाव से पैदा होगी- शैतानी पीढ़ी.. ओर साथ ही अनजाना भयंकर अज्ञात डर,जो अभी से सबको धीरे धीरे घेरता जा रहा है अपने चंगुल में,बनेंगे अंनत लोग असाध्य मनोरोगी।
11-आने वाले सभी चुनावों से खूनी रंजिश फिर से शुरू,जो कई पीढियां लेगी ओर देगी जानलेवा बदले।
12-सभी प्राचीन दवाईयां जड़ीबूटियां के पौधे कम होकर नई प्रजाति में बदलकर होंगे दूषित ओर नहीं देंगे अपने शुभ परिणाम।नए पौधे करेंगे चिकित्सा और देंगे नई चिकित्सा पद्धति।
13-पानी,वायु,भूमि,आकाश और आग होगी दूषित ओर अपने से उगलेगी प्रदूषण भर जिंदगी छिनती नई नई बीमारियां महामारी कहर ढायेगी सदियों तक।
14-चल रहे सभी प्राचीन धर्म पंथ ओर उनकी शाखाएं और उनके मुख्य धर्ममाधिकारी ओढ़ेंगे दोहरे चहरे के दिखावटी मुखोटे।
15-विज्ञान कष्ट मिटाने के नाम जन्म देगा नए अविष्कारों से निनाश के ऐसे संकट,जिसके चक्रव्यूह से नही होगा छुटकारा।
16-धरती अपना संतुलन ओर घूमने की गति धीरे धीरे घटाती हुई पलट देगी अपने चुम्बकीय ध्रुव ओर क्षेत्र ओर अन्यों ग्रहों से दूरी बढ़ ओर बढ़ेगी अग्नि ताप संग देगी अचानक महाविनाशक जल प्रलय।
ये तो है संछिप्त में शैतानी शक्तियों के प्रभाव।

तो याब7 उपाय क्या करें, बचाव के लिए,जो यहां इस लेख में बहुत छोटे स्तर पर यहां दिए जा रहे है कि क्या होगा ओर क्या करें:-

अब आगे की होली,
सबको दे कड़वी गोली।
आगे की दिवाली,
करें घर अंधेरा भर झोली।

अबकी बार 2021 से 2023 तक सबसे ज्यादा टोन टोटके कला जादू तंत्रमंत्र मुठ चौकी नजर ओर अपने से ग्रह उतारे की तांत्रिक क्रियाएं करनी शुरू हो चुकी ओर होंगी,यो तभी लोगोंजे मन नही लगते इन धार्मिक त्योहारों पर,न पूजापाठ फलित होते है,,

आगे हर राशि के लिए इस आने वाली 2021 की होली ओर उससे से आगे की दीपावली व होली 2023 तक का समय बड़ा कठिन सिद्ध होगा।

1-यो सभी भक्तजन सावधानी से वाहन देखकर चलाये ओर सामाजिक स्वास्थ नियमो का पालन करें अन्यथा धन और रोग से ग्रस्त होकर जानजोखिम पाएंगे।
2-कभी भी किसी भी रूप में आपको विपदा घेर कर मृत्युतुल्य संकट दे सकती है।

3-यो अपनी परिवारिक सुरक्षा को शीघ्र ही प्रबल उपाय करने ओर कराने शुरू कर दे।जो गुरु मन्त्र व ध्यान विधि का नियमित अभ्यास करते है,वे भी अपनी साधना कम से कम दोनों समय एक एक घँटा अवश्य बढ़ाएं।
4-मंगल शनिवार पूर्णिमा अमावस्या की तिल के तेल की अखण्ड ज्योत प्रातः से साय तक जलाना शुरू करें।
5-पाव भर खीर बनाकर अपने परिजनों से 7 बार उल्टा यानी एंटीक्लॉकवाइज उतार कर 41 दिन लगातार बाहर के कैसे भी कुत्तों को देते रहे।
6-ओर 41 दिन करने के बाद फिर आगे चलकर मंगल शनिवार अमावस्या ओर पूर्णमासी को कुत्तों को देते रहे।
7-अपने शहर गांव के देव्य देवी मन्दिर की प्रातः ओर शाम की आरती में अवश्य पूजा करने जाये ओर ह्रदय से प्रार्थना करें।
8-अपने शहर या गांव के मन्दिर की नियमित झाड़ू पोछे से सफाई अवश्य करते सेवा दें। साथ ही यदि अपने पितरों के स्थान को बनवाया है तो साप्ताहिक वहां भी सेवा दें।
9-युरेनस का वाहन कुत्ता ओर काला बिजार तथा ईख का कौवा है और नेप्च्यून का वाहन गिरगिट ओर मछली और मगरमच्छ व दरियाई घोड़ा है।
यो जल जीवो को ग्रहण काल मे नदी पोखर में खाने का भोजन डालने से सभी प्रकार के रोगों और संकट कष्टों में व कर्ज हानि दुर्घटना आदि में बचाव और मानसिक आत्मीक शांति मिलती है।

विशेष महाउपाय:-

ओर शैतान के साम्राज्य की अमावस्या रात की एकमात्र काट है,पूर्णिमा का पृथ्वी पर अवतरण आवाहन को उपासना,यो महावतार पूर्णिमा देवी की आराधना प्रार्थना करो रेहीक्रियायोग विधि से अपने अंदर के ईश्वरत्व भरे महाप्रकाश को प्रकट।यो आज से पूर्णिमा व्रत और रेहीक्रियायोग ध्यान करो अपनी आत्मा की परमावस्था के महामंत्र से जप तप यज्ञ ओर पुण्यदान जो करें समस्त अज्ञान अंधकार मिटा आत्मकल्याण।

यो ही “सत्संग” कहता है कि,

जो माने उसका भला।
जो न माने वो न करें शिकवागिला।।

नियमित सेवा तप और दान।
सदा करें पुण्यबलवर्द्धि कल्याण।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

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