क्या करें जिससे सभी को सम्पूर्ण लाभ हो तो जाने,नियम:-

क्या करें जिससे सभी को सम्पूर्ण लाभ हो तो जाने,नियम:-

आज से सभी भक्त जो गुरु मंत्र और रेही ध्यान विधि योग से दीक्षित है,वे सब ये कथित प्रकार की अनेक पूजापाठ की जगहां केवल अपने बच्चे या पति या पत्नी के साथ अपने सामने बैठकर घड़ी में 15 या 25 मिनट का समय अलार्म भर कर बैठे और जैसा गुरु जी ने ध्यान विधि बताई है- क्लॉक ओर एंटी क्लॉक सर्किल बनाते हुए एक दूसरे में ध्यान लगाए और फिर घड़ी में अलार्म बजने पर फिर दूसरा चक्र लगते हुए इस विधि को रोज प्रातः साय व जब समय मिले पूरा करें।
तभी आपको सम्पूर्ण लाभ मिलेगा।नहीं तो जब देखों की ये रट-
गुरु जी अभी कष्ट नहीं कट रहे है, या ये काम नहीं हो रहा है आदि आदि शिकायत करते ही रहोगे और ये सब कष्ट परेशानिया बनी ही रहेंगी।

https://www.youtube.com/watch?v=z-GpRoiRrzo&feature=youtu.be

एक साधे सब सधे।
सब साधे सब जाए।।
गुरु कहा जो न करे
सदा नरक में जाये।।

यो गुरु जी बताये इस नियम को आज से ही प्रारम्भ करें।

अन्यथा कब तक गुरु जी आपको शक्तिपात यानी आशीर्वाद करते रहेंगे।ओर कब तक आपके संकटो को अपने शरीर पर झेलते कष्ट उठाते रहेंगे।जब गुरु जी पर कष्ट आता है,तब एक भी भक्त सेवा को नहीं आता है।
ओर न ही आपके इस अनियमित आचरण से गुरु जी का सत्यास्मि मिशन अपने चरम पर पहुँचेगा।क्योकि न मिशन चलाने को उपयुक्त दान करते हो,ओर न सेवा और नही ध्यान की विधि करते हो।
यो आज से ओर अभी से गुरु जी का बताता गुरु मंत्र -सत्य ॐ सिद्धायै नमः का अधिक से अधिक संख्या में जप ओर सत्य ॐ पूर्णिमा चालीसा में दी गयी,तीनों चालीसा का पाठ नित्य करें और गुरुजी द्धारा बतायी गयी रेही ध्यान की विधि का अभ्यास करें।अब तक जिस भक्त को गुरुमंत्र ओर ध्यान विधि मिली है,उसे आगे से आशीर्वाद नहीं दिया जाएगा।क्योकि गुरु दीक्षा पूरे जीवन भर को केवल एक बार दी जाती है,बारबार नहीं दी जाती है।
शिष्य का निरन्तर अभ्यास ही उसे गुरु से मिली शक्ति को बढाता ओर सभी लाभ देता है।
यो आश्रम में भी आकर अपनी ध्यान विधि को वहाँ यज्ञ स्थल पर बैठकर करें और सेवा दें और प्रसाद पाकर अपने घर जाएं।
ओर अब जब भी आश्रम में आये,अपने ध्यान का कितना विकास हुआ,इसे गुरु जी को बताकर अपनी कमियों को सुधरवाये।

अब ओर आज से ये नियम बनाया जाता है।
https://youtu.be/z-GpRoiRrzo
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
www.satyasmeemission.org

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