कोरोना का डर तो देखो
खाली पड़ा अल्लाह का काबा।
चर्च में घट गई ईसा की चर्चा
ओर मंदिर में भक्त कम है आवा।।
छोड़ गए खुद सत्संग कर्ता
जो कहते ईश्वर सबका करतार।
गुरुद्धारे में भी घट गए लंगर
खाली पड़े मैदान कतार।।
जिम बंद हो गए स्वास्थ समर्थक
सड़ गए मांस पेस्टि फल केले।
हाथ मिलाना बन्द हो गया
भरे मेले खड़े खाली ठेले।।
बिक्री बढ़ गयी मास्क की
ओर बिक गए हैंड वाश।
धनी हो गए चिकित्सा वाले
बस कोरोना डर से जन धन नाश।।
बिन धर्म परिवतर्न जैनी बन गए
मुख पर पट्टी बांध सभी।
जरा सी खांसी वजह हो कोई
बस कोरोना है,इसे अभी।।
खुल गयी नई दवाई दुकानें
बता रहे जड़ी बूटी सभी।
इससे कोरोना जड़ से मरता
चाहे सुना नहीं,कोरोना नाम कभी।।
यज्ञानुष्ठान चल रहे
खूब सामग्री घी जले।
खाकर कोरोना मरा या जीया
आगे समय ही पता चले।।
स्कूल कॉलेज बंद हो गए
बच्चे खुश नहीं डरे डरे।
भविष्य लटक गया कोरोना भरोसे
रिजल्ट है कोरोना हरे हरे।।
देश विदेश सीमा सील हो गई
युद्ध का दुश्मन दिख रहा नहीं।
कहीं से कभी भी आघात करें
ये भय निस्तारण कोई अस्त्र नहीं।।
तो क्या करें ओर कैसे करें
इस कोरोना का समाधान।
बस सहयोग परस्पर सबका
ओर धैर्य स्वच्छता जागरूकता वर्द्धिज्ञान।।
खांसी हो और रहे बुखार
जाओ तुरंत चिकित्सक पास।
मुंह पर मास्क,हाथ को धोना
जन भीड़ से दूरी रक्खों खास।।
घर मे रहो,बाजार न घूमो
जरूरत पड़े निकलो तभी।
सहयोग प्रशासन सदा करना
कोरोना को रोक पाए तभी।।
आपातकाल समय बड़ा है
इसे न करो नजरअंदाज।
न शेखी न अफवाह बढाओ
इस समय टाल दो समारोह काज।।
अभी निपटे जोश होश रख
कोरोना को हराने को है तैयार।
ईश्वर संग है शैतान हराये
आओ कोरोना का करें संहार।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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