आज 26 जनवरी 2020 दिन रविवार को प्रातः ठीक सही 8 बजे से लेकर 9 बजकर 14 मिंट 20 सेकेंड तक सम्पूर्ण कर स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने बनाया सूर्य त्राटक का वर्ल्ड रिकॉर्ड,,,,

आज 26 जनवरी 2020 दिन रविवार को प्रातः ठीक सही 8 बजे से लेकर 9 बजकर 14 मिंट 20 सेकेंड तक सम्पूर्ण कर स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने बनाया सूर्य त्राटक का वर्ल्ड रिकॉर्ड,,,,

जो 1 घँटा 14 मिंट 20 सेकेंड तक बना।विश्व रिकॉर्ड,,,,,,,

आज 26 जनवरी 2020 को सूर्य के दिवस पर दिन रविवार को प्रातःकाल मे स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने बनाया सूर्य त्राटक का वर्ल्ड रिकॉर्ड,इस रिकॉर्ड समय मे उनके साथ त्राटक क्रिया योग में समल्लित रहे,सत्यास्मि भक्त शुभम तेवतिया ओर भक्त तीर्थपाल सिंह,प्रातः यज्ञ करने के उपरांत खुले वातावरण में अपने सत्य ॐ सिद्धाश्रम में समस्त भारतवर्ष ओर विश्व को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए,यज्ञ के साथ “सत्य ॐ सिद्धायै नमः ईं फट स्वाहा” महामंत्र की जप माला करते हुए आकाश में स्थित अपनी पूर्ण तेजस्विता के साथ,उसे विश्व को देते हुए सूर्य देव को नमन करते हुए त्राटक करना प्रारम्भ किया,साथ ही भक्त शुभम तेवतिया ओर तीर्थपाल सिंह ने भी सूर्य त्राटक प्रारम्भ किया, जो ठीक सही 8 बजे से लेकर 9 बजकर 14 मिंट 20 सेकेंड तक सम्पूर्ण हुआ।

https://youtu.be/gdvpJ8ZlGgs


“जो 1 घँटा 14 मिंट 20 सेकेंड तक बना।”
अभी तक विश्व भर में किसी ने सूर्य त्राटक करते हुए इस समय तक मे विश्व रिकॉर्ड नहीं बना है।इस अवधि की साधना को देश ओर विश्व के कल्याण को समर्पित करते हुए,स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने त्राटक की महिमा के विषय मे बताया कि,सूर्य त्राटक 1 मिंट के अभ्यास को बढ़ाते बढ़ते 5 मिंट या 15 मिंट तक ही करना सबसे उत्तम रहता है,इससे अधिक करना हठयोग का विषय है,जो साधक के ढाई से 3 वर्ष के या अधिक वर्ष तक के निरंतर अभ्यास से सिद्ध होता है,यो सामान्य साधक को इससे अधिक नहीं करना चाहिए,अन्यथा आंखों की ज्योति बढ़ने के जगहां करने सूर्य की तेजस्विता बढ़ने से दृष्टि दोष बनकर आँखे खराब होने का पूरा पूरा खतरा रहता है,सूर्य त्राटक करने के बाद साधक को थोड़ी देर बाद ही,यानी दो मिनट बाद ही,अपनी आंखें ठंडे पानी से धो लेनी चाहिए।सूर्य और अन्य त्राटक विषय पर स्वामी जी के यूटीयूब चेनल swami satyandra ji पर आप देख कर ज्ञान प्राप्त कर सकते हो।

ओर पुरुषकार की प्राप्ति को लेकर किये गए प्रश्न के उत्तर में स्वामी जी बोले,की हमारी स्वामी पदवी से बड़ा पुरुषकार कोई नहीं होता है,ये स्वामी का अर्थ ही समस्त विश्व के ईश्वरत्त्व का स्वयं में समाहित करके आत्मसाक्षातकार प्राप्ति होकर अपने मे स्थिर ओर स्थित होना होने से,कोई भी संसारी पुरुषकार इस समान नहीं होता है,यो सामान्य तौर पर दिए गए या हमारे द्धारा दिलाये गए,ये पुरुषकार साधको व जनसाधारण भक्तो में साधना के प्रति उनके प्रोत्साहन का ही कार्य करते है।

आगामी विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी के विषय मे बताते हुए की,शीघ्र ही स्वामी सत्येन्द्र जी ने बताया है की,वे अपने त्राटक अभ्यासी भक्तो के साथ पूर्णिमासी के चंद्रमा पर रात्रि के समय चन्द्र त्राटक पर विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे,बस उस दिन मौसम साफ रहना चाहिए,ताकि चंद्रमा आकाश में साफ दिखता रहे,इससे त्राटक करने में सहजता रहती है।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
Www.satyasmeemission.irg

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Scroll to Top